हरिद्वार: आखिरकार पुलिस ने बैक डोर से सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले नटवरलाल को दबोच लिया है. आरोपी पहले लोगों से रुपए लेता था, फिर बैक डोर से सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देता था. इतना ही नहीं आरोपी इसके लिए फर्जी ईमेल आईडी से सरकारी नौकरियों का नियुक्ति पत्र भी थमा देता था. आरोपी के पास से मुख्यमंत्री के नाम के फर्जी लेटर पैड, नकली स्टैंप आदि बरामद हुए हैं. आरोपी इसके लिए सरकार और विभाग के नाम से नकली ईमेल आईडी का भी इस्तेमाल करता था.
पुराने मकान मालिक को बनाया शिकार: दरअसल, बीती 23 फरवरी को हरिद्वार के कृष्णा नगर निवासी प्रतीक मदान ने कनखल थाने में एक शिकायती पत्र दिया था. जिसमें उन्होंने बताया था कि लॉकडाउन के दौरान उनके मकान पर हिमांशु कुमार नाम का युवक किराये पर रहता था. हिमांशु ने जुलाई 2024 में पीड़ित (मकान मालिक) और उसके रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी लगाने की बात कही.
इसके एवज में हिमांशु ने लाखों रुपए मांग लिए. नौकरी के लालच में पीड़ित ने करीब 3 लाख 70 हजार रुपए दे दिए. आरोपी हिमांशु नियुक्ति का भरोसा दिलाने के लिए लोक निर्माण विभाग चंबा, लोक निर्माण विभाग देहरादून और मुख्यमंत्री उत्तराखंड के नोटपैड से पीड़ित को समय-समय फर्जी नियुक्ति पत्र देता रहा.
पीड़ित ने बताया कि इसी जनवरी महीने में उसे ईमेल आईडी (मेल में पीडब्ल्यूडी, चंबा, यूके का इस्तेमाल किया गया) से मुख्यमंत्री की ओर से जारी एक नियुक्ति पत्र मिला. जिसमें पीडब्ल्यूडी चंबा (टिहरी) में अकाउंटेंट के पद पर नियुक्ति का आदेश था. नियुक्ति पर जाने से पहले पीड़ित ने लोक निर्माण विभाग चंबा से जानकारी ली तो नियुक्ति पत्र फर्जी निकला.
नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी के खेल से हरिद्वार पुलिस ने उठाया पर्दा
— Haridwar Police Uttarakhand (@haridwarpolice) February 25, 2025
🔹एसएसपी के सशक्त नेतृत्व में जनपद पुलिस शातिर अपराधियों के लिए लगातार साबित हो रही है बुरा सपना
🔹पुलिस की गिरफ्त में आए शातिर ने बैकडोर से सरकारी नौकरी लगाने के एवज में हड़पे थे ₹3,70,000/- pic.twitter.com/dWb9kI1hgH
इस पर पीड़ित ने जब हिमांशु कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया तो आरोपी अपना मोबाइल नंबर स्विच ऑफ कर घर से फरार हो गया. जिसके बाद पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर जांच शुरू की. साथ ही मुख्यमंत्री उत्तराखंड के नाम और लेटर पैड के फर्जी इस्तेमाल, सरकारी विभाग पीडब्ल्यूडी चंबा की फर्जी ईमेल आईडी के जरिए कूटरचित नियुक्ति पत्र तैयार करने के मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया.
वहीं, हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने पुलिस की टीमें गठित कर आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए. जिस पर पुलिस की टीमों ने कमर कसी और आरोपी की तलाश में अलग-अलग संभावित ठिकानों पर छापेमारी की. साथ ही आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी.
पुलिस की गिरफ्त में आया आरोपी: वहीं, 24 फरवरी को आरोपी हिमांशु कुमार को गुरुकुल कांगड़ी विवि के पास से मोबाइल और कुछ फर्जी दस्तावेज के साथ गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी की निशानदेही पर जुर्स कंट्री स्थित उसके फ्लैट से एक कंप्यूटर, एक लैपटॉप, फर्जी नियुक्ति पत्र, चंबा लोक निर्माण विभाग और देहरादून लोक निर्माण विभाग की फर्जी मोहरें बरामद की गई है.
नौकरी की तलाश में गांव से आया था हरिद्वार: आरोपी हिमांशु पोस्ट ग्रेजुएट है. जो साल 2017 में पीएचडी करने और नौकरी की तलाश में अपने गांव से हरिद्वार आ गया था. साल 2017 से 2021 तक वो पीड़ित के कृष्णा नगर स्थित घर पर किराये पर रहा. मकान मालिक और उसके परिजनों के अच्छे संबंध स्थापित होने पर आरोपी को पता चला कि प्रतीक मदान सरकारी नौकरी की तलाश में है.
इसी का फायदा उठाकर आरोपी हिमांशु ने जुलाई 2024 में प्रतीक को अपनी और अपने दोस्त गौरव कुमार की उत्तराखंड शासन व मुख्यमंत्री कार्यालय में अच्छी जान पहचान का हवाला दिया. साथ ही प्रलोभन दिया कि वो बैकडोर से की जाने वाली कुछ पदों पर प्रतीक (शिकायतकर्ता), उसकी बहन, जीजा, चचेरे भाई, दोस्त आदि की सरकारी नौकरी लगा देगा. बैकडोर भर्ती के एवज में आरोपी ने उनसे 3 लाख 70 हजार रुपए एडवांस ले लिए.
आरोपी ने मोटी रकल तो ले ली थी, लेकिन उत्तराखंड शासन में जान पहचान की बात झूठी होने के चलते जब शिकायतकर्ता और उसके रिश्तेदारों की काफी समय तक कोई नौकरी नहीं लगी तो वो अपना पैसा वापस मांगने लगे. जिस पर आरोपी हिमांशु कुमार ने अपना शातिर दिमाग चलाया और उन्हें गुमराह करने के मंसूबे से मुख्यमंत्री के फर्जी लेटर पैड और पीडब्ल्यूडी चंबा की फर्जी की मेल आईडी तैयार की. फिर उससे प्रतीक मदान को नियुक्ति की लेटर भेजता था.
आरोपी ने बैकअप के लिए बनाया था प्लान बी: पुलिस को जांच में आरोपी के मोबाइल से नैनीताल हाईकोर्ट की एडिट की हुई मोहर भी मिली है. जिसके संबंध में पूछने पर आरोपी ने बताया कि वो प्रतीक मदान व अन्य लोगों को पीडब्ल्यूडी की फर्जी ईमेल आईडी से यह लेटर भेजने वाला था कि हाईकोर्ट ने कुछ समय के लिए बैक डोर नियुक्ति पर रोक लगा दी है. जिसमें आरोपी हाईकोर्ट की मोहर का इस्तेमाल करने वाला था.
आरोपी का नाम-
- हिमांशु कुमार पुत्र सुंदर लाल, निवासी- ग्राम क्वाटोली, कपकोट, बागेश्वर हाल निवासी जुर्स कंट्री ज्वालापुर, हरिद्वार
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