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नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघिन के शावक की मौत, सामने आई ये वजह - TIGER CUB DEATH

Nahargarh Biological Park, जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघिन के एक शावक की मौत हो गई. मादा बाघिन रानी ने 10 मई को 3 शावकों को जन्म दिया था. उनमें से एक शावक नर बाघ की रविवार सुबह अचानक हृदयघात से मौत हो गई.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 2, 2024, 5:55 PM IST

बाघिन के शावक की मौत
बाघिन के शावक की मौत (ETV Bharat File Photo)

जयपुर. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में रविवार को बाघिन के एक शावक की मौत हो गई. मादा बाघिन रानी ने 10 मई को तीन शावकों को जन्म दिया था. बाघिन ने दो गोल्डन और एक सफेद शावक को जन्म दिया. बाघिन शावकों का पालन पोषण कर रही थी, जिनमें से एक गोल्डन शावक की रविवार को अचानक मौत हो गई. वन्यजीव पशु चिकित्सकों के मेडिकल बोर्ड की ओर से शावक के शव का पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया. मेडिकल बोर्ड की ओर से प्रथम दृष्टया शावक की मौत हृदयघात से होना बताया गया है.

डीसीएफ जगदीश गुप्ता के मुताबिक नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में रहवास कर रही मादा बाघिन रानी ने 10 मई को 3 शावकों को जन्म दिया था. इनमें से एक शावक नर बाघ की रविवार सुबह अचानक मौत हो गई. शावकों का बाघिन की ओर से पूर्ण रूप से पालन-पोषण किया जा रहा था. मादा बाघिन और अन्य दो शावक सफेद और सुनहरा पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं. मृत शावक का पोली क्लिनिक जयपुर की ओर से गठित मेडिकल बोर्ड की ओर से पोस्टमार्टम की करके अंतिम संस्कार कर दिया गया है. मेडिकल बोर्ड की ओर से शावक की मृत्यु प्रथम दृष्टया हृदयघात होना बताया गया है. शावक की मौत होने से वन्यजीव प्रेमियों और वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों में शोक का माहौल बन गया है.

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मार्च 2021 में बाघिन रानी को ओडिशा के नंदनकानन चिड़ियाघर से जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया था. वहीं, जुलाई 2022 में ग्वालियर के गांधी जूलॉजिकल पार्क से बाघ शिवाजी को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया था. रानी और शिवाजी का जोड़ा बनाया गया था.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क (ETV Bharat Jaipur)

पहले भी हो चुकी कई वन्यजीवों की मौत :नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लगातार बिग कैट्स की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. इससे पहले भी पार्क में कई वन्यजीवों की मौत हो चुकी है. अगस्त 2023 में एशियाटिक लॉयन जीएस की मौत हुई थी, जिसकी मौत की वजह किडनी फेल्योर बताई गई थी. सितंबर 2019 से अगस्त 2023 तक 5 बाघ, 6 शेर और तीन पैंथर की मौत हो चुकी है. इनमें तीन की मौत की वजह कैनाइल डिस्टेंपर वायरस, दो की मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट, चार की लैपटॉपायरोसिस और पांच अज्ञात बीमारी से मरना सामने आया था. शेरनी सुजैन की 19 सितंबर 2019 को कैनाल डिस्टेंपर वायरस से मौत हुई थी.

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वहीं, बाघिन रिद्धि की 21 सितंबर 2019 को कैनाइल डिस्टेंपर वायरस से मौत हुई थी. सफेद बाघिन सीता की 27 सितंबर 2019 को कैनाइल डिस्टेंपर से मौत हुई थी. टाइगर रुद्र की 10 जून 2020 को लैपटॉपायरोसिस वायरस से मौत हुई थी. शेर सिद्धार्थ की 11 जून 2020 को लैपटॉपायरोसिस वायरस की वजह से मौत हुई थी. सफेद टाइगर राजा की 4 अगस्त 2020 को लैपटॉपायरोसिस वायरस से मौत हुई थी. शेर कैलाश की 18 अक्टूबर 2020 को कार्डियक अरेस्ट से मौत हुई थी.

जबकि शेर तेजस की 3 नवंबर 2020 को लैपटॉपायसिरोसिस से मौत हुई थी. शेरनी तारा के शावक की 12 दिसंबर 2020 को कमजोरी से मौत हुई थी. सफेद बाघ चीनू की 10 जुलाई 2022 को मौत हुई थी, जिसकी वजह लैपटॉपायसिरोसिस वायरस को माना गया. 3 मार्च को पैंथर बख्शी की बीमारी से मौत हो गई थी. पिछले साल 15 जुलाई को अचरोल में ट्रेंकुलाइज कर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के रेस्क्यू 2 सेंटर में ले गए पैंथर की मौत हो गई थी और फिर 14 महीने के पैंथर शिवा की अज्ञात कारणों से मौत हो गई. बारहसिंघा की 19 दिसंबर 2021 को कार्डियक अरेस्ट से मौत हुई थी. इसके बाद आज 16 अगस्त 2023 को एशियाटिक लायन जीएस की लैपटॉपायसिरोसिस की वजह से मौत हो गई.

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