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हजारीबाग में दिखा दो चोंच वाला पक्षी, डायपर सिस्टम पर चलता है इसका पूरा जीवन - HORNBILL BIRD IN HAZARIBAG

हजारीबाग में दो चोंच वाला पक्षी देखा गया है. एक चोंच से पक्षी खाती तो दूसरा चोंच उसकी खूबसूरती बढ़ाती है.

Two-beaked hornbill bird in Hazaribag
हॉर्नबिल पक्षी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 3 hours ago

हजारीबाग: अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूरे राज्य भर में हजारीबाग जाना जाता है. यहां कई ऐसी पक्षी पाई जाती है, जो दुर्लभ है. उसी में एक है हॉर्नबिल, जिसे हिंदी में धनेश कहते हैं. यह पक्षी सबसे अलग दो चोंच वाले होते हैं, जो इसकी खूबसूरती का राज भी है. इस पक्षी की सबसे बड़ी खासियत है कि यह स्वच्छता प्रेमी होती है.

आमतौर पर यह हजारीबाग के जंगली क्षेत्र में अधिक दिखती है. कभी कभार शहर में भी यह पक्षी जंगल से आ जाती है. इस पक्षी के दो चोंच होते हैं. एक चोंच काम का होता है और एक दिखावे का होता है. नीचे वाले चोंच से वह खाना खाती है तो ऊपर का चोंच उसकी सुंदरता को निखारता है.

जानकारी देते पर्यावरणविद् (ETV BHARAT)

आमतौर पर आप सबसे सुना होगा कि पंछी जहां रहते हैं वहां काफी गंदगी भी फैलाते हैं. अपने बीट पेड़ के नीचे या घोंसला में ही छोड़ देते हैं. लेकिन धनेश इन सब पंछियों से अलग है. वह अपना घोंसला गंदा नहीं करती है. महिला धनेश घोंसला बनाती है और अंडा देती है.

पुरुष धनेश उस घोंसले में सूखे हुए पेड़ की छाल जमा करता है. अंडा देने के बाद जब बच्चा बड़ा होता है और वह गंदा करने लगता है तो पुरुष धनेश घोंसला से सूखा हुआ पेड़ का छाल हटा देता है. कहा जाए तो एक तरह से पुरुष धनेश डायपर का काम करता है. यही कारण है कि इसे साफ सफाई पसंद करने वाला पंछी कहा जाता है.

हजारीबाग के पर्यावरणविद् और पंछियों पर काम करने वाले मुरारी सिंह बताते हैं कि इस पंछी की खासियत है कि डायपर फार्मूला पर इसका जीवन चलता है. यह साफ सफाई पसंद करने वाला पंछी है. यही कारण है कि दूर दराज इलाके जहां सफाई रहती है वहां यह अपना घोंसला बनाता है.

यह पंछी हजारीबाग के कई इलाकों में पाई जाती है. हजारीबाग में जो पंछी धनेश दिख रहा है, वह ग्रे रंग का है. वहीं एक और प्रजाति है जिसकी चर्चा पुस्तकों में मिलती है, वह रंगीन होता है. इस पंछी को सफाई बेहद पसंद है.

ये भी पढ़ें: हजारीबाग में अनोखा पक्षी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र, व्यापारी बता रहे हैं विदेशी नस्ल

ये भी पढ़ें: प्रवासी पक्षियों के कोलाहल से गुलजार हुआ लातेहार, वन विभाग ने शुरू की पक्षी गणना

हजारीबाग: अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूरे राज्य भर में हजारीबाग जाना जाता है. यहां कई ऐसी पक्षी पाई जाती है, जो दुर्लभ है. उसी में एक है हॉर्नबिल, जिसे हिंदी में धनेश कहते हैं. यह पक्षी सबसे अलग दो चोंच वाले होते हैं, जो इसकी खूबसूरती का राज भी है. इस पक्षी की सबसे बड़ी खासियत है कि यह स्वच्छता प्रेमी होती है.

आमतौर पर यह हजारीबाग के जंगली क्षेत्र में अधिक दिखती है. कभी कभार शहर में भी यह पक्षी जंगल से आ जाती है. इस पक्षी के दो चोंच होते हैं. एक चोंच काम का होता है और एक दिखावे का होता है. नीचे वाले चोंच से वह खाना खाती है तो ऊपर का चोंच उसकी सुंदरता को निखारता है.

जानकारी देते पर्यावरणविद् (ETV BHARAT)

आमतौर पर आप सबसे सुना होगा कि पंछी जहां रहते हैं वहां काफी गंदगी भी फैलाते हैं. अपने बीट पेड़ के नीचे या घोंसला में ही छोड़ देते हैं. लेकिन धनेश इन सब पंछियों से अलग है. वह अपना घोंसला गंदा नहीं करती है. महिला धनेश घोंसला बनाती है और अंडा देती है.

पुरुष धनेश उस घोंसले में सूखे हुए पेड़ की छाल जमा करता है. अंडा देने के बाद जब बच्चा बड़ा होता है और वह गंदा करने लगता है तो पुरुष धनेश घोंसला से सूखा हुआ पेड़ का छाल हटा देता है. कहा जाए तो एक तरह से पुरुष धनेश डायपर का काम करता है. यही कारण है कि इसे साफ सफाई पसंद करने वाला पंछी कहा जाता है.

हजारीबाग के पर्यावरणविद् और पंछियों पर काम करने वाले मुरारी सिंह बताते हैं कि इस पंछी की खासियत है कि डायपर फार्मूला पर इसका जीवन चलता है. यह साफ सफाई पसंद करने वाला पंछी है. यही कारण है कि दूर दराज इलाके जहां सफाई रहती है वहां यह अपना घोंसला बनाता है.

यह पंछी हजारीबाग के कई इलाकों में पाई जाती है. हजारीबाग में जो पंछी धनेश दिख रहा है, वह ग्रे रंग का है. वहीं एक और प्रजाति है जिसकी चर्चा पुस्तकों में मिलती है, वह रंगीन होता है. इस पंछी को सफाई बेहद पसंद है.

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