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मसूरी में 11वें पंचेन लामा की 29वीं सालगिरह पर निकाला गया कैंडल मार्च, तिब्बती समुदाय ने चीन से रिहाई की उठाई मांग - Candle March In Mussoorie

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 18, 2024, 11:37 AM IST

Candle March In Mussoorie मसूरी में तिब्बती समुदाय के 11वें पंचेन लामा की रिहाई की मांग को लेकर तिब्बती समुदाय ने कैंडल मार्च निकाला और चीन सरकार से उनकी रिहाई की मांग उठाई. बताया जा रहा है कि 11वें पंचेन लामा गेदुन चोयकी नीमा को चीन सरकार ने 1995 में बंदी बना लिया था.

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मसूरी में निकाला गया कैंडल मार्च (photo -ETV Bharat)

मसूरी: 11वें पंचेन लामा गेदुन चोयकी नीमा के गुम होने की 29वीं सालगिरह के मौके पर रीजनल तिब्बत वुमेन्स एसोसिएशन द्वारा मसूरी तिब्बत होम्स हैप्पी वैली से गांधी चौक तक कैंडल मार्च निकाला गया. इसी बीत तिब्बतीय समुदाय ने चीन सरकार से 11वें पंचेन लामा के जीवित होने के प्रमाण और उनकी वर्तमान की तस्वीर सार्वजनिक करने की मांग उठाई.

11वें पंचेन लामा की 29वीं सालगिरह पर निकाला कैंडल मार्च (photo -ETV Bharat)

11वें पंचेन लामा की 29वीं सालगिरह पर निकाला कैंडल मार्च:रीजनल तिब्बत वुमेन्स एसोसिएशन अध्यक्ष ताषी मिनकी ने कहा कि चीन ने तिब्बतियों के 11वें पंचेन लामा को जब से अपने कब्जे में लिया है, तब से उनके बारे में कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है. ऐसे में अब 11वें पंचेन लामा को चीन सरकार द्वारा रिहा किया जाना चाहिए. इसी मांग को लेकर कैंडल मार्च निकाला गया है. उन्होंने कहा कि तिब्बतियों सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पंचेन लामा की रिहाई के लिए बार-बार चीन सरकार से आग्रह किया गया, लेकिन चीन सरकार ने इस संबंध में कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी.

1995 को चीन सरकार ने पंचेन लामा को बनाया था बंदी:तिब्बतन महिला कांग्रेस की सचिव तेनजीन ने बताया कि 14 मई, 1995 को तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा ने गेदुन चोयकी नीमा को 11वें पंचेन लामा के रूप में उपाधि दी थी. इसके तीन दिन बाद 17 मई 1995 को चीन सरकार ने छह वर्षीय गेदुन चोयकी नीमा और उनके परिजनों को बंदी बना लिया था. उन्होंने कहा कि 28 मई 1996 तक, यह पता नहीं चल सका कि गेदुन और उनके परिजनों का किसने अपहरण किया, लेकिन जब संयुक्त राष्ट्र के बच्चों के अधिकारों के लिए गठित कमेटी ने इस मामले को उठाया, तो पता चला कि चीन ने उन्हें बंदी बनाया है. चीन का मानना है कि दलाई लामा द्वारा घोषित पंचेन लामा को लेकर बुद्ध संप्रदाय के लोगों में भारी रोष पनप रहा था. इसी के चलते उन्हें सेना को भेजना पड़ा.

11वें पंचेन लामा की रिहाई की उठी मांग (photo -ETV Bharat)

दलाई लामा ने कहा था कि जीवित हैं 11वें पंचेन लामा:तेनजीन ने बताया कि 29 नवंबर, 1995 को चीन ने उनके समानांतर ग्यालसन नोरबू को पंचेन लामा घोषित कर दिया. गेदुन चोयकी नीमा अब 35 वर्ष के हो चुके हैं. उन्हें तिब्बती समुदाय में धर्मगुरु दलाई लामा के बाद दूसरे नंबर पर सबसे बड़ा गुरु माना जाता है. तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने करीब पांच वर्ष पूर्व कहा था कि विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक 11वें पंचेन लामा जीवित हैं. वे सामान्य शिक्षा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास 11वें पंचेन लामा की 6 साल की एक मात्र तस्वीर है.

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