श्रीनगर: ईद उल फितर, रमजान के अंत की खुशी का अवसर है. पूरे जम्मू-कश्मीर में जश्न के साथ गूंज रहा है, लेकिन श्रीनगर में एक उदास सा माहौल बना हुआ है. लगातार पांचवें साल, श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में खामोशी है.
इस साल जामिया मस्जिद में ईद की नमाज की अनुपस्थिति, साथ ही शब-ए-कदर और जुम्मत उल विदा की नमाजों से इनकार बहुत कुछ बयान करती है. ये सब मस्जिद की प्रबंधन समिति और प्रशासन के बीच लंबे समय से चल रहे कलह को रेखांकित करता है. अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद श्रीनगर का दावा है कि प्रशासनिक निर्देशों ने निर्धारित समय पर नमाज आयोजित करने के उनके प्रयासों को विफल कर दिया है.
प्रबंधन समिति के एक सदस्य ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, 'आज भी प्रशासन ने हमें सुबह 9:30 बजे के निर्धारित समय पर प्रार्थना करने की अनुमति नहीं दी. हमारी दलीलों और याचिकाओं के बावजूद, उन्होंने तय समय पर नमाज की अनुमति देने से इनकार कर दिया. इसके कारण ऐतिहासिक मस्जिद की नमाज स्थगित कर दी गई. फज्र की नमाज के बाद पुलिस कर्मियों ने मस्जिद के दरवाजे बंद कर दिए. मीरवाइज उमर फारूक को भी नजरबंद कर दिया गया है'.