देहरादून (नवीन उनियाल):दुनिया के नक्शे पर ऋषिकेश राफ्टिंग लीडर के रूप में उभरने को तैयार है. दरअसल ये सब केंद्र सरकार की मदद और ऑपरेटर्स के सहयोग से होने जा रहा है. केंद्र सरकार देश भर के तमाम पर्यटन स्थलों में विकास के लिए 3,295 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है. अच्छी बात ये है कि उत्तराखंड ने राफ्टिंग के क्षेत्र में अपना मजबूत पक्ष रखकर केंद्र सरकार को ऋषिकेश में अत्याधुनिक राफ्टिंग बेस स्टेशन स्थापित करने के लिए सहमत किया है. जिसके लिए राज्य को 100 करोड़ रुपए केंद्र से जल्द मिलने की उम्मीद है.
हिमालय की तलहटी में बसे ऋषिकेश को मां गंगा की निर्मल धारा विशेष पहचान देती है. यह क्षेत्र वैसे तो योग नगरी के नाम से दुनिया भर में जाना जाता है, लेकिन आध्यात्मिक केंद्र के रूप में भी ऋषिकेश ने अपना अलग रुतबा हासिल किया है. चारधाम यात्रा के द्वार ऋषिकेश को एक और वजह से पहचान मिली है और वो है व्हाइट वाटर राफ्टिंग.
हर साल ऋषिकेश में 15 लाख से ज्यादा पर्यटक करते हैं राफ्टिंग:ऋषिकेश में गंगा पर राफ्टिंग की शुरुआत करने वालों में शामिल व उत्तराखंड में पिछले तीन दशकों से राफ्टिंग से जुड़े एक्सपर्ट मंजुल रावत बताते हैं कि,
राफ्टिंग के लिहाज से ऋषिकेश को देश में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. इस बात का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि ऋषिकेश में गंगा नदी में राफ्टिंग करने के लिए हर साल करीब 15 लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं. इसमें करीब आठ से 10% हिस्सेदारी विदेशी पर्यटकों की भी होती है. चौंकाने वाली बात यह है कि राफ्टिंग का इतना बड़ा बाजार निजी ऑपरेटर्स ने अपनी मेहनत से खड़ा किया है और अभी तक सरकार की भूमिका इसमें मामूली रही है, खास बात ये है कि ऋषिकेश पहले ही देश में राफ्टिंग के लिए पर्यटकों की पहली पसंद है. विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में यहां पहुंचते रहे हैं. लेकिन पिछले 30 सालों से राज्य सरकार की अनदेखी व्हाइट वॉटर राफ्टिंग के रोमांच को फीका कर रही है. हालांकि, अब केंद्र सरकार से मिली तवज्जो के बाद इस क्षेत्र में ऋषिकेश के अंतरराष्ट्रीय फलक पर छाने की उम्मीद है.
न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन से मुकाबला करेगा ऋषिकेश:हालांकि, पूरी दुनिया में रिवर राफ्टिंग के लिए न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन को बेस्ट जाना जाता है. आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव, नियोजनबताते हैं किक्वींसटाउन में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ अंतरराष्ट्रीय मानकों पर राफ्टिंग करने के लिए दुनिया भर के रिवर राफ्टिंग शौकीन पहुंचते हैं. यही कारण है कि ये क्षेत्र रिवर राफ्टिंग की बदौलत 80 मिलियन अमेरिकी डॉलर की इकॉनामी को तय करता है.
ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग का 18 मिलियन अमेरिकी डॉलर का बाजार:उधर, भारत में रिवर राफ्टिंग के लिए सबसे पसंदीदा जगह ऋषिकेश है. यहां रिवर राफ्टिंग का 18 मिलियन अमेरिकी डॉलर का बाजार है.
देश के तमाम राज्यों से आगे निकलते हुए उत्तराखंड ने केंद्र को रिवर राफ्टिंग के क्षेत्र में सहमत करते हुए योजना का लाभ लेने में कामयाबी हासिल की है. राफ्टिंग के क्षेत्र में अब उत्तराखंड ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं वाला स्टेशन तैयार करने जा रहा है. इसके जरिए राफ्टिंग के क्षेत्र में राज्य एक बड़ी छलांग लगाएगा. न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन में ऋषिकेश से 10 गुना कम पर्यटक आते हैं. इसके बावजूद भी उसकी इकोनॉमी राफ्टिंग के जरिए80 मिलियन अमेरिकी डॉलरहै और ऋषिकेश की मात्र 18 मिलियन अमेरिकी डॉलर. ऐसे में उत्तराखंड भी 18 से 80 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक का सफर तय करने के लिए पूरा प्रयास करेगा.
-आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव, नियोजन-
क्यों दुनियाभर के पर्यटकों के लिए है खास है क्वींसटाउन:न्यूजीलैंड का क्वींसटाउन पूरी दुनिया के पर्यटको को आकर्षित करता है.. खासतौर पर साहसिक खेलों में दिलचस्पी रखने वाले पर्यटक न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन को बेहद पसंद करते हैं. इसके पीछे की वजह इस शहर में रिवर राफ्टिंग को लेकर मिलने वाली सुविधाएं और सुरक्षित राफ्टिंग है, जो दुनिया भर में इस क्षेत्र को खास बनाती है. यहां पर रिवर राफ्टिंग करने वाले पर्यटकों को ऑनलाइन बुकिंग के बाद स्लॉट मिलते ही हर तरह की सुविधा का भरोसा ऑपरेटर के माध्यम से मिल जाता है. रिवर राफ्टिंग में ट्रेंड हेल्पर से लेकर सुरक्षित उपकरणों के साथ राफ्टिंग की उपलब्धता रहती है. पर्यटकों के वक्त का विशेष ध्यान रखते हुए समय पर सभी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं.
क्वींसटाउन आने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को रहने खाने और दूसरी सुविधाओं के लिए पूरा पैकेज भी मिल जाता है. इसके अलावा बाकी साहसिक खेलों को करने की इच्छा होने पर हर तरह के वॉटर स्पोर्ट्स और पर्यटन की भी सुविधा है. यानी यहां आने वाला पर्यटक एक बार यहां पहुंचने के बाद सभी तरह के साहसिक खेलों और सुविधाओं को ले सकता है. इस तरह रिवर राफ्टिंग करने के लिए आने वाले पर्यटक से केवल राफ्टिंग से ही नहीं बल्कि दूसरे तमाम साहसिक खेलों और सुख सुविधाओं के जरिए भी इस क्षेत्र की इकोनॉमी बिल्ड होती है. तमाम बेहतरीन सुविधाएं मिलने के कारण अंतरराष्ट्रीय पर्यटक यहां न केवल आते हैं बल्कि दिल खोलकर खर्च भी करते हैं.
ऋषिकेश में फिलहाल क्या है कमी: क्वींसटाउन से तुलना करें तो ऋषिकेश में पूरा फोकस रिवर राफ्टिंग पर रहता है और सुविधाओं के नाम पर कुछ खास पर्यटकों को नहीं मिल पाता. इतना ही नहीं प्रशिक्षित हेल्पर भी उपलब्ध नहीं होते और सुरक्षा मानक भी काफी हल्के हैं. इन सभी कमियों के कारण न केवल पर्यटकों का एक बार आने के बाद दोबारा वापस आना मुश्किल होता है बल्कि यहां का आर्थिक रूप से बाजार भी नहीं बढ़ पा रहा. साथ ही पर्यटक यहां अच्छी रकम अदा करने से भी बचते हैं.
ये आ रही समस्याएं:साहसिक खेल व रिवर राफ्टिंग एक्सपर्ट मंजुल रावतबताते हैं कि गंगा नदी में राफ्टिंग करने के लिए लाखों पर्यटक तो पहुंच रहे हैं, लेकिन देखा जाए तो ऋषिकेश में राफ्टिंग के लिए सरकार कुछ खास कर ही नहीं पाई है. यहां सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक की बनी हुई है. इस कारण विदेशी पर्यटकों का धीरे-धीरे यहां से मोहभंग हो रहा है. राफ्ट को गंगा नदी तक पहुंचने में काफी वक्त लग जाता है. सड़क पर भी ट्रैफिक के कारण पर्यटकों को काफी समय तक राफ्टिंग के लिए इंतजार करना पड़ता है. यहां ना तो पार्किंग की उचित व्यवस्था है और ना ही राफ्टिंग ऑपरेटर्स को ही कोई सुविधा दी गई है. यही नहीं पर्यटकों के लिए शौचालय और चेंजिंग रूम की व्यवस्था भी यहां नहीं है.