पटना: बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं. छात्रों के साथ राजनीतिक दल भी इस मुद्दे पर उनका समर्थन कर रहे हैं. प्रशांत किशोर ने छात्रों के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है. छात्रों के प्रतिनिधि मंडल ने हाल ही में मुख्य सचिव और गृह सचिव से मुलाकात कर अपनी बात रखी.
पुलिस लाठीचार्ज और छात्र घायल: पुलिस ने छात्रों के आंदोलन को दबाने के लिए जमकर लाठियां बरसाई, जिसके परिणामस्वरूप कई छात्र घायल हो गए. इसके बावजूद छात्रों का प्रदर्शन जारी है और वे अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. छात्रों के प्रतिनिधि मंडल के साथ जनसुराज के नेता आरके मिश्रा भी मुख्य सचिव से मिलने गए थे.
प्रशांत किशोर ने दिया सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम (ETV Bharat) "हम FIR से नहीं डरते. सरकार को 48 घंटे का समय दे रहे हैं अगर इस दौरान सरकार फैसला करके छात्रों की मांगों को पूरा करे अन्यथा ये आंदोलन तेज करने पर हम लोग मजबूर होंगे"-प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज
छात्रों की पांच सूत्री मांगें: प्रशांत किशोर ने कहा कि छात्रों ने सरकार से अपनी पांच सूत्री मांगें रखी हैं, जिनमें सबसे अहम मांग परीक्षा को रद्द करना और छात्रों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेना है. इसके अलावा, छात्रों ने उस छात्र के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की है, जिसकी मौत आंदोलन के दौरान हुई थी. हालांकि सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला, लेकिन छात्रों को भरोसा दिलाया गया.
प्रशांत किशोर का समर्थन: प्रशांत किशोर लगातार छात्रों के पक्ष में आवाज उठा रहे हैं और सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि छात्रों पर लाठीचार्ज करना अत्याचार है, क्योंकि वे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे. इस पर उनके खिलाफ पहली बार प्राथमिकी दर्ज की गई है. हालांकि, प्रशांत किशोर ने कहा कि वे प्राथमिक से डरने वाले नहीं हैं और वे छात्रों के पक्ष में मजबूती से खड़े रहेंगे.
48 घंटे का अल्टीमेटम : 48 घंटे में सरकार से निर्णय की मांग: प्रशांत किशोर ने सरकार से 48 घंटे के भीतर इस मामले में ठोस कार्रवाई करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस समय सीमा में कोई निर्णय नहीं लेती, तो वे आंदोलन को तेज करने के लिए मजबूर होंगे.
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