दिल्ली

delhi

ओडिशा : वीके पांडियन ने लिया सक्रिय राजनीति से संन्यास, वीडियो संदेश में ये कहा - VK Pandian retires from active politics

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 9, 2024, 4:31 PM IST

VK Pandian retires from active politics : ओडिशा में हुए विधानसभा चुनाव में बीजू जनता दल (बीजद) की करारी हार के बाद उठे तूफान के बीच, नौकरशाह से राजनेता बने वीके पांडियन ने रविवार को सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा की है.

VK Pandian retires from active politics
नवीन पटनायक के साथ वीके पांडियन (ANI File Photo)

भुवनेश्वर: नौकरशाह से राजनेता बने वीके पांडियन ने रविवार को सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की. उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की.

उन्होंने आम चुनाव-2024 में बीजू जनता दल (बीजद) की हार के लिए माफी मांगी है. उन्होंने वीडियो बयान में कहा 'मुझे खेद है कि मेरे खिलाफ अभियान ने पार्टी को चोट पहुंचाई है. बीजू के परिवार और कर्मचारियों से माफी मांगता हूं. मैं नवीन पटनायक की मदद करने के लिए राजनीति में आया हूं.'

पांडियन ने कहा, 'मैं अपने गुरु नवीन पटनायक की मदद के लिए ही राजनीति में आया. मैं उम्मीदवार नहीं था. मैंने राजनीति में जो भी काम किया है वह केवल ओडिशा और नवीन और पटनायक के लिए है. मेरे कामकाजी करियर के दौरान मेरे पास अपने पिता की संपत्ति को छोड़कर दुनिया में कहीं भी कोई संपत्ति नहीं है.'

पहले ये की थी पांडियन ने घोषणा: 2024 के चुनावों से पहले, वीके पांडियन ने घोषणा की थी कि अगर नवीन पटनायक छठी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने में विफल रहे तो वह सक्रिय राजनीति छोड़ देंगे. बीजेडी को 147 सीटों में से सिर्फ 51 सीटों पर जीत मिली है. बीजद की ऐसी दुर्गति के लिए विभिन्न हलकों में वीके पांडियन को दोषी ठहराया जा रहा है. इस बार पांडियन ने अकेले ही चुनाव प्रचार की कमान संभाली. जगह-जगह सभाएं और रोड किए, पार्टी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगे. जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह बीजेडी के लिए उल्टा साबित हुआ.

'ओडिशा के लोगों के लिए काम कर रहा हूं': वीडियो संदेश में पांडियन ने कहा कि मैं एक सामान्य परिवार से आता हूं. मेरा सपना आईएएस बनने का था. मैं भगवान जगन्नाथ की वजह से आईएएस बना. मैं केंद्रपाड़ा में अपने परिवार के कारण ओडिशा आया था. एक भारतीय प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर मैंने ओडिशा के विभिन्न स्थानों में नवीन बाबू की मदद करने और जनता के लिए काम करने का काम किया है. मैंने पूंजी के क्षेत्र में बहुत काम किया है. मैं ओडिशा के 30वें जिले से सेवानिवृत्त होने के बाद राजनीति में आया, मैं वहां नहीं था. मैंने कोई पद नहीं लिया या उम्मीदवार नहीं बना.'

पांडियन ने माफी मांगी: 'अंत में, अगर मैं बीजद की हार के लिए जिम्मेदार हूं, तो मैं बीजू परिवार के लाखों सदस्यों से माफी मांगता हूं.' राजनीति से दूर रहने का फैसला करने वाले पांडियन ने कहा, अगर मैंने किसी को ठेस पहुंचाई है, तो मुझे खेद है. ओडिशा के लोग हमेशा दिल में रहेंगे और नवीन पटनायक हमेशा उनके गुरु रहेंगे.'

नवीन पटनायक ने कल पांडियन के खिलाफ चल रही आलोचनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. हालांकि बताया जाता है कि पार्टी की चुनावी हार के बाद पांडियन बीजेडी के भीतर निशाने पर थे. हाल ही में भुवनेश्वर के शंख भवन में आयोजित एक बैठक के दौरान युवा बीजेडी नेताओं ने पांडियन और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ खुलेआम नारेबाजी की थी.

गौरतलब है कि ओडिशा में भाजपा ने 147 सदस्यीय विधानसभा में 78 सीटें जीतकर बीजद के 24 साल के शासन को समाप्त करते हुए सत्ता हासिल की है. ​​दूसरी ओर, पटनायक के नेतृत्व वाली पार्टी ने 51 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 14 और सीपीआई (एम) ने एक सीट जीती. बीजद राज्य में लोकसभा की कोई भी सीट जीतने में विफल रही, जबकि भाजपा ने 20 और कांग्रेस ने एक सीट जीती है.

ये भी पढ़ें

चुनाव के बाद नवीन पटनायक के 'साए' ने छोड़ा साथ, गायब हुए वीके पांडियन

ABOUT THE AUTHOR

...view details