हल्द्वानी (उत्तराखंड): क्या अल्मोड़ा जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी ने संन्यास ले लिया है? ये सवाल तब जोरों से उठा जब प्रकाश पांडे अपने पिता की मौत के बाद उनके पीपलपानी संस्कार में शामिल होने हल्द्वानी पहुंचा. इस दौरान प्रकाश पांडे को संन्यासियों की तरह गेरुवा वस्त्र पहने देखा गया. प्रकाश पांडे को पिता के पीपलपानी को लेकर अल्मोड़ा जेल से सात घंटे की पैरोल पर छोड़ा गया था. दरअसल, कुछ दिनों पहले नेपाल काठमांडू के नाथ संप्रदाय के आचार्य दंडीनाथ महाराज ने भी इसका दावा किया था.
प्रकाश पांडे उर्फ पीपी के बदले स्वरूप को देखकर इस बात की अटकलें लगने लगीं कि प्रकाश पांडे ने संन्सास ले लिया है. नाथ संप्रदाय के आचार्य दंडीनाथ महाराज ने भी बीते दिनों अपने एक्स (ट्विटर) हैंडल पर अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी के संन्यास को लेकर फोटो भी जारी किया था. प्रकाश को दीक्षा देने का दावा करने वाले दंडीनाथ महाराज ने ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि सारी प्रक्रिया प्रशासन की देखरेख में हुई है. जेल में उन्होंने अपना आधार कार्ड दिया और वहां बकायदा रजिस्टर में अपने सिग्नेचर किए हैं. उन्होंने कहा कि प्रकाश पांडे का पिछला समय क्या रहा है, इस बात से उनका कोई लेना-देना नहीं है.
दंडीनाथ महाराज ने बताया कि 14 साल से जेल में रहकर वो साधना कर रहा है. उसने किसी माध्यम से योगी प्रकाशनाथ बनने और नाथ संप्रदाय से जुड़ने की इच्छा जताई थी, जिसके बाद उनके साथ एक और वेदपाठी बीती 28 मार्च को अल्मोड़ा जेल पहुंचे और प्रकाश से मिलकर उसके कान में मंत्र दीक्षा दी. उसे एक दंड भी दिया जिसे वो अपने साथ रख सकता है. इसके साथ ही प्रकाश पांडे का नाम योगी प्रकाशनाथ दिया गया.
नाथ संप्रदाय के आचार्य दंडीनाथ महाराज ने बताया कि 14 साल के बाद प्रकाशनाथ जेल से बाहर आया है क्योंकि उसके पिता की मृत्यु हुई है. उसका पिछला इतिहास कुछ भी रहा हो लेकिन उम्मीद है कि वो अब सही रास्ते पर है और इसी वजह से उसे दीक्षा दी गई है.