देहरादून (उत्तराखंड): कंधार विमान हाईजैक को लेकर बनी वेब सीरीज IC-814 इन दिनों सुर्खियों में है. इस वेब सीरीज में कंधार हाईजैकर्स के नाम पर सोशल मीडिया पर हल्ला मचा हुआ है. देशभर में वेब सीरीज IC-814 के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. हर कोई अपने अपने तरीके तरीके से कंधार हाईजैक की व्याख्या कर रहा है. इस बीच कंधार विमान हाईजैक से तब के जुड़े वीडियोज, इंटरव्यू भी वायरल हो रहे हैं. साथ ही कंधार हाईजैक में बंधक बनाये गये लोग भी सामने आ रहे हैं. ये लोग तब की हकीकत दुनिया को बता रहे हैं. साथ ही कंधार विमान हाईजैक पर बनी वेब सीरीज IC-814 पर भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
हाईजैकर्स को हिंदू नाम देने पर विवाद:आज से लगभग 25 साल पहले 1999 में काठमांडू से दिल्ली आ रहे प्लेन को हाईजैक कर लिया गया था. इस प्लेन को कंधार में उतारा गया. तब इस प्लेन में 160 से ज्यादा लोग सवार थे. इस पूरे ऑपरेशन को लेकर कई फिल्में बन चुकी हैं. अब नेटफ्लिक्स इस घटना को लेकर वेब सीरीज IC-814 लेकर आयी है. जिस पर विवाद खड़ा हो गया है. वेब सीरीज IC-814 में हाईजैकर्स को हिंदू नाम दिये गये हैं. जिससे कई संगठन नाराज हैं. इतना ही नहीं यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया है. इस प्लेन में तब 160 से अधिक लोग सफर कर रहे थे. इन सभी में देहरादून का रहने वाली डॉक्टर अनिता जोशी भी शामिल थीं. अनिता जोशी ने तब हाईजैकर्स को कई बार ललकारा था. इतना ही नहीं हाईजैकर्स ने डॉक्टर अनीता की मदद भी ली.
हाईजैक प्लेन में दून की डॉ अनिता जोशी:देहरादून की रहने वाली डॉक्टर अनिता जोशी भी कंधार विमान हाईजैक में बंधक बनाई गई थी. आज से 25 साल पहले हुये इस हाईजैक को याद करते हुए डॉ अनिता जोशी ने बताया उत्तराखंड के उस प्लेन में लगभग 8 से 10 लोग शामिल थे. उनमें से डॉ अनिता भी एक थीं. उन्होंने बताया उत्तराखंड के आईएएस आरएस टोलिया की पत्नी भी प्लेन में थीं. उन्होंने कहा प्लेन के काठमांडू से उड़ने के 10 मिनट बाद ही अचानक से दो लोग अंदर आते हैं. वह सभी को चुपचाप बैठे रहने के लिए कहते हैं. साथ ही वे बताते हैं कि प्लेन को हाईजैक कर लिया गया है. पहले हमने इस बात को मजाक समझा. सभी ने शुरू में इसे नजरअंदाज किया. इस बीच वे बार बार धमकी दे रहे थे. कुछ देर बाद जब वे हावी होने लगे तो तब हमें अंदाजा हुआ कि हम बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं.
डॉ अनिता जोशी ने सुनाई प्लेन हाईजैक का कहानी:इसके बाद पूरे प्लेन में चिल्लाने रोने की आवाज सुनाई देने लगी. डॉ अनिता जोशी ने कहा पहले हमारे प्लेन को अमृतसर फिर लाहौर और फिर अन्य जगहों पर उतरने की बात की जा रही थी. इसके बाद प्लेन को दुबई में उतारा गया. जहां प्लेन में फ्यूलिंग की गई. यहीं पर कुछ लोगों को छोड़ा भी गया. उनमें से एक रुपेण कात्याल भी थे, जिन्हें आतंकवादियों ने घायल कर दिया था. आतंकवादियों को पता लग गया था कि मैं डॉक्टर हूं. ऐसे में उन्होंने उनकी ड्रेसिंग के लिए मुझे बुलाया. मैंने उनकी ड्रेसिंग की. जिसके बाद आतंकवादियों ने उनके शव को दुबई में ही छोड़ दिया. उनकी पत्नी बार-बार मुझे उनकी तबीयत के बारे में पूछती रही.