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बिहार को 3 ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, सरल भाषा में समझिए आम Airport से कितना अलग होता है - UNION BUDGET 2025

बजट में बिहार में तीन नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने की घोषणा हुई है. क्या होता है ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट? यह आम एयरपोर्ट से कितना अलग है?

Bihar Gets Three Greenfield Airport
बिहार में तीन ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 1, 2025, 10:07 PM IST

पटना :मोदी सरकार के बजट में चुनाव से पहले बिहार को कई सौगातें मिली हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना 8वां बजट पेश करते हुए बिहार के लिए तीन ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का ऐलान किया. वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में तीन ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाएगा. इससे हवाई यातायात बढ़ेगा और कनेक्टिविटी और बेहतर होंगी.

बिहार के इन जिलों में बनेंगे ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट :इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बिहार के लिए केंद्र ने बड़ी घोषणा है. बिहार के सोनपुर, राजगीर और भागलपुर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के प्रस्ताव पर बजट में मुहर लगने से इन जिलों से दूसरे राज्य और दूसरे देश जाना आसान होगा. इन एयरपोर्ट के निर्माण से लोगों के समय और पैसे की बचत होगी.

''ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बिहार जैसे राज्य के लिए महत्वपूर्ण है. इसमें पर्यावरण का ख्याल रखा जाता है और कम से कम प्रदूषण हो इसके लिए व्यवस्था की जाती है. राजगीर, भागलपुर और सोनपुर तीनों जगह ऐसे हैं जो किसी न किसी रूप में बौद्ध धर्म से जुड़े हैं.''- डॉक्टर विद्यार्थी विकास, अर्थशास्त्री

यहां ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट होंगे विकसित : वित्त मंत्री के मुताबिक, बिहार में तीन ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पटना एयरपोर्ट और बिहटा एयरपोर्ट (ब्राउनफील्ड) के अतिरिक्त है. साथ ही बिहार में 8 ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट बनाये जाने का प्रावधान भी बजट में किया गया है. जिनमें बेगूसराय, मुंगेर, गोपालगंज, मोतिहारी, रक्सौल, पूर्णिया, वाल्मीकिनगर और सहरसा हवाई अड्डा को विकसित किया जाएगा. अब आइए जानते हैं कि आखिर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट होता क्या है और यह आम एयरपोर्ट से कैसे अलग होता है?.

ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पर विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया (Etv Bharat)

क्या है ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट : ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का निर्माण ऐसी जमीन पर होता है, जहां पहले से कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया गया हो. आसान भाषा में समझें तो खाली या नई जमीन पर बनाए गए एयरपोर्ट को ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट कहा जाता है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट :एविएशन एक्सपर्ट अतुल सिंह बताते हैं कि, एयरपोर्ट को दो भाग में बांट कर हम ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के बारे में समझ सकते हैं. एयरपोर्ट दो तरह का होता है. ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट जो कि रिहायशी एरिया में बनाया जाता है. और जहां पर से भारी संख्या में यात्री हवाई सफर करते हैं. ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, ऐसा एयरपोर्ट जो कम विकसित क्षेत्रों में शहर से दूर बनाया जाता है. ध्यान यह भी रखा जाता है कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने के समय कहीं भी लोगों को पुनर्वास करने की जरूरत नहीं पड़े.

आम एयरपोर्ट और ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट में फर्क : आम एयरपोर्ट और ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट में सबसे बड़ा फर्क यह होता है कि आमतौर पर शहर में मौजूद एयरपोर्ट के ट्रैफिक को कम किया जा सके. ऐसे एयरपोर्ट को बनाने में पर्यावरण का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है. वहां हरियाली का ख्याल रखा जाता है. पेड़-पौधे के अलावा जगह-जगह पर झाड़ियों को भी छोड़ दिया जाता है.

ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

''कुल मिलाकर कम लागत में अनुपयोगी भूमि पर जो एयरपोर्ट और अविकसित क्षेत्र में बनाया जाता है, उसे ही ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट कहा जाता है. ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने में कम खर्च भी लगता है. साथ ही इसमें पर्यावरण के दृष्टिकोण से ऐसा बनाया जाता है जिससे कि पर्यावरण को खतरा भी नहीं हो और सारी सुविधाएं यात्रियों को उपलब्ध हो.''- अतुल सिंह, एविएशन एक्सपर्ट

नए सिरे से भूमि का होता है अधिग्रहण : ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के पास इतनी जमीन होती है कि बाद में भी इसका विस्तार भी किया जा सकता है. तमाम तरह की अत्याधुनिक सुविधाएं पर्यटकों के लिए बहाल की जाती है. सरकार नए सिरे से भूमि का अधिग्रहण करती है और ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को विकसित किया जाता है.

2500 एकड़ से अधिक भूमि में किया है निर्माण :इसका निर्माण ढ़ाई हजार एकड़ से अधिक की जमीन पर किया जाता है. इसमें 1800 से अधिक यात्रियों की क्षमता होती है. मुख्य रूप से शहर से 30 किलोमीटर की दूरी पर ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का निर्माण किया जाता है और इसके निर्माण में 1500 करोड़ से अधिक खर्च होते हैं. अब आइये ग्राफिक्स के जरिये समझते हैं कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की जरूरत क्यों होती हैं?.

क्या है ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पॉलिसी: सरकार ने इसके लिए एक ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा (GFA) पॉलिसी, 2008 तैयार किया है. सिविल एविएशन की रिपोर्ट की मानें तो ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के कामकाज पर नजर रखने के लिए एक स्टीयरिंग कमेटी होती है. इससे जुड़े तमाम अधिकार इस कमेटी के पास होता है. ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण से संबंधित सरकारी एजेंसी की हरी झंडी जरूरी होती है. जमीन की पहचान करनी होती है. साइट क्लीयरेंस और मंजूरी के बाद निर्माण कार्य शुरू होता है.

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देश में कितने ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट? :अभी देश में 10 से ज्यादा ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे चालू हैं, जिनमें दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल), शिरडी (महाराष्ट्र), कन्नूर (केरल), पाक्योंग (सिक्किम), ओरवाकल (कुर्नूल), सिंधुदुर्ग (महाराष्ट्र), कुशीनगर (उत्तर प्रदेश), ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश), मोपा (गोवा) कलबुर्गी (कर्नाटक) और शिवमोग्गा (कर्नाटक) आदि शामिल है. जबकि भारत सरकार ने 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए 'सैद्धांतिक' मंजूरी दे दी है.

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''ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के जरिए बिहार में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. इससे उद्योग का भी विकास होगा. ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पर इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होते हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है.''- डॉक्टर अविरल पांडे, अर्थशास्त्री

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