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राजनीतिक सुविधानुसार बयान दे रहे मोहन भागवत, संभल सर्वे पर भी खुलकर बोले अविमुक्तेश्वरानंद - AVIMUKTESHWARANANDA STATEMENT

मोहन भागवत के मंदिर विवाद पर अविमुक्तेश्वरानंद ने दी प्रतिक्रिया, दूसरे मुद्दों पर भी खुलकर की प्रतिक्रिया.

AVIMUKTESHWARANANDA STATEMENT
फाइल फोटो (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 23, 2024, 6:31 PM IST

हरिद्वार (उत्तराखंड): ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा है. मोहन भागवत की नसीहत पर भड़के शंकराचार्य ने कहा कि जब उन्हें सत्ता प्राप्त करनी थी, तब वह मंदिर-मंदिर करते थे. अब सत्ता मिल गई तो मंदिर नहीं ढूंढ़ने की नसीहत दे रहे हैं. उन्होंने आरएसएस प्रमुख परराजनीतिक सुविधा के अनुसार बयान देने का भी आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि, 'भागवत जी अपनी सुविधा की बात कर रहे हैं कि जब हमको जरूरत थी तब हमने इसको बढ़ा लिया और जब जरूरत है घटा लें.'शंकराचार्य ने कहा कि, न्याय सुविधा नहीं देखता बल्कि सच्चाई देखता है. इसलिए सच्चाई सामने आनी जरूरी है. इसी के साथ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने संभल सर्वे पर बोलते हुए कहा कि जो कुछ सच है अब सामने आ रहा है. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा,

जो भी इतिहास हम पढ़ते आ रहे हैं या जो हमनें जो सुना है उसी के साक्ष्य अब निकलकर सामने आ रहे हैं. ये जो मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई ये राजनीतिक इस्लाम था. ये धार्मिक इस्लाम नहीं था. धार्मिक इस्लाम कभी ऐसा नहीं कर सकता. किसी की जमीन को कब्जा करके उसपर अगर नमाज पढ़ी जाए तो जो धार्मिक इस्लाम है उसके अनुसार खुदा उसको कबूल ही नहीं करता. ये राजनीतिक इस्लाम था.

वहीं, आगे बात करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि, 'जो राजनीतिक इस्लाम को मानने वाले लोग हैं उनको दिक्कत हो सकती है लेकिन जो धार्मिक इस्लाम के लोग हैं, शरीयत के अनुसार जीवन जीने वाले लोग हैं उनको इसका स्वागत करता चाहिए. ये अच्छा है कि स्पष्ट हो जाए जो कुछ है.'

मोहन भागवत के बयान पर अविमुक्तेश्वरानंद (ETV BHARAT)

दरअसल, बीते दिनों संघ प्रमुख मोहन भागवत ने लगातार सामने आ रहे मंदिर-मस्जिद विवादों पर चिंता जाहिर की थी. बीते गुरुवार (19 दिसंबर) को पुणे महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम में बोलते हुए आरएसएस चीफ भागवत ने कहा था कि राम मंदिर हिंदुओं की आस्था का स्थान है. राम मंदिर होना चाहिए था और वो हुआ. लेकिन हर दिन नए-नए मुद्दे उठाना सही नहीं है. हमें दुनिया को ये दिखाना चाहिए कि हम लोग सद्भाव में रह सकते हैं.

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