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यूसीसी को लेकर बड़ी खबर, 12 जुलाई को सार्वजनिक की जाएगी रिपोर्ट, अक्टूबर में लागू करने की तैयारी - Uttarakhand Uniform Civil Code

UCC report will be made public, Uttarakhand Uniform Civil Code 12 जुलाई को यूनिफॉर्म सिविल कोड का रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी. इस रिपोर्ट को यूसीसी की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. यूसीसी रिपोर्ट हिंदी और इंग्लिश में अपलोड की जाएगी. इसके बाद अक्टूबर महीने तक उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जा सकता है.

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यूसीसी को लेकर बड़ी खबर (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 11, 2024, 5:32 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की प्रक्रिया उत्तराखंड सरकार ने तेज कर दी है. संभावना जताई जा रही है कि अक्टूबर महीने तक यूनिफॉर्म सिविल कोड को उत्तराखंड में लागू कर दिया जाएगा. वर्तमान समय में यूसीसी नियमावली तैयार करने के लिए गठित कमेटी ने काम लगभग पूरा कर लिया है. साथ ही उच्च पोर्टल भी तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. यूसीसी का नियमावली तैयार होने के बाद राज्य सरकार प्रदेश में यूसीसी को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगी. उससे पहले उत्तराखंड सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड के रिपोर्ट को सार्वजनिक करने जा रही है.

दरअसल, यूनिफॉर्म सिविल कोड की नियमावली तैयार करने के लिए पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी शुक्रवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड का रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी. यूसीसी की वेबसाइट पर यूसीसी रिपोर्ट अपलोड कर सार्वजनिक की जाएगी. यूसीसी की वेबसाइट पर यूसीसी रिपोर्ट हिंदी और इंग्लिश दोनों में अपलोड की जाएगी. जिससे जनता आसानी से यूसीसी को समझ सकें.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए यूसीसी नियमावली तैयार करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने बताया शुक्रवार को यूसीसी रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया जाएगा. कमेटी के सदस्य एवं समाजसेवी मनु गौड़ ने बताया यूसीसी रिपोर्ट को लेकर तमाम लोगों की क्वेरी आ रही है. साथ ही इस रिपोर्ट के लिए तमाम लोगों की ओर से आरटीआई भी गई थी. जिसके चलते यूसीसी लागू करने से पहले यूसीसी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया गया है. शुक्रवार यानी 12 जुलाई को यूनिफॉर्म सिविल कोड का रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी.

यूसीसी के किए गए मुख्य प्रावधान

  • समान नागरिक संहिता लागू होने से समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर लगाम लगेगी.
  • किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून प्रभावित नहीं होंगे.
  • बाल और महिला अधिकारों की सुरक्षा करेगा यूसीसी
  • विवाह का पंजीकरण होगा अनिवार्य. पंजीकरण नहीं होने पर सरकारी सुविधाओं का नहीं मिलेगा लाभ.
  • पति-पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह करना होगा प्रतिबंधित.
  • सभी धर्मों में विवाह की न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए 21 साल और लड़कियों के लिए 18 साल निर्धारित.
  • वैवाहिक दंपत्ति में यदि कोई एक व्यक्ति बिना दूसरे व्यक्ति की सहमति के अपना धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने और गुजारा भत्ता लेने का होगा अधिकार.
  • पति पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय 5 वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी, बच्चे के माता के पास ही रहेगी.
  • सभी धर्मों में पति-पत्नी को तलाक लेने का समान अधिकार होगा.
  • सभी धर्म-समुदायों में सभी वर्गों के लिए बेटा-बेटी को संपत्ति में समान अधिकार.
  • मुस्लिम समुदाय में प्रचलित हलाला और इद्दत की प्रथा पर रोक लगेगी.
  • संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं होगा.
  • नाजायज बच्चों को भी उस दंपति की जैविक संतान माना जाएगा.
  • किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति में उसकी पत्नी और बच्चों को समान अधिकार मिलेगा.
  • किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार को संरक्षित किया जाएगा.
  • लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा.
  • लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस युगल का जायज बच्चा ही माना जाएगा. उस बच्चे को जैविक संतान की तरह सभी अधिकार प्राप्त होंगे.

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