अनकापल्ली: महाशिवरात्रि का त्योहार बुधवार, 26 फरवरी को मनाया जाएगा. हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्व है. पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-आराधना और अनुष्ठान करने का विधान होता है. महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में आंध्र प्रदेश के वेंकटेश ने भगवान शिव की तांडव नृत्य करते हुए मूर्ति को पेंसिल की नोक पर उकेरा है.
10 घंटे में बनायी मूर्तिः नक्कापल्ली मंडल के चिनाडोड्डिगल्लू के प्रसिद्ध कलाकार डॉ. गट्टेम वेंकटेश ने पेंसिल की नोक को ही उत्कृष्ट कृति में परिवर्तित करके रचनात्मकता को उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया. 18 मिलीमीटर लंबी और 8 मिलीमीटर चौड़ी इस लघु कलाकृति को बनाने में उन्हें 10 घंटे का समय लगा. वेंकटेश ने अपनी अनूठी भक्ति और कला का खूबसूरती से मिश्रण किया है. यह लघु मूर्तिकला चर्चा का विषय बना हुआ है. इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी है.
60 साल बाद बन रहा संयोगः इस साल महाशिवरात्रि के दिन एक दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है. इस दिन कुंभ राशि में तीन ग्रहों की युति होगी. दरअसल, इस दिन कुंभ राशि में सूर्य, बुध और शनि एक साथ रहेंगे. साल 1965 में महाशिवरात्रि के दिन ऐसा ही संयोग बना था. इसके साथ ही 60 साल पहले महाशिवरात्रि के दिन चंद्रमा मकर राशि में था, इस बार भी चंद्रमा मकर राशि में रहेगा. इस दुर्लभ संयोग पर महाशिवरात्रि का आना बेहद खास माना जा रहा है.
ऐसे करें भगवान शिव का अभिषेकः महाशिवरात्रि के दिन शिव की पूजा-अर्चना कर उनका विभिन्न पवित्र वस्तुओं से अभिषेक किया जाता है. बिल्वपत्र, धतूरा, अबीर, गुलाल, बेर, उम्बी आदि चढ़ाए जाते हैं. भगवान शिव को भांग बहुत प्रिय है, इसलिए कई लोग उन्हें भांग भी चढ़ाते हैं. पूरे दिन व्रत और पूजा करने के बाद शाम को फलाहार किया जाता है. महाशिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा करने का सबसे बड़ा दिन माना जाता है. कहा जाता है कि अगर इस दिन भोले को प्रसन्न कर लिया जाए तो आपके सारे काम सफल होते हैं.
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