समस्तीपुरःप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें बिहार के कोने-कोने से जुड़ी है. बिहार के सुपौल में शारदा सिन्हा की जन्मभूमि और बेगूसराय में ससुराल है लेकिन समस्तीपुर उनकी कर्मभूमि रही है. शारदा सिन्हा समस्तीपुर में लंबे समय तक रहीं. समस्तीपुर वुमेंस कॉलेज में प्रोफेसर थी.
समस्तीपुर 38 साल तक सेवा दीः समस्तीपुर शहर के काशीपुर में शारदा सिन्हा का 'आशावरी' नाम से आवास है, जहां वुमेंस कॉलेज में सेवा के दौरान रहा करती थीं. 38 साल तक वुमेंस कॉलेज में संगीत प्रोफेसर के तौर पर सेवा दी. 2017 में रिटायर्ड होने के बाद यहां से चली गयी. तब से यह घर खाली है. हालांकि समस्तीपुर से उनका लगाव कम नहीं हुआ. रियाटर्मेंट के बाद भी कभी-कभी समस्तीपुर आकर लोगों से मुलाकात करती थी.
सिन्हा के निधन से हर कोई दुखीः समस्तीपुर वुमेंस कॉलेज के पास श्री कृष्णा भोजनालय नाम से एक होटल चल रहा है. इस होटल के संचालक अनिक लाल साह शारदा सिन्हा को याद कर भावुक हो गए. अनिक साह कहते हैं कि शारदा सिन्हा को सभी लोग बहुत याद करते हैं. खासकर महिला वर्ग काफी दुखी है. जिस दिन शारदा सिन्हा का निधन हुआ उस दिन अनिक साह की पत्नी खूब रोयी थी.
पेड़ा प्रेमी थीं शारदा सिन्हाः अनिक साह बताते हैं कि वे दुकान में पेड़ा भी बेचते हैं. शारदा सिन्हा उनकी दुकान का पेड़ा बहुत पसंद करती थी. जब भी वे कॉलेज से निकलती थी तो इस दुकान से पेड़ा खरीदकर जरूर घर ले जाती थी. सप्ताह में दो से तीन दिन पेड़ा लेने के लिए आती थी. अनिक साह का भी संगीत लगाव है इसलिए वे शारदा सिन्हा के गाने सुना करते हैं.