श्रीनगर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज रणनीतिक जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया. ये कश्मीर और लद्दाख के बीच सभी मौसम में चालू रहेगा. लद्दाख वह केंद्र शासित प्रदेश है जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीनी के बीच विवादित सीमा है.
इस मौके पर आयोजित समारोह को प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि ये कश्मीर में पर्यटन को रफ्तार देने वाली है. उन्होंने यहां के दृश्यों का जिक्र किया जिसे दो दिन पहले सीएम उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया शेयर किया था. पीएम मोदी ने कहा, 'दो दिन पहले हमारे सीएम उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर इस जगह की कुछ तस्वीरें पोस्ट की. उन तस्वीरों को देखने के बाद यहां आपके बीच आने की मेरी उत्सुकता और भी बढ़ गई. मेरा इस क्षेत्र से बहुत पुराना जुड़ाव रहा है और जब भी मैं यहां आता हूं, तो मुझे वो दिन याद आने लगते हैं जब मैं भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में काम करता था.'
पीएम मोदी ने आगे कहा,' मैंने इस क्षेत्र में बहुत समय बिताया है. सोनमर्ग हो, गुलमर्ग हो या बारामूला, हम कई किलोमीटर तक घंटों पैदल यात्रा करते थे और तब भी बर्फबारी बहुत भारी होती थी. लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों की गर्मजोशी ऐसी है कि हमें ठंड का एहसास ही नहीं हुआ.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज देश के कोने-कोने में उत्सव का माहौल है. आज से प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो रहा है. करोड़ों लोग वहां पवित्र स्नान के लिए जा रहे हैं. आज पंजाब समेत पूरा उत्तर भारत लोहड़ी के उत्साह से भरा हुआ है. ये समय मकर संक्रांति और पोंगल जैसे कई त्योहारों का है. साल का ये समय यहां घाटी में चिल्ला-ए-कलां का है. देशभर से पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं. कुछ दिन पहले मुझे जम्मू में आपके अपने रेलवे डिवीजन की आधारशिला रखने का अवसर मिला. ये आपकी बहुत पुरानी मांग थी. आज मुझे सोनमर्ग सुरंग देश को सौंपने का अवसर मिला है.'
जम्मू-कश्मीर में जेड-मोड़ सुरंग उद्घाटन किया गया (ETV Bharat Urdu Desk)
जेड-मोड़ सुरंग सोनमर्ग सुंदर पर्यटन स्थल और गांदरबल जिले के कंगन शहर के बीच साल भर और हर मौसम में संपर्क सुविधा प्रदान करेगी. सोनमर्ग सर्दियों के महीनों में श्रीनगर और घाटी के बाकी हिस्सों से कटकर दुर्गम हो जाता है क्योंकि एकमात्र सड़क संपर्क भारी बर्फ जमा हो जाता है. बर्फबारी और भूस्खलन का खतरा बना रहता है. जोजिला सुरंग के पूरा होने के बाद यह सुरंग लेह के साथ सभी मौसम में संपर्क प्रदान करेगी, जिसकी समय सीमा 2028 है.
जम्मू-कश्मीर में जेड-मोड़ सुरंग उद्घाटन के अवसर पर मौजूद लोग (ETV Bharat Urdu Desk)
यह जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली पहली सरकार के चुनाव के बाद प्रधानमंत्री का पहला दौरा होगा और 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद से यह 12वां दौरा होगा. प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीति गडकरी, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला व अन्य नेता मौजूद रहे.
जम्मू-कश्मीर में जेड-मोड़ सुरंग का दृश्य (ETV Bharat Urdu Desk)
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार शाम सुरंग का दौरा किया और उद्घाटन की तैयारियों की समीक्षा की. उमर ने तस्वीरें और वीडियो एक्स पर पोस्ट किए जिन्हें प्रधानमंत्री ने फिर से पोस्ट किया, जिससे दोनों नेताओं के बीच विकास परियोजनाओं पर सौहार्द का संकेत मिलता है. उमर ने रविवार को कहा, 'सुरंग सभी मौसम में संपर्क प्रदान करेगी और सोनमर्ग पर शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देगी.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जेड-मोड़ सुरंग का जायजा लेते हुए (ETV Bharat Urdu Desk)
सुरंग का सामरिक महत्व 6.4 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग सोनमर्ग को सभी मौसमों में पर्यटन स्थल बनाती है और इसे गंदेरबल जिले के कंगन शहर से जोड़ती है. इसकी सामरिक और रक्षा संबंधी क्षमता पर्यटन से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह गंदेरबल-लेह राजमार्ग को पूरे साल खुला रखेगी, जबकि पास में ही एक और जोजिला सुरंग 2028 में बनकर तैयार हो जाएगी.
इस राजमार्ग से पूर्वी सीमा पर चीन के खिलाफ वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा के लिए लद्दाख में तैनात सेना और सुरक्षा बल शस्त्रागार के अलावा सामान और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं का परिवहन करते हैं.
सुरंग जिसका नाम सड़क के जेड-आकार वाले खंड से लिया गया है, जहां इसे बनाया गया है. ये सिंध नदी से 8,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. 2012 में परिकल्पित, सुरंग का निर्माण पहले सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जाना था, लेकिन बाद में इसे राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) को सौंप दिया गया. निर्माण का ठेका एप्को (APCO) इंफ्राटेक को दिया गया था.
मूल रूप से अगस्त 2023 तक पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट देरी से शुरू हुआ. फरवरी 2024 में इसका सॉफ्ट लॉन्च हुआ, लेकिन जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के कारण आधिकारिक उद्घाटन में देरी हुई.