रायगढ़: सियासत में कब किसका पासा पलट जाए और कब किसकी लॉटरी लग जाए कोई नहीं जानता. रायगढ़ मेयर चुनाव में कुछ ऐसा ही परिणाम आया है. यहां सियासत के परंपरागत दिग्गज चुनाव हार गए. चाय की दुकान चलाने वाला एक सामान्य सा आदमी चुनाव जीत गया. चाय की दुकान चलाने वाले जीवर्धन चौहान अब मेयर की कुर्सी पर बैठेंगे. जनता ने जो ऐतिहासिक फैसला जीवर्धन चौहान के पक्ष में सुनाया है, उसे जीवर्धन चौहान सिर माथे पर रख रहे हैं. पार्टी ने जो उनपर भरोसा जताया उसपर अब उनको खरा उतरना है.
चाय की दुकान चलानेवाला बन गया मेयर: चाय की छोटी सी दुकान चलाने वाले जीवर्धन चौहान को टिकट देकर पार्टी ने सबको चौंका दिया था. कांग्रेस को भी लगा था कि उसकी जीत की राह यहां आसान होने वाली है, पर जनता का मिजाज चाय वाले के पक्ष में चला गया. जनता को जीवर्धन और बीजेपी के तमाम वादे पसंद आए. विकास के जो वादे जीवर्धन ने जनता से किए वो वोटों में बदल गए. नतीजा जब सामने आया तो हर कोई हैरान रह गया. खुद सीएम ने भी आज रायपुर की प्रेस कांफ्रेंस में जीवर्धन की चर्चा करते हुए कहा कि हमने आम आदमी और एक आम कार्यकर्ता को मौका दिया है. एक कार्यकर्ता को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. सीएम ने कहा कि यही बीजेपी की राजनीति में अच्छी शुचिता है. कार्यकर्ता को भी यहां पर बड़े मौके मिलते हैं.
चाय बेचने वाला बना महापौर (ETV Bharat)
सीएम ने की तारीफ (ETV Bharat)
भारतीय जनता पार्टी के ये निष्ठावान कार्यकर्ता हैं. ये भारतीय जनता पार्टी में ही संभव है कि एक कार्यकर्ता महापौर पद तक चुनाव जीतकर पहुंच सकता है - विष्णु देव साय, सीएम
जीवर्धन की दुकान पर सीएम ने बनाई थी चाय: चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रत्याशी जीवर्धन चौहान की दुकान पर खुद चाय बनाकर लोगों को पिलाई थी. अब जीवर्धन अपनी चाय दुकान के साथ शहर की कमान भी संभालेंगे. बड़ी बात यह है की जीवर्धन ने करीब 34 हजार मतों के बड़े अंतर से कांग्रेस के प्रत्याशी जानकी काटजू को चुनाव में हराया है. काटजू अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे थे. जीवर्धन ने जिस तरह से रायगढ़ की सियासत में एंट्री ली है वो लोगों को हमेशा याद रहेगी.
इससे पहले भी हो चुका है कमाल: यह पहला मौका नहीं है जब रायगढ़ की जनता ने अपने मतों से सियासी पार्टियों को चौकाया है. इससे पहले भी रायगढ़ की जनता ने एक किन्नर को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जिताया था. 2014 के नगरीय निकाय चुनाव में रायगढ़ से निर्दलीय उम्मीदवार किन्नर मधु बाई ने भाजपा के महावीर गुरुजी को करीब 45 सौ मतों से चुनाव हराया था और रायगढ़ की मेयर बनी थी.
रायगढ़ की जनता को बदलाव में भरोसा:एक बार फिर रायगढ़ की जनता ने परम्परागत रूप से नेता रहे लोगो का साथ छोड़ एक नए चेहरे को मौका दिया. चाय दूकान चलाने वाले आम आदमी को भारतीय जनता पार्टी ने टिकट दिया और रायगढ़ की जनता ने भी अपने मूड के अनुरूप उनके पक्ष में मतदान किया. पर इस जीत के पीछे मूल रुप से बीजेपी की रणनीति और साफ सुथरे चेहरे का होना माना जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी हमेशा अपने अलग फैसलों के लिए चर्चा में रहती है. जीवर्धन को टिकट देना और उनका जीतना उन्ही फैसलों में से एक है.