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राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर बदले जायेंगे कमजोर पत्थर, सप्त मंदिरों के बीच बनेगा कुंड

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर लगे कमजोर पत्थर निकाले जाएंगे.

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कुछ पत्थरों की मोटाई और गुणवत्ता कम पाई गई. इनके स्थान पर मकराना के पत्थर लगेंगे. (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 7, 2024, 8:17 PM IST

अयोध्या:राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने निर्माणाधीन राम मंदिर के निरिक्षण के बाद कुछ स्थानों पर कमजोर पत्थर लगे होने की आशंका जताई है. उन्हें बदल कर मकराना मार्बल के पत्थर लगाए जायेंगे. मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय समीक्षा बैठक में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंचे हैं. यहां उन्होंने पहले दिन सभी निर्माण कार्यों का स्थलीय निरिक्षण किया गया. राम मंदिर के परकोटा निर्माण में ब्रान्स से बने 80 म्यूरल लगाए जाने की तैयारी की भी जानकारी ली.

इसको लेकर मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र जानकारी देते हुए बताया कि परकोटे में एक म्यूरल लग गया है और आगे इसमें बहुत ही सावधानी बरतनी है. कहा कि उसका भी एक वजन होता है. अभी 10 म्यूरल पहुंच चुका है. उन सभी चीजों को ध्यान में रख कर निर्णय लिया गया. इसके साथ ही एक महत्वपूर्ण स्थान को देखा कि वहां पर पत्थर कमजोर हैं. उनमें किस प्रकार से मजबूती लाना है.

उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ कमजोर पत्थरों के बदलने की आवश्यकता है. ऐसे पत्थर हटा करके उनकी जगह मजबूत पत्थर लगाने होंगे. राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर के साथ सप्त मंदिर का भी निर्माण किया जा रहा है. इन मंदिरों के बीच एक छोटा जलाशय के रूप में कुंड को तैयार किया जाएगा. इसके चारों तरफ बने रहे मंदिरों में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य के साथ निषाद राज, अहिल्या और शबरी की प्रतिमा स्थापित किया जायेगा.

इसमें सबसे पहले ऋषि मुनियों के दर्शन होंगे. इसके लिए सबसे पहला मंदिर महर्षि वाल्मीकि और उनके सामने महर्षि अगस्त्य का मंदिर होगा. मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि सात प्रकार के मंदिर में एक महर्षि वाल्मीकि का होगा. यह प्रवेश द्वार की पास रहेगा. उन्होंने बताया कि एक छोटा सा तालाब बीच में बनाया जाएगा. भक्त उसके जल का प्रयोग कर पाएंगे.

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