पटना : राहुल गांधी पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित आजादी के परवाने कार्यक्रम में पहुंचे और स्व. जगलाल चौधरी को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस कार्यक्रम में उन्होंने दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों की भागीदारी को लेकर अपने विचार रखे और उनके हक की आवाज उठाई.
दलित वोटबैंक पर नजर : एक महीने के अंदर कांग्रेस नेता राहुल गांधी दूसरी बार बिहार आए. राहुल गांधी बिहार में कांग्रेस की खोई हुई जमीन को वापस लाना चाहते हैं. राहुल ने दलित वोट बैंक को लेकर आक्रामक दिखे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चौतरफा हमला बोला.
राहुल ने छलकाया दलित प्रेम : कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. राहुल आरक्षण और जातिगत जनगणना को मुद्दा बनाना चाहते हैं. पटना में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भी राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को लेकर आवाज बुलंद की. राहुल गांधी ने दलितों को उनका हक दिलाने के लिए आवाज बुलंद करने की बात कही.
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मोदी जी ने विधायक और संसद के अधिकार छीन लिए : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी कहते हैं कई जाति को हमने प्रतिनिधित्व दिया. मेरा मानना है कि उन्हें टिकट तो दिए, लेकिन विधायक और संसद से उनके अधिकार छीन लिये. राहुल ने देश के पॉवर स्ट्रक्चर, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, कार्पोरेट, और ज्यूडिशरी में दलित वर्ग की भागीदारी पर सवाल उठाया. उन्होंने बीजेपी द्वारा रिप्रेजेंटेशन की बात किए जाने का हवाला देते हुए कहा कि भागीदारी के बिना रिप्रेजेंटेशन का कोई मतलब नहीं है.
शिक्षा की समानता पर बोले राहुल : राहुल गांधी ने शिक्षा व्यवस्था की समानता पर भी बात की और अमेरिका में SAT एग्जाम से जुड़ी एक घटना का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे शिक्षा में समान अवसरों की कमी से निचले वर्ग के छात्रों को नुकसान होता है.
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''जब अमेरिका में पहली बार SAT एग्जाम की शुरुआत हुई तो उसमें गोरे छात्रों का प्रदर्शन बहुत अच्छा था और अफ्रीकन-अमेरिकन छात्रों का प्रदर्शन ख़राब था. इससे धारणा बनी कि गोरे छात्र पढ़ने में बहुत अच्छे और होशियार हैं और अफ्रीकन-अमेरिकन छात्र पढ़ाई में कमजोर हैं. ऐसे में एक प्रोफेसर ने प्रयोग किया और उसने एग्जाम के क्वेश्चन पेपर अफ्रीकन-अमेरिकन प्रोफेसर से तैयार करवा दिए. इस प्रयोग का नतीजा यह हुआ कि सारे गोरे छात्र फेल हो गए.''- राहुल गांधी, नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा
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'अमीरों के 16 लाख करोड़ माफ' : राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने देश के सबसे अमीर लोगों का 16 लाख करोड़ रुपए माफ किए हैं, जो जनता के टैक्स का पैसा था. उन्होंने यह भी कहा कि अमीरों की लिस्ट में एक भी दलित, आदिवासी या पिछड़ा वर्ग का व्यक्ति नहीं था. दलितों के दिल में जो दुख दर्द था वो अम्बेडकर और जगलाल चौधरी बोलते थे. सोलह लाख करोड़ रुपये नरेन्द्र मोदी ने माफ किया. माफी का फायदा एक भी दलित को नहीं मिला. अरबपति जीएसटी नहीं देते हैं. हिन्दुस्तान के गरीब GST देते हैं.
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मीडिया पर राहुल गांधी : राहुल गांधी ने कहा कि इतिहास में दलित और अनटचेब्लिटी सिर्फ दो शब्दों का जिक्र है, मीडिया सेक्टर में एक भी दलित मालिक नहीं मिलेंगे. एंकर, एडिटर एक भी दलित नहीं हैं. मीडिया में मैने दलित के मुद्दे देखे नहीं. बिहार वाला जाति जनगणना की बात नहीं कर रहा हूं. जाति जनगणना देखनी है तो तेलंगाना वाली देखिये. हम हिन्दुस्तान की सारी संस्था का लिस्ट निकालेंगे. ब्यूरोक्रेसी, मीडिया और कॉरपोरेट में दलितों की कितनी भागीदारी हैं ये हम पता लगायेंगे.
'दलितों को ₹100 में 6 रुपये 10 पैसे ही मिलते हैं' : राहुल गांधी ने हिन्दुस्तान में दलितों की भागीदारी पर बोलते हुए कहा कि 100 रुपए में मात्र 6 रुपए 10 पैसे ही उनकी भागीदारी है. जो मिल रहा है वह भी छीनने की जुगत में हैं. 90 लोग हिन्दुस्तान का बजट डिसाइड करते हैं. यही लोग पैसा बाटते हैं. नब्बे में से तीन अफसर दलित हैं. इन्हें छोटे विभाग दे रखे हैं. दलित अफसर सौ रु० में एक रुपये का फैसला लेते हैं.
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राहुल गांधी और जाति जनगणना : राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि यह जनगणना देश में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और सामान्य वर्ग के लोगों की वास्तविक संख्या और उनकी भागीदारी को पहचानने में मदद करेगी. उनका मानना था कि जातिगत जनगणना से ही यह स्पष्ट होगा कि देश की संस्थाओं में किस वर्ग का प्रतिनिधित्व कितना है?
''दिल्ली का चुनाव महत्वपूर्ण है. पर ये कार्यक्रम भी जरूरी है. संविधान अम्बेडकर जी और गांधी जी की देन है. अम्बेडकर जी के सामने आरएसएस के सब नेता हाथ जोड़ते हैं. मैं ऐसा दिन देखना चाहता हूं हिन्दुस्तान की हर संस्था में आदिवासी और पिछड़े हों.''- राहुल गांधी, नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा
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प्रधानमंत्री ने जातिगत जनगणना का जिक्र नहीं किया : राहुल ने निशासा साधते हुए कहा कि ''सारे प्राइवेट अस्पताल अदानी और उस जैसे लोगों के हैं. एक भी अस्पताल दलितों के नहीं हैं. गरीबों का पैसा पूंजीपतियों के पास जा रहा है. प्रधानमंत्री डेढ़ घंटा भाषण दिये पर एक बार भी जातिगत जनगणना का जिक्र नहीं किया. वो देश में जातिगत जनगणना नहीं कराना चाहते हैं.''
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