देहरादून: उत्तराखंड के हल्द्वानी का बनभूलपुरा एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है. आज से ठीक एक साल पहले भी बनभूलपुरा एकाएक चर्चाओं में आया था. जब सुप्रीम कोर्ट से हजारों परिवारों को राहत मिली थी. तब इस इलाके में जश्न मनाया गया. पटाखे जलाए गए और जश्न मनाया गया था, लेकिन आज ठीक एक साल बाद यह इलाका हिंसा की आग में धधक रहा है.
साल 2023 में इस वजह से चर्चाओं में आया था बनभूलपुरा: हल्द्वानी का बनभूलपुरा साल 2023 के जनवरी महीने में तब सुर्खियों में आया था, जब सुप्रीम कोर्ट से इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को मानवीय पहलू के आधार पर राहत मिली थी. दरअसल, पूरा मामला रेलवे भूमि अतिक्रमण से जुड़ा था. मामले के तहत साल 2013 में गौला नदी में अवैध खनन के बाद एक पुल धराशायी हो गया था. इसके बाद मामला उछला और हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई.
याचिका दायर होने और सुनवाई के दौरान इस क्षेत्र के रिहायशी इलाकों को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. उस वक्त ये बताया गया था कि रेलवे की करीब 78 एकड़ की जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण किया है. इस अतिक्रमण में करीब 4 हजार घर, सरकारी स्कूल, अस्पताल और मंदिर के साथ मस्जिद भी शामिल हैं. ऐसे में रेलवे की भूमि पर काबिज 4 हजार से ज्यादा घरों को हटाने के लिए रेलवे ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी.
नैनीताल हाईकोर्ट ने रेलवे को इन घरों को खाली कराने का आदेश दे दिया. जिसके बाद रेलवे ने हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रणकारियों को सार्वजनिक नोटिस जारी किया. इसमें हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से 2.19 किमी दूर तक अतिक्रमण हटाया जाना शामिल है. लिहाजा, अतिक्रमणकारियों को खुद ही अतिक्रमण हटाने को लेकर 7 दिन का समय दिया गया. रेलवे की ओर से जारी नोटिस में कहा गया था कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन 82.900 किमी से 87.710 किमी के बीच रेलवे की भूमि पर सभी अनाधिकृत कब्जों को तोड़ा जाएगा.