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300 किस्मों के गुलाबों ने वैलेंटाइंस वीक को बनाया खास, जबलपुर में लोगों ने किया अनोखे गुलाबों का दीदार

Rose show in jabalpur : जबलपुर की रोज सोसइटी हर साल फरवरी में रोज शो का आयोजन करती है, जिसमें सैकड़ो किस्म के गुलाब प्रदर्शित किए जाते हैं और अच्छे गुलाब उत्पादकों को सम्मानित भी किया जाता है.

Rose show in jabalpur 300 typres of roses
300 किस्मों के गुलाबों ने वैलेंटाइंस वीक को बनाया खास

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 12, 2024, 2:04 PM IST

Updated : Feb 12, 2024, 2:57 PM IST

जबलपुर में वैलेंटाइंस वीक पर गुलाबों की प्रदर्शनी

जबलपुर. वैलेंटाइन डे (Valentine day) को अब दो दिनों का ही वक्त रह गया है. इस दिन का सीधा संबंध गुलाब से भी है, ऐसे में जबलपुर की रोज सोसइटी (Jabalpur rose society) द्वारा इकबाल भवन में गुलाब प्रदर्शनी (rose exhibition) का आयोजन किया गया, जिसमें 300 से ज्यादा वैरायटी के रोज लोगों ने देखे. ये सोसायटी हर साल फरवरी में गुलाब प्रदर्शनी लगाती है और अच्छे गुलाब उत्पादकों को सम्मानित भी करती है.

फरवरी और गुलाबों का कनेक्शन

प्रदर्शनी से जुड़े लोग बताते हैं किफरवरी और गुलाबों का कनेक्शन वैलेंटाइन डे से नहीं है. दरअसल, जब से ये दिन मनाना शुरू भी नहीं हुआ होगा तब से फरवरी और गुलाबों को जोड़कर देखा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि फरवरी के माह में अनुकूल मौसम होने की वजह से गुलाब अपने पूरे सौंदर्य को बिखेरने लगते हैं. ऐसे में यहां 300 किस्मों के गुलाब देखकर लोग रोमांचित हो उठे.

जबलपुर की रोज सोसइटी द्वारा इकबाल भवन में ये प्रदर्शनी लगाई गई.

किंग क्वीन रोज कैसे चुने जाते हैं?

इन 300 से अधिक गुलाबों में चार गुलाबों को किंग क्वीन प्रिंस और प्रिंसेस का खिताब मिला. रोज सोसाइटी के मेंबर जयंत चौधरी ने बताया कि ऐसे तो आपको देखने में सभी फूल एक से लगेंगे लेकिन जिनको गुलाबों का राजा चुना जाता है, उसमें फूलों की चमक, पत्तियों की चमक, उस फूल की बनावट, फूलों की कसावट और ऊपर से देखने में वह पूरा गोलाकार है या नहीं ये सब देखा जाता है. सैकड़ों फूलों में से किन्हीं चार को चुनना बेहद कठिन काम होता है.

डबल डिलाइट गुलाब

जबलपुर की रोज समिति के सदस्य हितेश शाह ने बताया कि डबल डिलाइट गुलाब दुनिया में सबसे ज्यादा खुशबू देने वाला गुलाब है. जबलपुर में भी गुलाब के शौकीन लोग इसे उगते हैं. वहीं यहां एक दूसरा गुलाब भी था जिसकी खुशबू वाइन जैसी थी. हितेश शाह का कहना है कि हर गुलाब की खुशबू अलग-अलग होती है. हितेश के पास गुलाब की 100 से ज्यादा वैरायटी है.

अच्छे गुलाब उत्पादकों को यहां सम्मानित भी किया गया.

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इंडियन हाइब्रिड

भारत में भी कुछ गुलाब विकसित किए गए हैं, इनमें सहस्त्रधारा और प्रभानंद नाम के दो गुलाब भी यहां प्रदर्शित किए गए. हितेश ने बताया कि भारत में भी गुलाब पर प्रयोग हो रहे हैं. दो अलग-अलग वैरायटी के गुलाब से नए गुलाबों को बनाया जा रहा है. ऐसे ही दो बेहतरीन गुलाब सहस्त्रधारा और प्रभानंद हैं. सहस्त्र धारा में पंखुडी पर आपको सफेद रंग की लकीरें देखने को मिलती हैं. वहीं प्रभानंद एक बेहद खूबसूरत खिला हुआ गुलाब था.

Last Updated : Feb 12, 2024, 2:57 PM IST

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