नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियां मजबूत रणनीति के साथ चुनाव प्रचार में ताकत झोंक रही हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है. भाजपा द्वारा जारी की गई स्टार प्रचारकों की लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्री और विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के नाम शामिल हैं.
प्रचार में उतरेंगे 7 मुख्यमंत्री: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार में भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को उतारा जाएगा. भाजपा द्वारा जारी की गई स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भाजपा शासित प्रदेशों के सात मुख्यमंत्रियों के नाम शामिल है. स्टार प्रचारकों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शामिल हैं.
उप मुख्यमंत्री को भी दी जिम्मेदारी: चुनाव प्रचार में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को स्टार प्रचारकों की सूची में रखा गया है.
कई सांसदों को जिम्मेदारी: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का नाम भी स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल है. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा और दिल्ली भाजपा की सह प्रभारी डॉ अलका गुर्जर समेत कई सांसदों को चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें सांसद अतुल गर्ग, सांसद प्रवीण खंडेलवाल, सांसद बांसुरी स्वराज, सांसद रवि किशन, सांसद दिनेश लाल यादव आदि के नाम शामिल हैं.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को एक फेज में वोट डाले जाएंगे. वहीं, नतीजे का ऐलान 8 फरवरी को होगा. चुनाव आयोग के मुताबिक दिल्ली में 83,49,645 पुरुष, 71,73,952 महिला और 1,261 थर्ड जेंडर को मिलाकर कुल 1.55 करोड़ मतदाता अपने बहुमूल्य अधिकार का प्रयोग करेंगे.
दिल्ली में आदर्श आचार संहिता: चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही दिल्ली में चुनाव 'आदर्श आचार संहिता' लागू हो गई है, जिसके तहत सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता और चुनावी रैलियों के लिए पुलिस की अनुमति अनिवार्य है.
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