पूर्णिया:बिहार के अररिया से फिर शुरू हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा आज पूर्णिया पहुंची. राहुल गांधी ने पूर्णिया में किसानों से बातचीत की. इसके बाद वे एक सार्वजनिक बैठक भी करेंगे. वहीं, किसानों से बातचीत के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि जो भी राजनेता किसानों की जमीन की रक्षा करने की बात करेगा, उस पर 24 घंटे मीडिया का आक्रमण शुरू हो जाएगा. हिंदुस्तान की सरकार जमीन अधिग्रहण के कानून को तोड़ रही है.
मुरेठा बांध खटिया पर बैठे राहुल गांधी :यहां उन्होंने सीसाबाड़ी में किसान चौपाल के दौरान किसानों से बात की. यहां राहुल का जुदा अंदाज भी दिखा. सीसाबाड़ी पहुंचने पर मुरेठा बांधा, खटिया पर बैठे, थोड़ा आराम किया, किसानों ने उन्हें पानी पिलाया और किसानों को संबोधित किया. इस दौरान जयराम रमेश, कन्हैया कुमार और तमाम बड़े नेता मौजूद थे.
किसानों की बात करने पर हमला:राहुल गांधी ने कहा कि जो भी राजनेता किसानों की जमीन की रक्षा करने की बात करेगा, उसपर 24 घंटे मीडिया का आक्रमण शुरू हो जाएगा. यहां एसएसबी का जमीन है, कानून के मुताबिक अगर ये जमीन इस्तेमाल नहीं कि गई तो ये 5 साल के अंदर जमीन आपको मिल जानी चाहिए. यह कानून है. लेकिन हिंदुस्तान की सरकार जमीन अधिग्रहण कानून को तोड़ रही है, मैं आपके लिए संसद में यह सवाल उठा तो सकता हूं, मैं आश्वासन देता हूं, कि अगर हमारी सरकार आएगी तो हम आपका काम करेंगे.
''किसानों को चारों ओर से घेरा जा रहा है. आपसे जमीन ली जाती है और अडानी जैसे बड़े-बड़े उद्योगपतियों को मुफ्त में दी जाती है. प्रधानमंत्री मोदी 3 काले कानून ले आए और जो आपका था, आपकी नाक के सामने से छीनने की कोशिश की. माल्या और अडानी का कर्जा माफ हो सकता है, लेकिन किसानों का कर्जा माफ नहीं हो सकता है."-राहुल गांधी, कांग्रेस नेता
'माल्या-अडानी का कर्ज माफ, लेकिन, किसानों का नहीं' :कांग्रेस नेता ने कहा कि अच्छी बात है कि नरेंद्र मोदी के काले कानून के खिलाफ देश के किसान खड़े हो गए, नहीं तो आपकी जान नहीं बचती. मेरी सोच है कि देश के किसान रीढ़ की हड्डी हैं. आज देश में अरबपतियों के 14 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ हो सकते है. माल्या, और अदानी का कर्जा माफ हो सकता है लेकिन किसानों का नहीं. अगर किसान का कर्जा माफ नहीं करना तो उनका भी माफ नहीं होना चाहिए. ऐसा क्यों? किसानों के साथ न्याय होना चाहिए.