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गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा पहुंची रांची, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पहाड़ी मंदिर में किया ध्वजारोहण - Gau Pratishtha Sthapana

गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के तहत गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा शनिवार को रांची पहुंची. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पहाड़ी मंदिर पर ध्वजारोहण किया.

Shankaracharya Swami avimukteshwaranand visit to Ranchi
रांची में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 5, 2024, 10:52 PM IST

रांची: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की अगुवाई में शुरू की गयी गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के तहत गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा रांची पहुंची. इस अवसर पर पहाड़ी मंदिर की गली शोभायात्रा निकाली गई. पहाड़ी मंदिर पहुंचे उत्तराखंड ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मंदिर परिसर में गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के लिए ध्वजारोहण किया.

इसके बाद रानी सती मंदिर में मीडिया से रूबरू हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वह गौ माता की सेवा के लिए एक संकल्प के साथ भारत के अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानियों में गौ प्रतिष्ठा ध्वज की स्थापना करने के लिए निकले हैं. इसी को लेकर रांची के पहाड़ी मंदिर में भी प्रतिष्ठा ध्वज को स्थापित किया गया है. उन्होंने कहा कि जब देश में गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा मिल जाएगा तब इसी पहाड़ी मंदिर पर सबसे ऊंचा पताका फहराने आएंगे.

गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा को लेकर बोले शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (ETV Bharat)

'एक वक्त आएगा जब गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा मिलेगा'

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा कब तक मिलेगा यह तो ईश्वर के ऊपर है. लेकिन हम अपना कर्म कर रहे हैं. एक वक्त ऐसा भी आएगा जब गौ माता को भी राष्ट्रीय माता का दर्जा मिलेगा. इस देश में गाय का कोई विरोधी नहीं है. लेकिन बहुसंख्यक आबादी की मांग 78 साल बाद भी नहीं मानी जा रही है, यह जरूर आश्चर्य की बात है.

महाराष्ट्र में गौ माता को माता का दर्जा दिए जाने पर अविमुक्तेश्वरानंद ने दी की प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र में गाय को माता का दर्जा दिए जाने पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य में विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा होती है. हमारे यहां भी किसी कार्य की शुरुआत भगवान श्रीगणेश की पूजा से ही होता है. भारत देश में 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं और गौ माता को माता का दर्जा सबसे पहले महाराष्ट्र से दिया गया है. इससे यह प्रतीत होता है कि उनके अभियान के पूरा होने का श्री गणेश हो चुका है. आने वाले समय में देशभर के नेता इस पर विचार करते हुए गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करेंगे. अब हिंदू किसी भी दशा में वैसे लोगों को वोट नहीं देंगे जो गौ माता की हत्या में लिप्त है. गौ हत्यारी पार्टी और उनके नेताओं को तो वोट नहीं मिलने वाला है.

रांची पहुंचने पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का स्वागत (ETV Bharat)

देश का PM कोई भी बना हो, गौ हत्या पर रोक नहीं लगी

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि आजादी के बाद 78 साल से इस देश में कई प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बन रहे हैं. इससे पहले भी एकमुश्त हिंदुओं की मांग रही है कि गाय माता को राष्ट्रीय माता घोषित किया जाए. आजादी की लड़ाई भी गौकशी को बंद करने के लिए लड़ी गयी थी. लेकिन देश की सत्ता में जो भी पार्टी आई उसने सभी गौ हत्या करने वाले बुचरखाने को सब्सिडी देने का काम किया, जिससे उनकी मशीन आधुनिक होने लगीं. अब इस परिपाटी को देश का हिन्दू स्वीकार नहीं करने वाला नहीं है.

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