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क्या उत्तराखंड से ही तिरुपति मंदिर में जा रहा था मिलावटी घी? ईटीवी भारत ने की पड़ताल, सच जान चौंक जाएंगे आप

तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद में उत्तराखंड के हरिद्वार जिले की डेयरी का नाम आया सामने. खाद्य सुरक्षा विभाग टीम ने इस डेयरी में छापेमारी की.

tirupati prasad adulterated ghee case
तिरुपति प्रसाद मिलावटी घी मामला (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 7, 2024, 9:39 PM IST

Updated : Oct 7, 2024, 10:14 PM IST

देहरादून: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद में उत्तराखंड का कनेक्शन सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि जिस मिलावटी घी से तिरुपति मंदिर का प्रसाद यानी लड्डू बनाए जा रहे थे, वो उत्तराखंड के हरिद्वार जिले से ही सप्लाई हो रहा था. इन आरोपों में कितनी हकीकत है, ईटीवी भारत ने भी इसका पता लगाने की कोशिश की है.

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावटी घी का मामला सामने के बाद उत्तराखंड में भी घी के सैंपल लिये गये. साथ ही खाद्य पदार्थों की जांच की जा रही है. वहीं, दो दिन पहले खाद्य विभाग की टीम को जानकारी मिली कि हरिद्वार जिले के भगवानपुर क्षेत्र में स्थित एक फैक्ट्री से भी तिरुपति मंदिर में घी सप्लाई किया गया था. इसके बाद 6 अक्टूबर को खाद्य सुरक्षा विभाग टीम भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड पहुंची. जिसके बाद वहां छापेमारी की गई.

खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने शिकायत के बाद हरिद्वार जिले में घी की फैक्ट्री पर छापा मारा था. (ETV Bharat)

दो महीने बंद पड़ा है प्लांट!: खाद्य सुरक्षा विभाग ने मौके पर जांच पड़ताल कर पाया कि उस जगह पर बीते दो महीने से कोई घी ही नहीं बना है. इसके अलावा फैक्ट्री में कोई अधिकारी भी नहीं था, जिससे टीम कुछ पूछताछ कर पाती. हालांकि टीम को वहां से घी के खाली रैपर जरूर मिले हैं. साथ ही ये बात भी सामने आई है कि वहां पर घी की कोई मैन्युफैक्चरिंग नहीं हो रही थी. आखिर क्यों दो महीने से फैक्ट्री में घी नहीं बनाया जा रहा था, ये सवाल अभी भी अबूझ है.

खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को मौके से कुछ रैपर जरूर मिले है. (ETV Bharat)

फैक्ट्री प्रबंधन से मांगा गया रिकॉर्ड:टीम में जिला खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी महिमानंद जोशी और भगवानपुर क्षेत्र के खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी दिलीप जैन के साथ अन्य कर्मचारी भी फैक्ट्री में पहुंचे थे. दिलीप जैन ने बताया उन्होंने फैक्ट्री के प्रबंधन से दो साल के रिकॉर्ड मांगे हैं. यह रिकॉर्ड इसलिए मांगे हैं, ताकि पुष्टि हो सके कि उनके यहां बना घी किस-किस राज्य में सप्लाई किया गया है.इसके बाद ही पता लग पाएगा कि भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड का घी तिरुपति मंदिर भेजा गया था या नहीं. उसके बाद ही वे सेंट्रल DO डिपार्टमेंट और एफएसआई को रिपोर्ट करेंगे.

फैक्ट्री प्रबंधन ने विभाग को अभी तक नहीं दिया कोई जवाब: दिलीप जैन ने बताया उन्हें केंद्रीय डिपार्टमेंट की तरफ से लेटर मिला था, जिसके बाद ही वो भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड में पहुंचे. दिलीप जैन के मुताबिक जब उनकी टीम फैक्ट्री में पहुंची तो उन्हें वहां कोई नहीं मिला. हालांकि विभाग के अधिकारियों ने फैक्ट्री प्रबंधन के कई लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी बात करने को तैयार नहीं था. बाद में फैक्ट्री के मैनेजर ने सात अक्टूबर शाम को तमाम रिपोर्ट के साथ खाद्य सुरक्षा विभाग के कार्यालय में आने की बात कही थी.

ईटीवी भारत ने सात अक्टूबर शाम पांच बजे के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी दिलीप जैन से बात की. जिसमें आगे की कार्रवाई के बारे में जाना. दिलीप जैन ने ईटीवी भारत को बताया कि भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से अभी तक कोई भी पत्राचार नहीं हुआ है. अब उनकी टीम इस मामले की आगे की कार्रवाई करेगी. ये मामला बेहद गंभीर है, लिहाजा वो जल्द ही अपनी रिपोर्ट आगे भेजेंगे. दिलीप जैन ने बताया वो अपनी रिपोर्ट में इस कंपनी का लाइसेंस रद्द करने और अन्य कार्रवाई के बारे में लिखेंगे. उन्होंने कहा कंपनी ने मांगने के बाद भी कोई पेपर उपलब्ध नहीं करवाए हैं.

कंपनी का पक्ष भी जाना: ईटीवी भारत ने इस मामले में भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजर हरि मोहन राणा से भी फोन पर संपर्क किया. हरिमोहन राणा ने बताया उनकी फैक्ट्री में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम आई थी. उन्होंने टीम से थोड़ा समय मांगा है. उनकी लीगल टीम चार से पांच दिन में खाद्य सुरक्षा विभाग को सभी रिकॉर्ड उपलब्ध करा देगी. इससे ज्यादा हरिमोहन राणा आगे कुछ भी बताने से इनकार किया.

गढ़वाल कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश:वहीं आज सात अक्टूबर को गढ़वाल कमिश्नर तरफ से भी आदेश जारी किए गए हैं, जिसमें खाद्य सुरक्षा विभाग को निर्देश दिए गए है कि प्रदेश में जहां भी मिलावट की आशंका हो, चाहे वो मंदिर या फिर दुकान चेकिंग अभियान चलाया जाये. वहां से सैंपल लिए जाए. इसके साथ ही चारधाम और अन्य मंदिरों में चढ़ने वाले प्रसाद को लेकर भी सतर्कता बरतें. यह सुनिश्चित करें कि किसी भी तरह की कोई भी मिलावट प्रसाद या अन्य सामग्री में ना पाई जाए.

अब तक हुई इनकी सैंपलिंग: तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद के बाद उत्तराखंड में भी राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग लगातार अभियान चलाकर दुकानों से घी और अन्य पदार्थों के सैंपल ले रहे हैं. विभाग के मुखिया ताजपर सिंह भंडारी ने कहा कि भगवानपुर मामले को भी वो गंभीरता से देख रहे हैं. वैसे ये मामला केंद्रीय खाद्य सुरक्षा विभाग का है, लेकिन उनके पास सूचना आई थी, जिसके बाद उन्होंने जांच के लिए टीम को मौके पर भेजा. उसकी टीम जल्द ही केंद्रीय टीम को इस पूरे मामले की रिपोर्ट देगी.

उन्होंने बताया तिरुपति लड्डू विवाद के बाद उनकी टीम पूरे राज्य से करीब 111 घी के सैंपल ले चुकी है. जिनको टेस्टिंग के लिए भेजा गया है. इसके साथ ही 130 मिठाई के सैंपल भी इस दौरान लिए गए हैं. त्योहारों में इस अभियान को और तेज कर दिया जाएगा.

कांग्रेस ने कसा तंज: तिरुपति मंदिर में जाने वाले घी हरिद्वार जिले से ही जा रहा था या नहीं ये तो अभी तक साफ नहीं हो पाया है, लेकिन कांग्रेस ने इस मामले पर बीजेपी को घेरना जरूर शुरू कर दिया. कांग्रेस प्रवक्ता गरीमा दसौनी का कहना है कि यह उत्तराखंड सरकार के लिए और राज्य के लिए बेहद शर्मसार करने वाली बात है कि बीजेपी शासित राज्य में इस तरह के कृत्य हो रहे हैं, जिसकी सरकार को खबर तक नहीं है.

क्या है पूरा विवाद:दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि पूर्व सीएम वाईएसआरसीपी जगन सरकार के कार्यकाल में तिरुपति बाला जी मंदिर में बनने वाले प्रसाद यानी लड्डू को बनाने में मिलावटी घी का इस्तेमाल हुआ है. तभी से ये मामला चर्चाओं में है.

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Last Updated : Oct 7, 2024, 10:14 PM IST

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