पलामू: देश का एक ऐसा इलाका है जहां सुखाड़ का स्मारक है. यह स्मारक 90 घंटे में तैयार किया गया था. हम बात कर रहे हैं झारखंड की राजधानी रांची से करीब 165 किलोमीटर दूर पलामू के चियांकी एयरपोर्ट की. चियांकी एयरपोर्ट पर बने सेफ हाउस और हेलीपैड को सुखाड़ पीड़ितों को समर्पित किया गया है.
दरअसल, 1993 में पलामू का इलाका भीषण सुखाड़ की चपेट में था. तत्कालीन प्रधानमंत्री पीबी नरसिम्हा राव को पलामू में सुखाड़ राहत का जायजा लेना था. उस दौरान पलामू के मेदिनीनगर स्थित चियांकी एयरपोर्ट पर कोई संसाधन उपलब्ध नहीं थे. उस दौरान जिला प्रशासन ने सैकड़ों मजदूरों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री के लिए 90 घंटे में चियांकी एयरपोर्ट पर सेफ हाउस और हेलीपैड तैयार किया था.
24 अप्रैल 1993 को प्रधानमंत्री पीबी नरसिम्हा राव चियांकी हवाई अड्डा पर उतरे और पलामू के सदर प्रखंड के पोलपोल स्थित धमधमवा गए थे. चियांकी हवाई अड्डा ऐतिहासिक है. चियांकी हवाई अड्डा अब तक चार मौकों पर देश के प्रधानमंत्री के दौरे का गवाह बन चुका है.
"1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीबी नरसिम्हा राव सुखाड़ राहत का जायजा लेने पहुंचे थे. यह दुखद है कि आजादी के इतने सालों बाद भी पलामू का इलाका सुखाड़ से जूझ रहा है. पलामू जैसे इलाके में सुखाड़ जैसे हालात से निपटने के लिए कोई काम नहीं किया गया है."- हृदयानंद मिश्रा, हिंदू न्यास बोर्ड के सदस्य और वरिष्ठ कांग्रेस नेता
चियांकी एयरपोर्ट पर चौथी बार उतरेंगे पीएम मोदी
सुखाड़ के स्मारक के रूप में मौजूद चियांकी एयरपोर्ट पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 मई को चौथी बार उतरेंगे. 2014 में एनडीए ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया था. उस समय से अबतक वे लगातार पलामू आते रहे हैं.