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स्पेशल इंवेस्टिगेशन सेल करेगी UPRNN में ₹130 करोड़ के घोटाले की जांच, देहरादून में 6 मुकदमे दर्ज - UP NIRMAN NIGAM

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम में हुए घोटालों की जांच स्पेशल इंनेस्टिगेशन सेल को ट्रांसफर कर दी गई है.

UP NIRMAN NIGAM
यूपी निर्माण निगम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 25, 2025, 3:34 PM IST

देहरादून: उत्तर प्रदेश निर्माण निगम के कामों में 130 करोड़ रुपए के घोटाले सामने आए हैं. इस मामले में देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में 6 मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं. अब इन मामलों को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन सेल को ट्रांसफर कर दिया गया है.

नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने पर्यटन विभाग, आईटीआई, दून मेडिकल कॉलेज समेत अन्य सरकारी परियोजनाओं में पैसों की हेराफेरी, निर्माण कार्यों में गड़बड़ी और धन के दुरुपयोग के मामलों में 130 करोड़ की वित्तीय अनियमिताएं और गबन के संबंध में मुकदमे दर्ज किए हैं. साथ ही पुलिस को मामले में अधिकारियों की विभागीय जांच की रिपोर्ट का इंतजार है. देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने स्पेशल इंवेस्टिगेशन सेल को निर्देशित किया है कि सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाए.

स्पेशल टीम करेगी उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम में हुए घोटालों की जांच. (ETV Bharat)

बता दें कि, साल 2012 से 2018 के बीच उत्तराखंड सरकार ने उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) को प्रदेश में आईटीआई संस्थानों के भवन, डिजास्टर रिलीफ सेंटर के निर्माण कार्य, पर्यटन विभाग के निर्माण कार्य, बैकअप एनर्जी प्रोजेक्ट और दून मेडिकल कॉलेज के ओपीडी ब्लॉक भवन के निर्माण के साथ अन्य कई करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट दिए थे.

आरोप है कि इन्हीं 6 सालों में निर्माण निगम के तत्कालीन अधिकारियों ने लेखा अधिकारी के साथ मिलकर करीब 130 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला कर दिया. इस घोटाले की भनक जब उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को लगी तो पूरे प्रकरण की विस्तृत विभागीय जांच साल 2019 में शुरू हुई.

तब सहायक लेखाधिकारी को तत्काल बर्खास्त भी कर दिया गया था. विभागीय जांच में यह बात सामने आई थी कि निगम के तत्कालीन अधिकारियों ने मनमाने ढंग से निर्माण कार्यों के नाम पर जमकर लूट की. इतना ही नहीं, एक प्रोजेक्ट में तो जमीन को प्राप्त किए बिना ही करोड़ों रुपए का भुगतान भी कर दिया गया.

विभागीय जांच पूरी होने के बाद यूपीआरएनएन यूनिट वन के अपर परियोजना प्रबंधक ने निगम के पूर्व 6 अधिकारियों- तत्कालीन परियोजना अधिकारी शिव आसरे शर्मा, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक प्रदीप कुमार शर्मा, सहायक लेखाधिकारी राम प्रकाश गुप्ता, सतीश कुमार उपाध्याय स्थानिक अभियंता, राम प्रकाश गुप्ता सहायक लेखाधिकारी और वीरेंद्र कुमार सहायक लेखाधिकारी स्तर 2 के खिलाफ देहरादून के थाना नेहरू कॉलोनी में मुकदमा दर्ज कराया है, जिसकी जांच पुलिस ने शुरू कर दी है.

देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम इकाई-1 देहरादून के अपर परियोजना प्रबंधक सुनील कुमार मलिक ने पुलिस को शिकायत दी है. शिकायत में उन्होंने बताया कि साल 2018-19 से पहले के निर्माण कार्यों में विभागीय जांच गई तो करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितता और गबन का मामला सामने आया. इसी शिकायत के आधार पर नेहरू कॉलोनी थाने में 6 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. सभी मुकदमों को जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन सेल को ट्रांसफर कर दिया गया है.

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देहरादून: उत्तर प्रदेश निर्माण निगम के कामों में 130 करोड़ रुपए के घोटाले सामने आए हैं. इस मामले में देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में 6 मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं. अब इन मामलों को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन सेल को ट्रांसफर कर दिया गया है.

नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने पर्यटन विभाग, आईटीआई, दून मेडिकल कॉलेज समेत अन्य सरकारी परियोजनाओं में पैसों की हेराफेरी, निर्माण कार्यों में गड़बड़ी और धन के दुरुपयोग के मामलों में 130 करोड़ की वित्तीय अनियमिताएं और गबन के संबंध में मुकदमे दर्ज किए हैं. साथ ही पुलिस को मामले में अधिकारियों की विभागीय जांच की रिपोर्ट का इंतजार है. देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने स्पेशल इंवेस्टिगेशन सेल को निर्देशित किया है कि सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाए.

स्पेशल टीम करेगी उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम में हुए घोटालों की जांच. (ETV Bharat)

बता दें कि, साल 2012 से 2018 के बीच उत्तराखंड सरकार ने उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) को प्रदेश में आईटीआई संस्थानों के भवन, डिजास्टर रिलीफ सेंटर के निर्माण कार्य, पर्यटन विभाग के निर्माण कार्य, बैकअप एनर्जी प्रोजेक्ट और दून मेडिकल कॉलेज के ओपीडी ब्लॉक भवन के निर्माण के साथ अन्य कई करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट दिए थे.

आरोप है कि इन्हीं 6 सालों में निर्माण निगम के तत्कालीन अधिकारियों ने लेखा अधिकारी के साथ मिलकर करीब 130 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला कर दिया. इस घोटाले की भनक जब उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को लगी तो पूरे प्रकरण की विस्तृत विभागीय जांच साल 2019 में शुरू हुई.

तब सहायक लेखाधिकारी को तत्काल बर्खास्त भी कर दिया गया था. विभागीय जांच में यह बात सामने आई थी कि निगम के तत्कालीन अधिकारियों ने मनमाने ढंग से निर्माण कार्यों के नाम पर जमकर लूट की. इतना ही नहीं, एक प्रोजेक्ट में तो जमीन को प्राप्त किए बिना ही करोड़ों रुपए का भुगतान भी कर दिया गया.

विभागीय जांच पूरी होने के बाद यूपीआरएनएन यूनिट वन के अपर परियोजना प्रबंधक ने निगम के पूर्व 6 अधिकारियों- तत्कालीन परियोजना अधिकारी शिव आसरे शर्मा, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक प्रदीप कुमार शर्मा, सहायक लेखाधिकारी राम प्रकाश गुप्ता, सतीश कुमार उपाध्याय स्थानिक अभियंता, राम प्रकाश गुप्ता सहायक लेखाधिकारी और वीरेंद्र कुमार सहायक लेखाधिकारी स्तर 2 के खिलाफ देहरादून के थाना नेहरू कॉलोनी में मुकदमा दर्ज कराया है, जिसकी जांच पुलिस ने शुरू कर दी है.

देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम इकाई-1 देहरादून के अपर परियोजना प्रबंधक सुनील कुमार मलिक ने पुलिस को शिकायत दी है. शिकायत में उन्होंने बताया कि साल 2018-19 से पहले के निर्माण कार्यों में विभागीय जांच गई तो करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितता और गबन का मामला सामने आया. इसी शिकायत के आधार पर नेहरू कॉलोनी थाने में 6 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. सभी मुकदमों को जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन सेल को ट्रांसफर कर दिया गया है.

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