नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ताज ट्रेपेजियम जोन में हो रही पेड़ों की अवैध कटाई को लेकर टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि मथुरा में रातों-रात 454 पेड़ों की कटाई 'चौंकाने वाली स्थिति' है और ताज ट्रेपेजियम जोन (TTZ) में शाम 6 बजे से अगले दिन सुबह 8 बजे के बीच पूर्व अनुमति के बिना भी पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगा दिया.
बता दें कि टीटीजेड लगभग 10,400 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है जो उत्तर प्रदेश के आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा जिलों तथा राजस्थान के भरतपुर जिले में फैला हुआ है. जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस अगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने टीटीजेड में पेड़ों की अवैध कटाई की मुद्दा उठाने वाली याचिका पर उक्त टिप्पणी की. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने एक निजी पक्ष, डालमिया फार्म्स को अवमानना नोटिस जारी किया, जिसने 18 और 19 सितंबर की मध्य रात्रि में संरक्षित वन के 32 पेड़ों के अलावा निजी भूमि पर 422 पेड़ों को गिराया था.
केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) की रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि रिपोर्ट “चौंकाने वाली स्थिति का खुलासा करती है कि 18-19 सितंबर, 2024 की रात को 454 पेड़ों को अवैध रूप से गिराया गया था. इनमें से 422 पेड़ निजी भूमि पर थे, जिसे डालमिया फार्म, जिला मथुरा के नाम से जाना जाता है, और शेष 32 पेड़ संरक्षित वन का हिस्सा थे." पीठ ने कहा कि रिपोर्ट में पेड़ों का विवरण भी संलग्न किया गया है और रिपोर्ट से ऐसा प्रतीत होता है कि यह घोर अवैध कार्रवाई रिपोर्ट में नामित व्यक्तियों द्वारा की गई है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के 8 मई, 2015 के आदेश का उल्लंघन है.