पलामू: पारदी गैंग पीढ़ी दर पीढ़ी चोरी के तरीके को सीखता है. एक पीढ़ी दूसरी पीढ़ी को चोरी करने के बारे में बताता है. इस गैंग में शामिल लोगों की सामाजिक संरचना भी काफी जटिल है. शादी से पहले यह देखा जाता है कि किस पर कितने चोरी के मुकदमे दर्ज हैं. यह सब चौकाने वाली जानकारी पुलिस की जांच में निकल कर सामने आई है. पलामू पुलिस ने पारदी गिरोह से जुड़े हुए 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियों में 11 महिलाएं थी. गिरफ्तार सभी आरोपी पारदी गिरोह से जुड़े हुए हैं और मध्य प्रदेश के गुना के इलाके के हैं. गिरफ्तार आरोपियों ने पलामू पुलिस को गिरोह के बारे में कई चौंकाने वाली जानकारी दी है.
एसपी रीष्मा रमेशन (ईटीवी भारत) चोरी के बाद सामग्री को गिरोह नहीं रखता है अपने पास गिरफ्तार पारदी गिरोह सदस्यों ने पलामू पुलिस को बताया है कि चोरी के बाद में सामग्री को अपने पास नहीं रखते हैं. चोरी की सामग्री को तुरंत बेच दिया जाता है या गिरोह के अन्य ग्रुप को इसे दे दिया जाता है. चोरी की घटना से पहले एक खरीदार को ढूंढा जाता है जो आसानी से खरीदारी कर सके. चोरी की सारी सामग्री को खरीदार को ऑफर किया जाता है, बाद में गिरोह से जुड़े अन्य लोगों दिया जाता है.
लाखों की है संपति, नशे के आदि हैं गिरोह सदस्य
गिरफ्तार सदस्यों ने बताया कि उनके परिवार के पास खेती के लिए अच्छी खासी जमीन है. एक-एक परिवार के पास पांच-पांच बीघा से अधिक जमीन है. चोरी का कार्य उनका पीढ़ियों से चला आ रहा है. गिरोह के सदस्य चोरी की रकम को नशे में खर्च करते हैं. गिरोह के सदस्य गांजा अफीम और शराब के नशे में पैसे को उड़ाते हैं. चोरी के पैसे से वे संपत्ति को अर्जित नहीं करते हैं.
चोरी के बाद खरीदार को भी लेकर जाते है मंदिर
पारदी गिरोह के सदस्य घटना को अंजाम देने के बाद चोरी की सामग्रियों खरीदने वाले व्यक्ति को भी मंदिर में पूजा करने के लिए लेकर जाते हैं. पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके में घटनाओं को अंजाम देने वाला पारदी गिरोह चोरी के बाद कोलकाता के कालीघाट और रजरप्पा मंदिर में पूजा के लिए गया था. इस दौरान बिहार के गया के रहने वाले सोनार भी गया था.
"मोबाइल छोड़कर गिरोह के सदस्य चोरी करने जाते हैं. चोरी की घटना के बाद गिरोह के सदस्य सबसे पहले खरीदार और अपने करीबी को कॉल करते हैं. चोरी की सामग्री को यह सबसे पहले खपाते हैं जिस कारण बरामद की चुनौती होती है. चोरी करने के बाद यह सबसे पहले किसी शक्तिपीठ में पूजा करने जाते हैं. पलामू के इलाका में गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों का एक पैटर्न देखा गया कि यह घटना के बाद कोलकाता के कालीघाट और रजरप्पा में पूजा के लिए गए हैं, इस दौरान सोनार भी साथ में था. गिरोह से जुड़े हुए पुलिस को कई जानकारी मिली है जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है."- रीष्मा रमेशन, एसपी, पलामू
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