देहरादून (उत्तराखंड): दिल्ली में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में शिरकत करके वापस लौटे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आजकल केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. देहरादून वापस लौट के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर का मुद्दा उठाया है. हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ट्रंपदा अर्थात बड़ा भाई कह कर संबोधित किया है. साथ ही अमेरिका पर तीखा हमला भी बोला है. साथ ही विश्व के आर्थिक व सामरिक विषयों पर चिंता जाहिर की है.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि अमेरिका ने बीते कुछ सालों में आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों को विवाद या युद्ध में उलझाने का काम किया है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बांग्लादेश से हमारे संबंध बेहतर थे और हमें उत्तर पूर्व में शांति सुरक्षा और उग्रवादी संगठनों पर नियंत्रण पाने में मदद मिल रही थी. इन्हीं संबंधों के करण सिलीगुड़ी गलियारा जिसे चिकन नेक कहा जाता है उसकी सुरक्षा भी सुनिश्चित हुई थी. लेकिन अब आगे बढ़ते हुए भारत के सामने चिंता का कारण पैदा होता जा रहा है. जिसके चलते हमारी पूर्वी सीमाएं असुरक्षित हो गई हैं.
अब यह उम्मीद है कि इस महत्वपूर्ण बिंदु पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका से स्पष्ट रुख अपनाने का आग्रह करेंगे. जिस तरह बड़ी तेजी से महाशक्ति के रूप में पुनः स्थापित हो रहे रूस को भी युद्ध में उलझाया गया और ईरान उसके चारों तरफ मजबूत होते हुए भी मध्य पश्चिमी देशों का उभार हो रहा था. उसको रोकने के लिए भी गाजा और उसके आसपास अमेरिकी पोषित इजरायल की ओर से भयंकर बमबारी और गोलाबारी की गई. इससे वहां की सभ्यताओं के नष्ट होने का खतरा पैदा कर दिया गया है. हरीश रावत ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान कहे जाने वाले ट्रंप दा सबसे शक्तिशाली इंसान हैं और भारत के प्रधानमंत्री अपने घोषित मित्र से व्हाइट हाउस में मिलेंगे या फिर मिल रहे होंगे.
लेकिन भारत की चिंताएं बहुत सारी हैं. डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे भारतीय युवाओं की मानवीय स्टैंडर्ड से देश में वापसी के अलावा वीजा नियमों को सख्त करने की ट्रंप के निर्णय का अमेरिका जाने वाले भारतवासियों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के अलावा हाई टेक्नोलॉजी ट्रांसफर आदि मसले पर बातचीत करना महत्वपूर्ण बन जाता है. हरीश रावत का आरोप है कि बांग्लादेश में हुए तख्तापलट में अमेरिका का हाथ है और उसकी एजेंसी का हाथ रहा है. इस समय अमेरिका के घोर समर्थक के रूप नेतृत्व में बांग्लादेश की सरकार चलाई जा रही है.
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