हैदराबाद: भारत सरकार ने शहरी विकास के लिए स्मार्ट सिटी मिशन शुरू किया है. 2024 में इसने शहरी विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की, जिसमें आधारभूत संरचना और तकनीकी के जरिये जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है. स्मार्ट शहर के पैरामीटर में अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी, उन्नत बुनियादी ढांचा, सुगम परिवहन और बढ़िया कानून-व्यवस्था शामिल हैं. इसके अलावा स्मार्ट सिटी में प्रौद्योगिकी और विश्व स्तरीय सुविधाएं शामिल हैं. साइबर दक्षता और डेटा सुरक्षा भी स्मार्ट सिटी का हिस्सा हैं.
पुणे: महाराष्ट्र के पुणे शहर को स्मार्ट सिटी की लिस्ट में प्रमुख स्थान मिला है. पुणे के शैक्षणिक संस्थान और एसईजेड आकर्षण का केंद्र रहे हैं. यह डिजिटल क्लासरूम, स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग और इंटेलिजेंट ट्रांजिट सिस्टम जैसी पहलों के साथ स्मार्ट सिटी विकास में अग्रणी रहा है. स्मार्ट बसें, मेट्रो रेल, फ्लाईओवर और बाईपास ने यातायात को सुगम बनाया है. आवासीय क्षेत्रों में कचरा निपटान और नागरिक सुविधाओं में सुधार हुआ है.
भुवनेश्वर: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर को भी भारत के शीर्ष स्मार्ट सिटीज में जगह मिली है. भुवनेश्वर ने इंटेलिजेंट स्ट्रीट लाइटिंग, अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पेश किया है. भुवनेश्वर सामाजिक रूप से स्मार्ट सिटी की कैटेगरी में आता है. सुचारू यातायात प्रबंधन और क्षेत्र आधारित विकास से इसकी सामाजिक संरचना भी बदल गई है.
इंदौर:इंदौर अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों और विरासत संरक्षण प्रयासों के लिए जाना जाता है, और इसमें स्मार्ट क्लासरूम और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी हैं. मध्य प्रदेश के इस शहर को अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कई पुरस्कार भी मिले हैं. कार्बन क्रेडिट फाइनेंसिंग प्रणाली और बेहतर स्वास्थ्य सेवा इसे अधिक रहने योग्य शहर बनाते हैं. आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों से रोजगार के अवसर के साथ संपत्ति विकास को भी बढ़ावा मिला है.
सूरत:गुजरात के सूरत शहर को भी स्मार्ट सिटी की लिस्ट में प्रमुख स्थान मिला है. इसे नवोन्मेषी और टिकाऊ स्मार्ट सिटी समाधान के लिए जाना जाता है. यह स्मार्ट जल प्रबंधन प्रणाली, अपशिष्ट से ऊर्जा सुविधाएं और सौर ऊर्जा उत्पादन वाला एक व्यवसाय केंद्र के रूप में उभरा है.
बेंगलुरु को भारत के गार्डन सिटी के नाम से भी जाना जाता है. यह वेल-प्लान्ड शहर है, जिसमें कई हरे भरे स्थान और सार्वजनिक पार्क हैं.