बूंदी.जिले की एक युवती ने पुलिस प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. युवती का आरोप है कि उसके परिजन उससे देह व्यापार कराते हैं, लेकिन अब वो अपने पसंद के युवक से शादी कर इस दोजख की आग से बाहर निकलना चाहती है. हालांकि, उसके परिजन इसके लिए तैयार नहीं हैं. यही वजह है कि अब वो अपने परिजनों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग कर रही है.
सात फेरे की राह में रोड़ा बना परिवार :पीड़िता का एक 5 साल का बेटा भी है, लेकिन जिस युवक से वो शादी करने जा रही है, वो उसे भी अपनाने को तैयार है. इसके बावजूद उसके परिजन इस शादी को राजी नहीं हैं. ऐसे में अब पीड़िता ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाकर उसके दो भाइयों और बड़ी भाभी के साथ ही मां के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. मामले में पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि युवती देह व्यापार के दलदल से बाहर निकलना चाहती है. ऐसे में उसे पूरी तरह से सुरक्षा दी जाएगी, ताकि सामाजिक कुरीतियों को खत्म किया जा सके.
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पीड़िता ने सुनाई दर्द की दास्तां :पीड़िता ने बताया कि साल 2014 में जब वो 12 साल की थी तब उसके परिजनों ने उसे 8 लाख में ढाई साल के लिए ग्वालियर में गिरवी रख दिया था, जहां उसे तीन साल तक पढ़ा लिखाकर मुंबई में देह व्यापार के दलदल में फेंक दिया गया. पीड़िता ने बताया कि उसकी मां, दोनों भाई और बड़ी भाभी ने उसे इस दलदल में धकेला है, लेकिन अब वो 27 साल की हो चुकी है और इस जिस्मफरोशी के तंग जाल से बाहर निकलना चाहती है. वहीं, उसके परिजन उसे इस धंधे से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं. ऐसे में पीड़िता किसी तरह से दलालों के चंगुल से छूटकर बूंदी आई.
3 फरवरी को होनी है शादी :इस बीच उसने बूंदी निवासी एक युवक के साथ अपना घर बसाने का निर्णय किया, लेकिन उसे घरवालों का डर सता रहा है. पीड़िता की मानें तो उसने इस बुराई से लड़कर अपना सुकून भरा जीवन जीने का निर्णय लिया है और 3 फरवरी को वो हिंदू रीति-रिवाज से शादी करने जा रही है. वहीं, इस शादी के कई सामाजिक संगठन, जनप्रतिनिधि और पुलिस विभाग के अधिकारी साक्षी बनेंगे.
मुफलिसी की दुहाई देते थे परिजन :पीड़िता ने बताया कि गिरवी रखने का समय पूरा होने के बाद वो वापस आना चाहती थी, लेकिन गिरवी रखने वाले प्रताड़ित करने लगे. ऐसे में वो किसी तरह से उनसे बचकर बूंदी आई तो परिजनों ने उसे वापस मुंबई भेज दिया. पीड़िता ने बताया कि परिजन बार-बार उसे मुफलिसी की दुहाई देते थे.