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ताहिर हुसैन को मिली कस्टडी पेरोल, नामांकन दाखिल करने के लिए मांगी थी जमानत - TAHIR HUSSAIN CUSTODY PAROLE

ताहिर हुसैन ने दिल्ली हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत की याचिका दायर की थी. वह AIMIM के मुस्तफाबाद सीट से उम्मीदवार हैं.

ताहिर हुसैन को मिली कस्टडी पेरोल
ताहिर हुसैन को मिली कस्टडी पेरोल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 15, 2025, 9:23 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने एआईएमआईएम के उम्मीदवार और 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को दिल्ली विधानसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने के लिए कस्टडी पेरोल दे दी है. उन्हें हाईकोर्ट द्वारा नामांकन दाखिल करने के लिए एक दिन 16 जनवरी को पेरोल दी गई है, अगर वह किसी कारण 16 जनवरी को नामांकन दाखिल न कर सके तो 17 जनवरी को भी पेरोल पर रहेगें. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने प्रशासन को निर्देश दिया कि वो ताहिर हुसैन के नामांकन के लिए जरूरी समन्वय करें, ताकि उसके चुनाव लड़ने के अधिकार का उल्लंघन ना हो.

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने एआईएमआईएम उम्मीदवार और 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध: 13 जनवरी को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ताहिर हुसैन समाज के लिए खतरा है. उन्होंने कहा कि हुसैन का यह कहना कि चुनाव लड़ना उनका मौलिक अधिकार है, तो चुनाव लड़ना कोई मौलिक अधिकार नहीं है. इसके अलावा वह चाहे तो जेल से भी अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. दिल्ली पुलिस ने अपनी इस दलील के समर्थन में अमृतपाल सिंह का उदाहरण दिया.

चुनाव प्रचार के लिए जमानत की मांग: बता दें कि 13 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि अगर आपको केवल नामांकन भरना है तो आप जेल से भी कर सकते हैं. सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से पेश वकील ने कहा था कि सांसद इंजीनियर रशीद को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी, जबकि उनके खिलाफ भी टेरर फंडिंग का मामला चल रहा है. ताहिर हुसैन की ओर से कहा गया था कि उन्हें एक राष्ट्रीय पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. वे अपनी सभी संपत्तियों का विवरण देने को तैयार हैं. उन्हें अपने लिए एक प्रस्तावक भी खोजना है, और दिल्ली में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

अंकित शर्मा की हत्या का आरोप: 24 दिसंबर 2024 को आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में ताहिर हुसैन की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. इसी जमानत याचिका में नई याचिका दायर कर ताहिर हुसैन ने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी. ताहिर हुसैन को एआईएमआईएम की ओर से उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद से उम्मीदवार बनाया गया है. ताहिर हुसैन की ओर से पेश वकील तारा नरूला ने कहा कि इस मामले में ट्रायल शुरू हो चुका है और अभियोजन पक्ष के 114 गवाहों में से अब तक 20 गवाहों का परीक्षण किया गया है. ऐसे में ट्रायल जल्द पूरी होने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि ताहिर हुसैन चार साल नौ महीने से ज्यादा समय से हिरासत में है.

फरवरी 2020 का है मामला: 26 फरवरी 2020 आईबी अधिकारी अंकित शर्मा के पिता रविंद्र कुमार दयालपुर थाने आए और कहा कि उनका बेटा 25 फरवरी को अपने दफ्तर से लौटकर शाम को कुछ सामान खरीदने गया था. जब अंकित शर्मा बहुत देर तक नहीं आए तो उनके पिता ने कई जगह खोजा और अस्पतालों में भी गए. रात तक इंतजार करने के बाद उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई. उसके बाद उन्हें कुछ लड़कों ने बताया कि एक लड़के को मारकर खजूरी खास नाले में फेंक दिया गया है. उसी नाले से अंकित शर्मा का शव निकाला गया.

जांच के दौरान पुलिस ने अंकित शर्मा के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया कि उनके शरीर पर हथियारों से वार किए गए थे. उसके बाद इस केस की जांच 28 फरवरी 2020 को क्राइम ब्रांच की एसआईटी को सौंप दी गई. दिल्ली पुलिस के मुताबिक आगे की जांच में मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन के घर और उसके आसपास के इलाकों में मलबा, पत्थर, ईंट, टूटी बोतलें , बुलेट और कुछ जली हुई चीजें मिलीं. ताहिर हुसैन के मकान का इस्तेमाल दंगाईयों ने ईंट और पत्थरबाजी करने के लिए किया था. ताहिर हुसैन के घर के तीसरे मंजिल की छत पर गुलेल, पत्थर, पेट्रोल की बोतलें मिली थीं.

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नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने एआईएमआईएम के उम्मीदवार और 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को दिल्ली विधानसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने के लिए कस्टडी पेरोल दे दी है. उन्हें हाईकोर्ट द्वारा नामांकन दाखिल करने के लिए एक दिन 16 जनवरी को पेरोल दी गई है, अगर वह किसी कारण 16 जनवरी को नामांकन दाखिल न कर सके तो 17 जनवरी को भी पेरोल पर रहेगें. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने प्रशासन को निर्देश दिया कि वो ताहिर हुसैन के नामांकन के लिए जरूरी समन्वय करें, ताकि उसके चुनाव लड़ने के अधिकार का उल्लंघन ना हो.

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने एआईएमआईएम उम्मीदवार और 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध: 13 जनवरी को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ताहिर हुसैन समाज के लिए खतरा है. उन्होंने कहा कि हुसैन का यह कहना कि चुनाव लड़ना उनका मौलिक अधिकार है, तो चुनाव लड़ना कोई मौलिक अधिकार नहीं है. इसके अलावा वह चाहे तो जेल से भी अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. दिल्ली पुलिस ने अपनी इस दलील के समर्थन में अमृतपाल सिंह का उदाहरण दिया.

चुनाव प्रचार के लिए जमानत की मांग: बता दें कि 13 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि अगर आपको केवल नामांकन भरना है तो आप जेल से भी कर सकते हैं. सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से पेश वकील ने कहा था कि सांसद इंजीनियर रशीद को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी, जबकि उनके खिलाफ भी टेरर फंडिंग का मामला चल रहा है. ताहिर हुसैन की ओर से कहा गया था कि उन्हें एक राष्ट्रीय पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. वे अपनी सभी संपत्तियों का विवरण देने को तैयार हैं. उन्हें अपने लिए एक प्रस्तावक भी खोजना है, और दिल्ली में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

अंकित शर्मा की हत्या का आरोप: 24 दिसंबर 2024 को आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में ताहिर हुसैन की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. इसी जमानत याचिका में नई याचिका दायर कर ताहिर हुसैन ने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी. ताहिर हुसैन को एआईएमआईएम की ओर से उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद से उम्मीदवार बनाया गया है. ताहिर हुसैन की ओर से पेश वकील तारा नरूला ने कहा कि इस मामले में ट्रायल शुरू हो चुका है और अभियोजन पक्ष के 114 गवाहों में से अब तक 20 गवाहों का परीक्षण किया गया है. ऐसे में ट्रायल जल्द पूरी होने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि ताहिर हुसैन चार साल नौ महीने से ज्यादा समय से हिरासत में है.

फरवरी 2020 का है मामला: 26 फरवरी 2020 आईबी अधिकारी अंकित शर्मा के पिता रविंद्र कुमार दयालपुर थाने आए और कहा कि उनका बेटा 25 फरवरी को अपने दफ्तर से लौटकर शाम को कुछ सामान खरीदने गया था. जब अंकित शर्मा बहुत देर तक नहीं आए तो उनके पिता ने कई जगह खोजा और अस्पतालों में भी गए. रात तक इंतजार करने के बाद उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई. उसके बाद उन्हें कुछ लड़कों ने बताया कि एक लड़के को मारकर खजूरी खास नाले में फेंक दिया गया है. उसी नाले से अंकित शर्मा का शव निकाला गया.

जांच के दौरान पुलिस ने अंकित शर्मा के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया कि उनके शरीर पर हथियारों से वार किए गए थे. उसके बाद इस केस की जांच 28 फरवरी 2020 को क्राइम ब्रांच की एसआईटी को सौंप दी गई. दिल्ली पुलिस के मुताबिक आगे की जांच में मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन के घर और उसके आसपास के इलाकों में मलबा, पत्थर, ईंट, टूटी बोतलें , बुलेट और कुछ जली हुई चीजें मिलीं. ताहिर हुसैन के मकान का इस्तेमाल दंगाईयों ने ईंट और पत्थरबाजी करने के लिए किया था. ताहिर हुसैन के घर के तीसरे मंजिल की छत पर गुलेल, पत्थर, पेट्रोल की बोतलें मिली थीं.

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