सुर्खियों में उत्तराखंड बीजेपी कार्यसमिति की बैठक (ETV Bharat) देहरादून: लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी सभी राज्यों में कार्यसमिति की बैठक कर रही है. कार्यसमिति की इन बैठकों में हार की वजहों की समीक्षा की जा रही है. साथ ही आगामी रणनीतियों पर भी मंथन किया जा रहा है. इन सबके इतर भाजपा कार्य समिति की बैठकें नेताओं की बयानबाजी को लेकर सुर्खियां बटोर रही हैं. पहले यूपी कार्य समिति की बैठक के वीडियोज ने सियासी गलियारों में हड़कंप मचाया. अब उत्तराखंड भाजपा कार्यसमिति की बैठक भी चर्चाओं में हैं. उत्तराखंड भाजपा कार्यसमिति बैठक के दो वीडियो सोशल मीडिया में तैर रहे हैं. जिसके उत्तराखंड का सियासी माहौल गर्म है.
तीरथ का भाषण, लगा तंज सा तीखा, खूब बजी तालियां: उत्तराखंड भाजपा कार्यसमिति की बैठक में बड़े बड़े नेता, पदाधिकारी, कार्यकर्ता हुए. बैठक में कई नेताओं ने संबोधित किया. भाजपा वरिष्ठ नेता विजय बहुगुणा, तीरथ सिंह रावत के भाषण ने सभी कार्यकर्ताओं को तालियां बजाने पर मजबूर किया. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत का इस लोकसभा चुनाव में टिकट काटा गया. कार्यसमिति की बैठक में उनका दर्द छलकता नजर आया. तीरथ सिंह रावत ने अपने लच्छेदार भाषण में बताया कार्यकर्ता ही पार्टी में महत्वपूर्ण है. कुर्सी कभी भी किसी की स्थाई नहीं है. यह भाषण हाल ही में हुए उपचुनाव नतीजों के बाद तंज के रूप में देखा जा रहा है. तीरथ सिंह रावत ने अपने भाषण में कई कार्यकर्ता के सम्मान की बात कही. उन्होंने कहा कोई भी चीज कार्यकर्ताओं पर थोपी नहीं जानी चाहिए.
'शेर की खाल में छुपे हुए भेड़िए', किसकी ओर इशारा:इस कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संबोधन ने भी राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी. सीएम धामी ने कार्यसमिति की बैठक में भाजपा के साथ ही राज्य सरकार के विकासकार्यों की जानकारी दी. सीएम धामी ने कहा प्रदेश में सारे काम अच्छे हो रहे हैं. चारधाम यात्रा बहुत अच्छी चल रही है. इसके बाद भी धर्म क्षेत्र और जाति के नाम पर कुछ लोग गलत बयानबाजी कर रहे हैं. प्रदेश में लोगों को भ्रमित करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि- प्रदेश में शेर की खाल में भेड़िए छिपे हुए हैं. सीएम धामी के इस बयान के कई मतलब निकाले जा रहे हैं.
बीजेपी नेताओं के बयान वायरल, विपक्ष ने ली चुटकी: भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की इस बैठक में बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने कई बयान दिये. इन बयानों के बाद प्रदेश के बुद्धिजीवी और राजनीतिक जानकार भी सक्रिय हो गये हैं. सभी इन बयानों की अपने अपने हिसाब से समीक्षा कर रहे हैं. उत्तराखंड की राजनीति के जानकार गजेंद्र रावत लिखते हैं कि-
पौड़ी लोकसभा से टिकट कटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ,पूर्व भाजपा अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत भाजपा की कार्यसमिति में सबसे ज्यादा चर्चा में रहे. भाजपा कार्यकर्ताओं को सम्मान न मिलने की बात से भाजपा सरकार और संगठन में उबाल आने की संभावना है. तीरथ सिंह रावत ने कहा जनता आगे बढ़ चुकी है, हम पीछे रह गए हैं. पदों पर बैठे लोगों को आईना दिखाते हुए तीरथ सिंह ने कहा जमीन छोड़कर चलने वालों को इस बात को याद रखना होगा जो आज यहां बैठे हैं कोई बड़ा आदमी नहीं है, कल आखिर में भी हो सकते हैं. सबसे ज्यादा चर्चा इस बयान की हो रही है जो तीरथ सिंह ने बदरीनाथ और मंगलौर उपचुनाव में प्रत्याशी चयन को लेकर कही. उन्होंने भाजपा में प्रत्याशी थोपने पर दलबदलुओं की उपस्थिति में जबरदस्त तंज कसा. लोकसभा चुनाव में तीरथ सिंह और निशंक के टिकट कटने के बाद तीरथ सिंह का यह हमला राजेंद्र भंडारी, करतार सिंह भड़ाना पर नहीं ऐसे दलबदलुओं की पैरवी करने वालों पर था.
अटैकिंग मोड में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष:वहीं, विपक्ष की तरफ से भी इस पर प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि यह बीजेपी का अंदरूनी मामला है. हालांकि, कार्यसमिति बैठक से कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह नहीं भरा जा सकता. कार्यकर्ताओं को एक अच्छा प्रत्याशी दिया जाए तब कार्यकर्ता उत्साहित होता है. उन्होंने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी में आधे से ज्यादा कैबिनेट मंत्री कांग्रेस से गए नेता हैं. अब भाजपा कार्यकर्ता भी इस बात को समझ रहे हैं. करन माहरा ने कहा कि- भाजपा दल बदल कर आने वाले लोगों से पूरी तरह से भरी हुई है और इसका असर कार्यसमिति की बैठक में उनके नेताओं के बयानों में देखने को मिला है.
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