खटीमा: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में भूचल स्तर नीचे जा रहा है, जिसका बड़ा कारण ग्रीष्मकालीन धान की खेती को माना जा रहा है. इसीलिए उधम सिंह नगर प्रशासन ने जिले में ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर रोक लगा दी थी. हालांकि अब किसानों की मांग पर सरकार ने इस साल धान की ग्रीष्मकालीन खेती को अनुमति देने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इसकी जानकारी दी है.
मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने गृह क्षेत्र खटीमा पहुंचे थे, जहां सीएम धामी से ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर लगी रोक को लेकर सवाल किया गया. इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कृषि विज्ञान के क्षेत्र में शोध हो रहे हैं, जिसमें नई-नई जानकारी निकलकर सामने आ रही है. शोध में ये पाया गया था कि ऊधम सिंह नगर जिले में नीचे जाते भूजल स्तर का एक प्रमुख कारण ग्रीष्मकालीन धान की खेती है. इसीलिए प्रशासन ने ऊधम सिंह नगर जिले में ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर रोक लगा दी थी, जिस कारण किसान काफी परेशान थे.
#WATCH | Khatima: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says, " researches are taking place in the sector of agriscience. in udham singh nagar district water table is going down, summer paddy is one of the primary reasons for the same. in wake of this, administration had placed a ban… pic.twitter.com/7DWB8K9O9s
— ANI (@ANI) February 25, 2025
सीएम धामी ने बताया कि इस मसले को लेकर कई किसान और किसानों के प्रतिनिधिमंडल उनसे मिले थे, जिन्होंने कहा कि अगले साल से वो इस समस्या का समाधान निकाल लेगे. यदि इस साल ग्रीष्मकालीन धान पर रोक रहेगी तो कई खेत बिना फसल के रह जाएंगे. इसलिए सरकार ने इस साल ग्रीष्मकालीन धान की खेती करने की अनुमति देने का फैसला किया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वैसे भविष्य में किसानों को वैकल्पिक खेती की ओर रुख करना चाहिए. प्रशासन के सहयोग से उन्हें इस साल अनुमति दी जाएगी, ताकि खेत बिना फसल के न रहें, लेकिन भविष्य में पर्यावरण को संरक्षित करना है और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ पारिस्थितिकी का भी ध्यान रखना है. इन दोनों के बीच संतुलन बनाना होगा. इस साल इसमें छूट दी जाएगी.
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