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वोटों के साथ VVPAT की सभी पर्चियों को गिनने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा - Supreme Court

By PTI

Published : Apr 24, 2024, 7:01 PM IST

Updated : Apr 24, 2024, 7:24 PM IST

SC Cross Verification of Votes: सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग के समक्ष उठाए गए सवालों के जवाब पर गौर किया. इसके बाद ईवीएम वोटों के साथ वीवीपीएटी की पूरी पर्ची गिनने की मांग वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया. पढ़ें पूरी खबर.

SC Cross Verification of Votes
सुप्रीम कोर्ट ईवीएम

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से डाले गए मतों का वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के साथ पूर्ण सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. बुधवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग के समक्ष उठाए गए सवालों के जवाबों पर गौर किया.

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने चुनाव आयोग के एक अधिकारी से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की कार्यप्रणाली से संबंधित पांच सवालों के जवाब मांगे, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या ईवीएम में लगे माइक्रोकंट्रोलर की दोबारा प्रोग्रामिंग की जा सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ उप-चुनाव आयुक्त नितेश कुमार व्यास को सवालों का जवाब देने के लिए दोपहर दो बजे बुलाया था. व्यास इससे पहले ईवीएम की कार्यप्रणाली पर सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुति दी थी. पीठ ने कहा था कि उसे कुछ पहलुओं पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है क्योंकि ईवीएम के बारे में 'अक्सर पूछे जाने वाले सवालों' (एफएक्यू) पर चुनाव आयोग द्वारा दिए गए जवाब पर कुछ भ्रम है.

पीठ ने कहा कि हमें कुछ संदेह हैं, जिसके लिए स्पष्टीकरण की जरूरत है. इसीलिए हमने मामले को निर्देशों के लिए सूचीबद्ध किया है. हम तथ्यात्मक रूप से गलत नहीं होना चाहते, लेकिन अपने निष्कर्षों में दोगुना आश्वस्त होना चाहते हैं.

हर किसी की आशंकाएं दूर करे चुनाव आयोग
पिछले हफ्ते सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनावी प्रक्रिया में पवित्रता होनी चाहिए और ईवीएम के संबंध में सभी की आशंकाओं को दूर करना जरूरी है. पीठ ने चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह से कहा था कि ईवीएम को कैसे सक्षम बनाया जाता है, क्या जरूरत पड़ने पर उम्मीदवार जांच कर सकते हैं. क्या इसकी गारंटी है कि मशीनों के साथ छेड़छाड़, चिप में बदलाव आदि संभव नहीं है.

वहीं, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के वकील प्रशांत भूषण ने एक समाचार लेख का हवाला देते हुए अदालत को बताया था कि केरल के कासरगोड में मॉक पोल के दौरान ईवीएम के जरिये भाजपा को एक अतिरिक्त वोट गया था.

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Last Updated : Apr 24, 2024, 7:24 PM IST

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