चंडीगढ़/दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर कांग्रेस को जोरदार झटका लगा है. कांग्रेस नेता और हरियाणा के मशहूर बॉक्सर विजेंदर सिंह बीजेपी में शामिल हो गए हैं. विजेंदर ने 2019 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी. वो एक राष्ट्रीय चेहरा हैं और हरियाणा के जाट समुदाय से आते हैं. खेल के क्षेत्र में उनकी उपलब्धि और लोकप्रियता का काफी असर है.
विजेंदर सिंह एक दिन पहले तक अपने सोशल मीडिया X पर कांग्रेस के समर्थन में पोस्ट कर रहे थे. अचानक उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का फैसला करके कांग्रेस को जोर का झटका दे दिया. विजेंदर के जाने से कांग्रेस को लोक सभा चुनाव में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. कयास लगाये जा रहे हैं कि कई वजहों से विजेंदर कांग्रेस में अपना भविष्य नहीं देख पा रहे थे. विजेंदर 2019 लोक सभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए थे.
कांग्रेस में अपना भविष्य नहीं देख रहे थे विजेंदर:
विजेंदर सिंह 2019 लोक सभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो हुए थे. कांग्रेस ने उन्हें दक्षिण दिल्ली से टिकट देकर मैदान में उतारा था. इस सीट पर बीजेपी के रमेश विधूड़ी की अच्छी पकड़ मानी जाती है. इसलिए विजेंदर इस चुनाव में बुरी तरह हार गये. बीजेपी के रमेश विधूड़ी 3 लाख 70 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते. विजेंदर सिंह आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा से भी पीछे तीसरे नंबर पर रहे और उनकी जमानत जब्त हो गई. कुछ लोग कह रहे हैं कि विजेंदर को कांग्रेस में अपना भविष्य नजर नहीं आ रहा था.
भिवानी-महेंद्रगढ़ से चुनाव लड़ना चाहते थे विजेंदर?
बॉक्सर विजेंदर सिंह हरियाणा के भिवानी जिले के रहने वाले हैं. गांव कालुवास में उनका जन्म हुआ है. मार्च 2022 में अपने गांव कालुवास आये विजेंदर ने एक बार इशारों-इशारों में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोक सभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी. हलांकि उन्होंने साफ-साफ नहीं कहा और इसे आलाकमान का फैसला बताया था. बताया जा रहा है कि वो भिवानी सीट से ही चुनाव लड़ने की कोशिश में थे लेकिन कांग्रेस के अंदर इसको लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई. यही वजह है कि उन्होंने अचानक बीजेपी में जाने का फैसला किया.