वाराणसी : ज्ञानवापी मामले को लेकर कमीशन कार्रवाई के दौरान परिसर में मिले कथित शिवलिंग को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन हितेश अग्रवाल की अदालत में सुनवाई होगी. आदिविशेश्वर की पूजा-पाठ, राग भोग के लिए दाखिल अर्जेंट वाद पर सुनवाई होगी. इस मामले को चुनौती देते हुए मस्जिद की देखरेख करने वाली समिति अंजुमन इंतजामिया ने पिछले दिनों प्रकरण के पोषणीय न होने का एप्लीकेशन दिया था. इसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया था.
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्य शैलेद्र योगी राज की तरफ से आदिविश्वेश्वर की पूजा-अर्चना के लिए दाखिल अर्जेंट वाद पर सुनवाई पिछली तारीख 20 मई को टल गई थी. सिविल जज सीनियर डिवीजन हितेश अग्रवाल की अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 23 मई का दिन निर्धारित किया था. आज इस पर सुनवाई होनी है.
वादी शैलेंद्र योगी की तरफ से एप्लीकेशन देकर आदिविशेश्वर की पूजा तत्काल शुरू कराए जाने की अपील की गई है. शैलेंद्र योगी ने वाद मित्र बनकर इस मुकदमे में आगे बढ़ाने की अपील भी की है. इसका विरोध मसाजिद कमेटी ने किया था. वादी के अधिवक्ता डॉ. एसके द्विवेदी ने कमेटी की दलील का भी विरोध किया था. अदालत में पिछली तारीख के दौरान मस्जिद कमेटी की दलील थी कि इस वार्ड विशेष से पूजा स्थल अधिनियम बाधित होता है. इसके बाद यह वक्फ बोर्ड की संपत्ति होने की वजह से यहां पूजा-पाठ का अधिकार नहीं मिल सकता. इस एप्लीकेशन को कोर्ट ने पिछले दिनों खारिज कर दिया था.
पिछली तिथि पर इस एप्लीकेशन के खारिज होने के बाद आज इस मामले में आगे बहस जारी रहेगी. हिंदू पक्ष यानी वादी के अधिवक्ता के द्वारा हाईकोर्ट की तरफ से निर्णय की प्रति भी दाखिल की गई है. इसमें कहा गया है कि ज्ञानवापी मामले में विशेष पूजा स्थल अधिनियम लागू नहीं होता है. हालांकि अदालत में हिंदू पक्ष की दलील के बाद मस्जिद के जवाब को ठोस आधार न मानते हुए इसे खारिज किया था.
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