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यूपी का मोस्ट वांटेड भेड़िया: योगी सरकार की 60 टीमें, 5 जिलों के अफसर-पुलिस, फिर भी एक के बाद एक शिकार कर रहा आदमखोर - Wolf terror in UP

यूपी का बहराइच भेड़िये के आतंक का केंद्र बना है. अब तक 10 लोगों की जान जा चुकी है. इसमें 9 बच्चे हैं. यह भेड़िया योगी सरकार के लिए ही चुनौती बन गया है.

बहराइच में भेड़ये का आतंक बरकरार है.
बहराइच में भेड़ये का आतंक बरकरार है. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 3, 2024, 1:28 PM IST

Updated : Sep 3, 2024, 1:58 PM IST

लखनऊ :यूपी सरकार इन दिनों किसी माफिया या गुंडे से नहीं, बल्कि एक भेड़िये को पकड़ने के लिए जूझ रही है. सरकारी मशीनरी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है, लेकिन न तो भेड़िया पकड़ में आ रहा है, न ही उसके हमले रुक रहे हैं. यूपी के तराई इलाके बहराइच और सीतापुर में भेड़िये के कारण दहशत का आलम है. अफसरों की लंबी-चौड़ी फौज, स्पेशल टॉस्क फोर्स तक भेड़िये को पकड़ने में लगी हुई. यहां तक कि ड्रोन की भी मदद ली जा रही है. इसके साथ ही सीएम को इसकी पूरी अपडेट दी जा रही है. लेकिन नतीजा सिफर है. भेड़यों के झुंड में कितने सदस्य हैं, इसका अनुमान ही लगाया जा रहा है. ताजे घटनाक्रम में बहराइच में फिर से भेड़िये एक 5 साल की बच्ची पर हमला किया है.

भेड़ियों के आदमखोर होने के ये हैं कारण. (Photo Credit; ETV Bharat)

भेड़िये ने अब तक 10 लोगों की जान ली, 38 घायल :भेड़िए के अधिकतर हमले बहराइच में ही हुए हैं. हालांकि सीतापुर भी इससे प्रभावित है. वहां भी भेड़िए ने कई लोगों पर हमला किया है. इसमें ज्यादातर बच्चे हैं. बहराइच में भेड़िया अब तक 9 बच्चों समेत 10 लोगों की जान ले चुका है, जबकि 38 लोगों को घायल किया है. वहीं सीतापुर में एक बुजुर्ग महिला की जान जा चुकी है.

बहराइच में सोमवार की रात 2 सितंबर को बच्चे पर किया हमला. (Photo Credit; ETV Bharat)

हाल ही में हुईं घटनाएं :भेड़िए की दहशत में जी रहे लोगों की परेशानी दिन पर दिन बढ़ती ही गई. भेड़िये के हमले लगातार बढ़ते ही रहे. ज्यादातर मामलों में भेड़िये ने बच्चों को भी शिकार बनाया. आइए नजर डालते हैं हाल ही में हुईं घटनाओं पर.

ढाई साल की बच्ची को मुंह में दबाकर ले गया :भेड़िये के आतंक का केंद्र बहराइच में दहशत सरकारी अमले के लगे रहने के बावजूद दहशत बनी हुई है. 1 सितंबर रविवार रात ही हरदी इलाके में आदमखोर भेड़िये ने मां के पास सो रही ढाई साल की बच्ची को अपना निवाला बना लिया. उसने बच्चे के दोनों हाथ खा लिए. 2 घंटे के बाद बच्ची की लाश घर से एक किमी दूर मिली. बेटी की लाश देखकर मां होश खो बैठी. वहीं भेड़िये ने इसी इलाके की 60 साल की एक बुजुर्ग महिला पर भी हमला किया. इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं.

पांच साल की बच्ची पर हमला :बहराइच में इसके अगले दिन हरदी थाना इलाके में ही 2 सितंबर की रात लगातार तीसरे दिन भेड़िये ने हमला किया. हरदी थाना इलाके के ग्राम पंचायत पंडोहिया के गिरधरपुरवा निवासी अफसाना (05) मां के साथ सो रही थी. इस दौरान रात लगभग 12 बजे उस पर भेड़िये ने हमला कर दिया. अफसाना की चीख सुन उसकी मां और अन्य परिजन जाग गए.

सीतापुर में बच्चों को बचाने में मां घायल :हाल की घटनाओं पर गौर करें तो सीतापुर के हरगांव थाना क्षेत्र के ग्राम परसेहरा शरीफपुर में 1 सितंबर रविवार रात भेड़िए ने हमला किया. रात 8 बजे गांव की रोजिदा (30) जब अपने तीन बच्चों के साथ सोई थी, तभी दबे पांव भेड़िया घर में घुस आया. बच्चों को बचाने के लिए रोजिदा चीखी तो भेड़िए ने उस पर हमला कर दिया. शोर सुनकर भेड़िया भाग गया. इसी गांव के हर्षित दीक्षित पर भी भेड़िए ने हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गया. यहां से पांच सौ मीटर दूर इसी गांव के मजरे कसीमापुर में रात 9 बजे भेड़िये ने दो महिलाओं पर हमला कर घायल कर दिया. जबकि इसके पहले 30 अगस्त को सदरपुर थाना क्षेत्र के धरमपुर और गरथरी गांव में भेड़िये ने एक वृद्धा पर हमला कर उसे मार डाला.

अब तक की प्रमुख घटनाएं

बहराइच में भेड़िये को पकड़ने के लिए पूरा सरकारी अमला लगा है. (Photo Credit; ETV Bharat)
बहराइच में भेड़िये को पकड़ने के लिए पूरा सरकारी अमला लगा है. (Photo Credit; ETV Bharat)

32 राजस्व, 25 वन विभाग की टीमें, स्पेशल टीमें लगीं, दहशत बरकरार: महसी तहसील क्षेत्र में जारी भेड़ियों के हमलों में जनहानि रोकने के लिए 32 राजस्व टीमें तैनात की गई हैं. 11 अधिकारियों को नोडल बनाया गया है. इसके अलावा वन विभाग की 25 टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन कर रही हैं. गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती की टीमों के साथ बाराबंकी के डीएफओ आकाशदीप बधावन को बुलाया गया है. स्पेशल टीम में उनको शामिल किया गया है.

पुलिस भी लगातार गश्त कर रही :भेड़िये को पकड़ने के लिए पांच जिलों की वन विभाग की टीम लगी हुई हैं. रात-रात भर वन विभाग के साथ पुलिस भी गश्त करती रहती है. गांव-गांव पहुंचकर वनकर्मी गोले दगाते हैं और लाउड स्पीकर गाड़ियों में बांधकर रात-रात भर भेड़िया भगाते हैं. गांव वालों को सतर्क रहने के लिए आवाज भी लगाते हैं. गन्ने के खेत के किनारे किनारे वन विभाग ने जाल भी लगाया है. बावजूद इसके हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.

बहराइच में ये गांव प्रभावितःमक्का पुरवा,पंडित पुरवा, औराही, नकवा ,जगीर, कोलैली, नथवापुर, दर्जिनपुरवा, बड़रिया, सिकंदरपुर,रकबा, मैकूपुरवा, सिंघिया, नसीरपुर, नयापुरवा, मिश्रिनपुरवा, भिट्टा, गलकारा, ननकार, समेत कछार के 35 गांव के ग्रामीणों में दहशत है. अधिकांश क्षेत्रफल में लगी गन्ने की फसल वन विभाग की टीम के सामने बड़ी चुनौती साबित हो रही है.

बहराइच में 4 भेड़िए जरूर पकड़े जा चुके, 2 की तलाश:बहराइच में अभी तक 4 भेड़िए पकड़े जा चुके हैं और 2 की तलाश की जा रही है. हालांकि ग्रामीणों का मानना है कि भेड़ियों की संख्या इससे ज्यादा है. बहराइच के मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह बताते हैं कि दो और भेड़िए थर्मल ड्रोन में नजर आए हैं.

यह भी पढ़ें : बहराइच में आदमखोर भेड़िये ने 5 साल की बच्ची पर किया हमला, गर्दन पर घाव, शोर मचाने पर बची जान - Bahraich cannibal wolf terror

Last Updated : Sep 3, 2024, 1:58 PM IST

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