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'भजन जी नौकरी लगवाई दो, मैंने कर ली एमए पास', कला शिक्षकों का संगीतमय और कलात्मक प्रदर्शन - DEMONSTRATION ART TEACHERS

कला शिक्षकों की नियमित भर्ती की मांग को लेकर जयपुर में प्रदर्शन किया गया. शिक्षकों ने संगीत और कला के जरिए अपनी बात रखी.

demonstration  art teachers
प्रदर्शन के दौरान प्रस्तुति देता एक कला शिक्षक (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 20, 2025, 8:12 PM IST

Updated : Jan 20, 2025, 9:21 PM IST

जयपुर: 'भजन जी नौकरी लगवाई दो, मैंने कर ली एमए पास', 'कला शिक्षा में फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा, नहीं चलेगा' जैसे अनोखे गीतों को वाद्य यंत्रों के साथ गाते हुए कला शिक्षक अभ्यर्थियों ने शहीद स्मारक पर कलात्मक प्रदर्शन किया. इस दौरान कला शिक्षकों की नियमित भर्ती की मांग को अनोखे अंदाज में 40 मीटर कैनवास पर उतारा. साथ ही चेतावनी दी कि यदि अब भी सुनवाई नहीं होती, तो आगामी दिनों में इसी तरह के कलात्मक प्रदर्शन हर मंत्री के आवास के बाहर होंगे.

प्रदर्शन के दौरान प्रस्तुति देता एक कला शिक्षक (ETV Bharat Jaipur)

प्रदेश के बेरोजगार कला शिक्षक अभ्यर्थियों ने सोमवार को शहीद स्मारक पर अनोखा कलात्मक प्रदर्शन किया. यहां संगीत के वाद्य यंत्रों से कला शिक्षा के गीतों के साथ लोक नृत्य किया गया. साथ ही 40 मीटर कैनवास पर चित्र बनाते हुए अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा.

पढ़ें: अनोखे अंदाज में युवाओं का प्रदर्शन, कहा-1992 के बाद नहीं निकली प्रदेश में कला शिक्षकों की भर्ती - कला शिक्षक भर्ती की मांग

बेरोजगार कला शिक्षक अभ्यर्थी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सतवीर सिंह ने कहा कि 1992 में कला शिक्षकों के पद समाप्त कर दिए गए. इसके बाद बीते 17 सालों से प्रयास कर रहे हैं कि सरकार कला शिक्षकों के पद सृजन करें, यदि सरकार पद सृजित करती है तो कला शिक्षकों को तो नौकरी मिलेगी ही, साथ ही सरकारी स्कूलों में एक से दसवीं कक्षा तक के छात्रों को कला शिक्षा मिल सकेगी. अब तक स्कूलों में कला शिक्षा अन्य विषयों के अध्यापक ही देते आए हैं. कई सरकार आई और गई, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया. अब कलात्मक ढंग से अपनी बात को भजनलाल सरकार और प्रशासन तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.

demonstration  art teachers
कैनवास पर चित्रकारी करते कला शिक्षक (ETV Bharat Jaipur)

यह भी पढ़ें: रोजगार दो सरकार : 30 साल से पद सृजित होने का इंतजार कर रहे कला शिक्षक, अब अंतिम बजट से आस

उन्होंने कहा कि सरकार खुद को संवेदनशील बताती है, और उनका नारा भी है सबका साथ सबका विकास, तो क्या कला शिक्षक सब में शामिल नहीं?. वहीं, अपने अनोखे प्रदर्शन को लेकर कला शिक्षक महेश गुर्जर ने कहा कि वो कलाकार हैं. राजस्थान को बदनाम नहीं करना चाहते हैं, यदि वो हिंसक रूप लेंगे तो इससे संस्कृति बदनाम होगी. जो सही नहीं. वो सालों से भर्ती का इंतजार कर रहे हैं. बेरोजगार कला शिक्षकों ने प्रदर्शन करते हुए कभी 20 फीट की किताब बनाई, कभी 50 फीट की बस बनाई. कभी शिक्षकों के पैरों में बेड़िया डली. लेकिन कभी संविधान को नहीं तोड़ा और ना ही उसके नियमों को तोड़ा. अधिकारियों से लेकर मंत्री, मुख्यमंत्री तक बात पहुंचाई, लेकिन किसी ने उनकी सुध लेना भी उचित नहीं समझा. लेकिन अब हार मानकर नहीं बैठेंगे, हर मंत्री के घर के बाहर जाकर कलात्मक प्रदर्शन किया जाएगा.

ये हैं मुख्य मांगें :

  • सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से 10 तक अनिवार्य कला शिक्षा (चित्रकला व संगीत) विषय की प्रायोगिक उत्तर पुस्तिकाओं और बिना कला शिक्षकों के किए जा रहे फर्जी मूल्यांकन पर तत्काल रोक लगाई जाए.
  • राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से विमल शर्मा बनाम राजस्थान सरकार अन्य के मामले में पारित निर्णय आदेश की पालना सुनिश्चित करके प्रदेश के नामांकित राजकीय विद्यालयों में अनिवार्य कला शिक्षा (चित्रकला व संगीत) के शिक्षण के लिए कला शिक्षकों की नियमित भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए.
  • आगामी बजट में राजस्थान के राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 10 तक अनिवार्य कला शिक्षा चित्रकला और संगीत विषय के शिक्षण के लिए कला शिक्षकों के द्वितीय और तृतीय श्रेणी के पद सृजित कर नियमित भर्ती शुरू करने का प्रावधान कर भर्ती शुरू की जाए.
  • कक्षा 9 और 10 की अनिवार्य कला शिक्षा पुस्तक 'कला कुन्ज' को निशुल्क वितरण सूची में सम्मलित कर राजकीय विद्यालय में हर वर्ष नामांकित विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर पुस्तक वितरण की जाए.
  • केन्द्र सरकार की ओर से भेजे गए करोड़ों के बजट से बने राजस्थान के राजकीय विद्यालयों में तैयार आर्ट एण्ड क्राफ्ट रूमों में छात्रों के लिए कला शिक्षा विषय का शिक्षण शुरू करें.
  • राजस्थान के सरकारी विद्यालयों में कक्षा 6, 7, 8 में अनिवार्य कला शिक्षा की एनसीईआरटी पुस्तकों को लागू कर निशुल्क वितरण कराई जाए.

जयपुर: 'भजन जी नौकरी लगवाई दो, मैंने कर ली एमए पास', 'कला शिक्षा में फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा, नहीं चलेगा' जैसे अनोखे गीतों को वाद्य यंत्रों के साथ गाते हुए कला शिक्षक अभ्यर्थियों ने शहीद स्मारक पर कलात्मक प्रदर्शन किया. इस दौरान कला शिक्षकों की नियमित भर्ती की मांग को अनोखे अंदाज में 40 मीटर कैनवास पर उतारा. साथ ही चेतावनी दी कि यदि अब भी सुनवाई नहीं होती, तो आगामी दिनों में इसी तरह के कलात्मक प्रदर्शन हर मंत्री के आवास के बाहर होंगे.

प्रदर्शन के दौरान प्रस्तुति देता एक कला शिक्षक (ETV Bharat Jaipur)

प्रदेश के बेरोजगार कला शिक्षक अभ्यर्थियों ने सोमवार को शहीद स्मारक पर अनोखा कलात्मक प्रदर्शन किया. यहां संगीत के वाद्य यंत्रों से कला शिक्षा के गीतों के साथ लोक नृत्य किया गया. साथ ही 40 मीटर कैनवास पर चित्र बनाते हुए अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा.

पढ़ें: अनोखे अंदाज में युवाओं का प्रदर्शन, कहा-1992 के बाद नहीं निकली प्रदेश में कला शिक्षकों की भर्ती - कला शिक्षक भर्ती की मांग

बेरोजगार कला शिक्षक अभ्यर्थी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सतवीर सिंह ने कहा कि 1992 में कला शिक्षकों के पद समाप्त कर दिए गए. इसके बाद बीते 17 सालों से प्रयास कर रहे हैं कि सरकार कला शिक्षकों के पद सृजन करें, यदि सरकार पद सृजित करती है तो कला शिक्षकों को तो नौकरी मिलेगी ही, साथ ही सरकारी स्कूलों में एक से दसवीं कक्षा तक के छात्रों को कला शिक्षा मिल सकेगी. अब तक स्कूलों में कला शिक्षा अन्य विषयों के अध्यापक ही देते आए हैं. कई सरकार आई और गई, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया. अब कलात्मक ढंग से अपनी बात को भजनलाल सरकार और प्रशासन तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.

demonstration  art teachers
कैनवास पर चित्रकारी करते कला शिक्षक (ETV Bharat Jaipur)

यह भी पढ़ें: रोजगार दो सरकार : 30 साल से पद सृजित होने का इंतजार कर रहे कला शिक्षक, अब अंतिम बजट से आस

उन्होंने कहा कि सरकार खुद को संवेदनशील बताती है, और उनका नारा भी है सबका साथ सबका विकास, तो क्या कला शिक्षक सब में शामिल नहीं?. वहीं, अपने अनोखे प्रदर्शन को लेकर कला शिक्षक महेश गुर्जर ने कहा कि वो कलाकार हैं. राजस्थान को बदनाम नहीं करना चाहते हैं, यदि वो हिंसक रूप लेंगे तो इससे संस्कृति बदनाम होगी. जो सही नहीं. वो सालों से भर्ती का इंतजार कर रहे हैं. बेरोजगार कला शिक्षकों ने प्रदर्शन करते हुए कभी 20 फीट की किताब बनाई, कभी 50 फीट की बस बनाई. कभी शिक्षकों के पैरों में बेड़िया डली. लेकिन कभी संविधान को नहीं तोड़ा और ना ही उसके नियमों को तोड़ा. अधिकारियों से लेकर मंत्री, मुख्यमंत्री तक बात पहुंचाई, लेकिन किसी ने उनकी सुध लेना भी उचित नहीं समझा. लेकिन अब हार मानकर नहीं बैठेंगे, हर मंत्री के घर के बाहर जाकर कलात्मक प्रदर्शन किया जाएगा.

ये हैं मुख्य मांगें :

  • सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से 10 तक अनिवार्य कला शिक्षा (चित्रकला व संगीत) विषय की प्रायोगिक उत्तर पुस्तिकाओं और बिना कला शिक्षकों के किए जा रहे फर्जी मूल्यांकन पर तत्काल रोक लगाई जाए.
  • राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से विमल शर्मा बनाम राजस्थान सरकार अन्य के मामले में पारित निर्णय आदेश की पालना सुनिश्चित करके प्रदेश के नामांकित राजकीय विद्यालयों में अनिवार्य कला शिक्षा (चित्रकला व संगीत) के शिक्षण के लिए कला शिक्षकों की नियमित भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए.
  • आगामी बजट में राजस्थान के राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 10 तक अनिवार्य कला शिक्षा चित्रकला और संगीत विषय के शिक्षण के लिए कला शिक्षकों के द्वितीय और तृतीय श्रेणी के पद सृजित कर नियमित भर्ती शुरू करने का प्रावधान कर भर्ती शुरू की जाए.
  • कक्षा 9 और 10 की अनिवार्य कला शिक्षा पुस्तक 'कला कुन्ज' को निशुल्क वितरण सूची में सम्मलित कर राजकीय विद्यालय में हर वर्ष नामांकित विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर पुस्तक वितरण की जाए.
  • केन्द्र सरकार की ओर से भेजे गए करोड़ों के बजट से बने राजस्थान के राजकीय विद्यालयों में तैयार आर्ट एण्ड क्राफ्ट रूमों में छात्रों के लिए कला शिक्षा विषय का शिक्षण शुरू करें.
  • राजस्थान के सरकारी विद्यालयों में कक्षा 6, 7, 8 में अनिवार्य कला शिक्षा की एनसीईआरटी पुस्तकों को लागू कर निशुल्क वितरण कराई जाए.
Last Updated : Jan 20, 2025, 9:21 PM IST
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