औरंगाबाद/बेगूसराय : कहते हैं राजनीति में वक्त के साथ तस्वीर बदलती रहती है. महज कुछ महीने पहले के उस दौर को याद कीजिए जब नीतीश कुमार, पीएम मोदी से दो-दो हाथ करने के लिए I.N.D.I.A. गठबंधन के सूत्रधार बने. दिल्ली से लेकर मुंबई-कोलकाता तक दौड़ लगाए. ममता-सोनिया-शरद पवार से मिले. पर जब बात नहीं बनी तो उसी नाव पर सवार हो गए जिसपर उनकी नैया हमेशा पार लगती रहती है.
PM मोदी ने CM नीतीश को माले में पिरोया:महागठबंधन को छोड़कर जब नीतीश एनडीए में शामिल हो गए तो उन्हें पुराना प्यार और सत्कार फिर से मिलने लगा. इसकी बानगी औरंगाबाद में देखने को मिली. बिहार दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जब माला में पिरोने की बारी आयी तो सभी एक साथ माला उठा लिए. बीजेपी के सांसद नित्यानंद राय, गोपालजी ठाकुर, सुशील सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, आरएलजेपी के पशुपति पारस के साथ नीतीश कुमार भी हाथ में माला पकड़े हुए थे.
मोदी-नीतीश का दिखा प्रेम :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोस्ती और वरिष्ठता का पूरा सम्मान किया. पीएम मोदी, सीएम नीतीश कुमार को हाथ पकड़कर माले के अंदर ले आए. इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ना-नुकुर करते रहे, पर पीएम मोदी नहीं माने. जब पीएम एक हाथ से जनता का अभिनंदन स्वीकार कर रहे थे तो दूसरे हाथ से सीएम को पकड़े भी हुए थे. इस दौरान नीतीश कुमार पहले हाथ उठाकर जनता का अभिनंदन करना चाहे, लेकिन बाद में उन्होंने दोनों हाथ जोड़कर सभी का स्वागत किया.
मोदी के लिए पूरे जोश में आए नीतीश :न्यूटन का तीसरा नियम कहता है, प्रत्येक क्रिया के विपरीत बराबर प्रतिक्रिया होती है. नीतीश कुमार इस नियम को मानते दिखाई पड़े. औरंगाबाद की सभा में उन्होंने कहा कि हम विश्वास दिलाते हैं कि अब इधर-उधर नहीं जाएंगे. आपके साथ रहेंगे. लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत का आंकड़ा 400 के पार करना है. वहीं बेगूसराय में अति उत्साहित नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के लिए सभी को खड़े होकर स्वागत करने को कहा.
CM नीतीश को मिला वही पुराना सम्मान :कुल मिलाकर कहें तो इसे ही कहते हैं, Give And Take Policy. जिस तरह पीएम मोदी ने सीएम नीतीश का मान बढ़ाया, ठीक उसी तरह सीएम नीतीश ने पीएम का सम्मान किया. खैर ये तो वक्त ही बताएगा कि एनडीए गठबंधन में आगे क्या होगा. पर एक बात पर मुहर जरूर लग गई कि नीतीश के लिए जो सम्मान पहले था, वो आज भी बरकरार है.
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