देवीकुंड मंदिर की जांच में छूट रहे पसीने (Video- ETV Bharat) बागेश्वर: सुंदरढूंगा ग्लेशियर के देवीकुंड में बने मंदिर निर्माण की जांच को गई टीम चौथे दिन भी मौके पर नहीं पहुंच पाई. टीम कठेलिया से वापस लौट आई है. लगातार हो रही बारिश के चलते टीम को वापस आना पड़ा. अब वह जैतोली के बजाए कर्मी में रुकी हुई है. जिस तरह मौसम का मिजाज बना हुआ है, उससे जांच में दखल आने का खतरा बढ़ गया है.
बागेश्वर के सुंदरढूंगा ग्लेशियर में मंदिर बना दिया गया है (Photo- Temple Committee) मालूम हो कि उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में देवीकुंड में मंदिर निर्माण तथा एक बाबा के कुंड में स्नान करने का वीडियो वायरल होने के बाद विवाद गहरा गया. क्षेत्र के लेागों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर मामले की जांच की मांग की. इसके बाद डीएम ने 14 सदस्यीय जांच टीम गठित की और मौका मुआयना के लिए देवीकुंड रवाना किया. चार दिन बाद भी टीम मौके पर नहीं पहुंच पाई. गुरुवार को टीम जैंतोली तक पहुंची. यहां से 20 किमी दूरी पर कुंड स्थित है.
ग्रामीणों द्वारा की शिकायत पर जांच टीम भेजी गई है (Photo- Temple Committee) शुक्रवार को टीम ने 15 किमी की यात्रा पूरी की और कठेलिया पहुंची. वहां लगातार हो रही बारिश के कारण सुंदरढूंगा नदी उफान पर आ गई. उसी के किनारे से जाने का कठिन रास्ता है. खतरे को देखते हुए टीम वापस लौट गई. शनिवार को टीम कर्मी पहुंची. अब वह दूसरे रास्ते से देवीकुंड जाने के लिए प्रयास करेगी. हालांकि यह मार्ग भी इतना आसान नहीं है. मौसम विभाग ने एक बार फिर भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
बारिश ने रोका जांच टीम का रास्ता (Photo- District Administration) बता दें कि मामले में नया मोड़ तब आया, जब वाछम के ग्रामीणों ने भी जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया और कहा कि किसी बाबा ने मंदिर नहीं बनाया. मंदिर समिति के लोगों ने मिलकर मंदिर का जीर्णोद्वार किया है. कुछ लोगों के द्वारा राजनीति की जा रही है. उन्होंने मंदिर को नहीं तोड़ने और धार्मिक आस्था को चोट नहीं पहुंचाने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर मंदिर को तोड़ा जायेगा, तो समस्त ग्रामीणों द्वारा आमरण अनशन किया जाएगा.
चार दिन बाद भी जांच टीम मंदिर तक नहीं पहुंच सकी है (Photo- District Administration) वहीं एसडीएम कपकोट अनुराग आर्य ने बताया कि ग्लेशियर क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण जांच टीम देवीकुंड नहीं पहुंच पाई है. कठेलिया से टीम को वापस लौटना पड़ा. अब दूसरा रास्ता तलाश कर रहे हैं. सोराग वाले रास्ते से टीम को भेजा जाएगा.
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