ETV Bharat / state

अधर में लटका सहकारी चुनाव! कोर्ट के आदेश के बाद अब सरकार का क्या होगा रुख? जानिए कहां फंसा पेंच - COOPERATIVE ELECTION IN UTTARAKHAND

उत्तराखंड में चल रहे सहकारी चुनाव में कोर्ट का हस्तक्षेप,अगली सुनवाई तक टाल दिए गए चुनाव,सहकारी चुनाव अधिकारी हंसा दत्त पांडे ने दी खास जानकारी

Cooperative Election Authority Uttarakhand
राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण उत्तराखंड (फोटो- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 25, 2025, 5:34 PM IST

Updated : Feb 25, 2025, 7:56 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में चल रहे सहकारी चुनाव प्रक्रिया फिर सवालों के घेरे में आ गई है. जबकि, सोमवार यानी 24 फरवरी को प्रदेशभर में जिलों में सहकारी समिति के चुनाव हुए. आज यानी मंगलवार को प्रदेश स्तर के अधिकारियों के चुनाव होने थे, लेकिन सोमवार देर शाम नैनीताल हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद सहकारी ने चुनाव परिणाम को भी सुरक्षित कर लिया है. साथ ही मंगलवार को चुनाव प्रक्रिया पर रोक दी. अब अगली सुनवाई तक चुनाव टाल दिए गए हैं.

सहकारी चुनाव अधिकारी हंसा दत्त पांडे ने दी ये जानकारी: राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण उत्तराखंड के अध्यक्ष हंसा दत्त पांडे ने बताया कि कोर्ट के आदेशों के क्रम में ही सहकारी संघ की ओर से 1 महीने पहले से ही चुनाव नोटिफिकेशन जारी कर चुनाव प्रक्रिया शुरू की गई थी. इसी प्रक्रिया के तहत 14 फरवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन भी किया गया. उसके बाद 18 फरवरी को नाम वापसी के बाद तकरीबन संघ के 90 फीसदी पदों पर निर्विरोध चुनाव भी संपन्न हो चुका है.

सहकारी चुनाव अधिकारी हंसा दत्त पांडे का बयान (वीडियो- ETV Bharat)

वोटर लिस्ट की वजह से फंसा पेंच: हंसा दत्त पांडे ने बताया कि सहकारी संघ की तकरीबन 6,445 संचालकों के पद पर चुनाव होना है. जिसके लिए 18 फरवरी को नाम वापसी के बाद संघ के 5,891 संचालक निर्विरोध निर्वाचित कर दिए गए हैं. इसके बाद 21 फरवरी को कोर्ट से एक आदेश आया, जिसमें महिलाओं के 33 फीसदी आरक्षण के तहत करीब 33 हजार महिला समेत सवा लाख वोटर्स के बिना 12 बी के तहत चुनाव कराने के आदेश मिले. यानी 14 फरवरी को जो मतदाता सूची की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, उसमें 21 फरवरी को पीछे जाने का सवाल नहीं था.

Cooperative Election Authority Uttarakhand
सहकारी चुनाव अधिकारी हंसा दत्त पांडे और अन्य अधिकारी (फोटो- ETV Bharat)

अगले दिन शनिवार और रविवार होने के चलते कोर्ट विशेष अपील नहीं कर पाए. ऐसे में प्राधिकरण के सदस्यों के साथ बैठक की गई. नियमावली 61 क्लॉज के तहत चर्चा कर आगे की रणनीति बनाई. बीती रोज 24 फरवरी को कोर्ट से मिले दिशा-निर्देश के अनुसार चुनाव प्रक्रिया जितनी पूरी हो चुकी थी, उसे संपन्न कर आगे की प्रक्रिया को रोक दिया गया है. अब कोर्ट के दिशा-निर्देशों के बाद ही आगे की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा.

सहकारी निर्वाचन अधिकारी हंसा दत्त पांडे बताते हैं कि कोर्ट से निर्वाचन प्रक्रिया को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया गया था. चुनाव कैबिनेट में पास किए गए 33 फीसदी महिला आरक्षण की समयावधि से पहले से लंबित है, इसलिए चुनाव पुरानी प्रक्रिया के अनुसार होने चाहिए. जबकि, सहकारी की ओर से कैबिनेट में पास किए गए 33 फीसदी महिला आरक्षण के नियम के अनुसार चुनाव संपन्न करवाए जा रहे थे.

Cooperative Election Authority Uttarakhand
राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण उत्तराखंड का कार्यालय (फोटो- ETV Bharat)

अब कोर्ट से दिशा-निर्देश जिस भी कम में प्राप्त हुए हैं, उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं, इसके अलावा उन्होंने बताया कि सोमवार को जो संचालकों के चुनाव हुए हैं, उनके रिजल्ट नहीं खोले गए हैं और उन्हें सुरक्षित रखा गया है. जैसे ही मामले को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा और कोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने साफ तौर पर ये भी कहा कि किसी न्यायालय ने चुनाव पर रोक नहीं लगाई है. यह असमंजस की स्थिति वोटर लिस्ट की वजह से आई है.

ये भी पढ़ें-

देहरादून: उत्तराखंड में चल रहे सहकारी चुनाव प्रक्रिया फिर सवालों के घेरे में आ गई है. जबकि, सोमवार यानी 24 फरवरी को प्रदेशभर में जिलों में सहकारी समिति के चुनाव हुए. आज यानी मंगलवार को प्रदेश स्तर के अधिकारियों के चुनाव होने थे, लेकिन सोमवार देर शाम नैनीताल हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद सहकारी ने चुनाव परिणाम को भी सुरक्षित कर लिया है. साथ ही मंगलवार को चुनाव प्रक्रिया पर रोक दी. अब अगली सुनवाई तक चुनाव टाल दिए गए हैं.

सहकारी चुनाव अधिकारी हंसा दत्त पांडे ने दी ये जानकारी: राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण उत्तराखंड के अध्यक्ष हंसा दत्त पांडे ने बताया कि कोर्ट के आदेशों के क्रम में ही सहकारी संघ की ओर से 1 महीने पहले से ही चुनाव नोटिफिकेशन जारी कर चुनाव प्रक्रिया शुरू की गई थी. इसी प्रक्रिया के तहत 14 फरवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन भी किया गया. उसके बाद 18 फरवरी को नाम वापसी के बाद तकरीबन संघ के 90 फीसदी पदों पर निर्विरोध चुनाव भी संपन्न हो चुका है.

सहकारी चुनाव अधिकारी हंसा दत्त पांडे का बयान (वीडियो- ETV Bharat)

वोटर लिस्ट की वजह से फंसा पेंच: हंसा दत्त पांडे ने बताया कि सहकारी संघ की तकरीबन 6,445 संचालकों के पद पर चुनाव होना है. जिसके लिए 18 फरवरी को नाम वापसी के बाद संघ के 5,891 संचालक निर्विरोध निर्वाचित कर दिए गए हैं. इसके बाद 21 फरवरी को कोर्ट से एक आदेश आया, जिसमें महिलाओं के 33 फीसदी आरक्षण के तहत करीब 33 हजार महिला समेत सवा लाख वोटर्स के बिना 12 बी के तहत चुनाव कराने के आदेश मिले. यानी 14 फरवरी को जो मतदाता सूची की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, उसमें 21 फरवरी को पीछे जाने का सवाल नहीं था.

Cooperative Election Authority Uttarakhand
सहकारी चुनाव अधिकारी हंसा दत्त पांडे और अन्य अधिकारी (फोटो- ETV Bharat)

अगले दिन शनिवार और रविवार होने के चलते कोर्ट विशेष अपील नहीं कर पाए. ऐसे में प्राधिकरण के सदस्यों के साथ बैठक की गई. नियमावली 61 क्लॉज के तहत चर्चा कर आगे की रणनीति बनाई. बीती रोज 24 फरवरी को कोर्ट से मिले दिशा-निर्देश के अनुसार चुनाव प्रक्रिया जितनी पूरी हो चुकी थी, उसे संपन्न कर आगे की प्रक्रिया को रोक दिया गया है. अब कोर्ट के दिशा-निर्देशों के बाद ही आगे की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा.

सहकारी निर्वाचन अधिकारी हंसा दत्त पांडे बताते हैं कि कोर्ट से निर्वाचन प्रक्रिया को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया गया था. चुनाव कैबिनेट में पास किए गए 33 फीसदी महिला आरक्षण की समयावधि से पहले से लंबित है, इसलिए चुनाव पुरानी प्रक्रिया के अनुसार होने चाहिए. जबकि, सहकारी की ओर से कैबिनेट में पास किए गए 33 फीसदी महिला आरक्षण के नियम के अनुसार चुनाव संपन्न करवाए जा रहे थे.

Cooperative Election Authority Uttarakhand
राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण उत्तराखंड का कार्यालय (फोटो- ETV Bharat)

अब कोर्ट से दिशा-निर्देश जिस भी कम में प्राप्त हुए हैं, उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं, इसके अलावा उन्होंने बताया कि सोमवार को जो संचालकों के चुनाव हुए हैं, उनके रिजल्ट नहीं खोले गए हैं और उन्हें सुरक्षित रखा गया है. जैसे ही मामले को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा और कोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने साफ तौर पर ये भी कहा कि किसी न्यायालय ने चुनाव पर रोक नहीं लगाई है. यह असमंजस की स्थिति वोटर लिस्ट की वजह से आई है.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Feb 25, 2025, 7:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.