नई दिल्ली:कहते हैं डॉक्टर धरती के भगवान होते हैं. धरती पर रहकर वो ना सिर्फ जिन्दगी बचाते हैं बल्कि कभी-कभी ऐसे चमत्कार कर देते हैं कि अपनी आंखों पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है. हार्ट, किडनी, लीवर जैसे ट्रांसप्लांट तो आपने भी सुने होंगे लेकिन हैंड् ट्रांसप्लांट के बारे में शायद ही किसी ने सोचा होगा. दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने ये कमाल कर दिखाया है. उन्होंने नए हाथ लगाकर एक शख्स को नई जिन्दगी दी है.
क्या है पूरा मामला:दिल्ली के रहने वाले 45 साल के एक शख्स को सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने हैंड्स ट्रांसप्लांट (हाथ प्रत्यारोपण) किये हैं. मरीज का प्रत्यारोपण करने वाले डॉ. निखिल झुनझुनवाला ने बताया कि पुरुष के हाथ साल 2020 में एक ट्रेन हादसे में कट गए थे. दरअसल, ब्रेन हेमरेज की शिकार 61 वर्षीय बुजुर्ग महिला के अंगदान से कुल तीन मरीजों को जीवन मिला और इसके अलावा दो लोगों को आंखों की रोशनी भी मिली है. दिल्ली के गंगाराम अस्पताल के डाक्टरों ने बुजुर्ग महिला के अंगदान से मिले दोनों हाथ नांगलोई के रहने वाले एक 45 वर्षीय मरीज को प्रत्यारोपित करने में सफलता हासिल की है.
दिल्ली का पहला हैन्ड्स ट्रांस्पलांट ऑपरेशन:अस्पताल का दावा है कि ये दिल्ली में हाथों का पहला प्रत्यारोपण है. जबकि उत्तर भारत का पहला हाथों का अंगदान है. अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के चेयरमैन डा. महेश मंगल और डॉक्टर निखिल झुनझुनवाला समेत कई डॉक्टरों ने करीब 12 घंटे की सर्जरी कर युवक के दोनों हाथ जोड़े. डॉक्टर निखिल झुनझुनवाला ने बताया कि सर्जरी के बाद युवक के हाथ में काफी सुधार है. मरीज कोहनी से हाथ चलाने में भी सक्षम है. आगे उसमें और भी सुधार आएगा. हाथ में रक्त का संचार ठीक से हो रहा है.