देहरादून: रुद्रप्रयाग जिले की केदारघाटी में बीती 31 जुलाई को आई आपदा को 28 दिन बीत चुके है, लेकिन अभी तक केदारनाथ पैदल यात्रा पूरी तरह से पटरी पर नहीं आ पाई है. साल 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि जब इतने दिनों तक केदारनाथ पैदल मार्ग नहीं खुल पाया है. केदारघाटी की आपदा का खामियाजा कहीं न कहीं स्थानीय लोगों को उठाना पड़ रहा है. क्योंकि इस आपदा के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपनी बुकिंग कैंसिल कराई है.
अभी भी कई लोग लापता: बीती 31 जुलाई को केदारघाटी में बारिश ने जमकर कहर बरपाया था. केदारनाथ पैदल मार्ग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके अलावा सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक ऋषिकेश-केदारनाथ नेशनल हाईवे भी टूटा हुआ पड़ा है. इस आपदा में कई लोगों की मौत हुई थी और कई लोग अभी भी लापता है.
सरकार और प्रशासन का प्रयास: वर्तमान हालत को देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल है कि केदारनाथ पैदल मार्ग से यात्रा कब अपनी पटरी पर लौटेगी और पहले ही तरह बाबा केदार के दर पर भक्तों की भीड़ लगेगी. हालांकि सरकार और स्थानीय प्रशासन अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रहा है कि सितंबर महीने के पहले हफ्ते तक केदारनाथ पैदल मार्ग को दुरुस्त कर लिया जाए. ताकि भक्त पहले की तरह आसानी से बाबा केदार के दर पर पहुंच सके.
केदारनाथ धाम. (ETV Bharat) साल 2013 के बाद दूसरी बड़ी आपदा: साल 2013 के बाद ये दूसरी आपदा है, जिसका असर न सिर्फ केदारनाथ यात्रा पर पड़ा है, बल्कि केदारघाटी में जान-माल का भी बड़ा नुकसान हुआ है. केदारघाटी आपदा में अभीतक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.
श्रद्धालुओं को लौटना पड़ा वापस: केदारघाटी आपदा के एक हफ्ते बाद सरकार ने हेलीकॉप्टर से तो केदारनाथ यात्रा शुरू कर दी थी, लेकिन पैदल मार्ग से जाना मुश्किल थी. हालांकि अब कुछ लोग पैदल मार्ग से जैसे-कैसे केदारनाथ धाम पहुंच रहे है. लेकिन कुछ श्रद्धालुओं ऐसे भी है, जो रुद्रप्रयाग, गुप्तकाशी और आसपास के क्षेत्रों से ही वापस लौट गए. क्योंकि टूटी सड़कों की स्थिति देखकर उनकी केदारनाथ धाम जाने की हिम्मत नहीं हुई.
आपदा के बाद केदारनाथ पैदल मार्ग और धाम में फंसे लोगों को वैकल्पिक रास्तों से भी निकाला गया था. (ETV Bharat) केदारनाथ यात्रा का दूसरा चरण: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा दो चरणों में होती है. यात्रा का पहला चरण कपाट खुलने से लेकर मॉनसून सीजन की शुरुआत तक होता है. इस दौरान चारधाम में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते है. इस बार भी पहले चरण में सबसे ज्यादा यात्री केदारनाथ धाम में पहुंचे थे.
वहीं यात्रा का दूसरा चरण मॉनसून के बाद सिंतबर के दूसरे सप्ताह से शुरू होता है. मॉनसून के दौरान बहुत कम संख्या में तीर्थयात्री चारधाम में आते है. क्योंकि इस दौरान पहाड़ों पर बारिश के साथ-साथ लैंडस्लाइड का खतरा भी बढ़ जाता है. दूसरे चरण को यात्रा को लेकर स्थानीय व्यापारी भी काफी उत्साहित रहते है, लेकिन केदारघाटी की आपदा से बाद से ऐसा लग रहा है कि केदारनाथ धाम इस बार सितंबर महीने में भी सूना रहेगा.
केदार घाटी आपदा के बाद रेस्क्यू की तस्वीर (फाइल फोटो) (ETV Bharat) बुकिंग कैंसिल करा रहे तीर्थयात्री: सितंबर महीने के लिए जिन तीर्थयात्रियों ने अपने होटलों और धर्मशाला की बुकिंग कराई थी, उन्होंने भी अब बुकिंग कैंसिल करानी शुरू कर दी है, जिससे स्थानीय कारोबारी काफी मायूस है. केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 400 से ज्यादा होटल और धर्मशालाएं है, जहां करीब 12000 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. यात्रा के दूसरे चरण में होटल और धर्मशालाओं के लगभग सभी कमरे फुल हो जाते है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है.
कारोबारियों की टूट गई कमर: केदारनाथ होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी ने बताया कि सितंबर के लिए अमूमन बुकिंग हो चुकी थी, लेकिन सभी को अब धीरे-धीरे यह मालूम हो रहा है कि रास्ता अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है. ऐसे में लोग जोखिम भरी यात्रा नहीं करना चाहेंगे. इसीलिए धीरे-धीरे लोग अपनी बुकिंग रद्द करवा रहे है. वैसे नितिन जमलोकी को अभी भी उम्मीद है कि केदारनाथ पैदल मार्ग को प्रशासन ने जिस तरह से कुछ हद तक बेहतर कर लिया है. इसी तरह से सोनप्रयाग जाने वाले मार्ग को भी वह बेहतर कर लेंगे.
केदार घाटी आपदा के दौरान लोगों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया था. (ETV Bharat) कब पूरी तरह से खुलेगा मार्ग पता नहीं: ट्रैवल व्यवसाय से जुड़े सुमित श्री कुंज को पहले उम्मीद थी कि बारिश के तुरंत बाद हर साल की इस बार भी उनका कारोबार फिर से गति पकड़ेगा, लेकिन 31 जुलाई को केदारघाटी में आई आपदा ने उनकी कमर तोड़कर रख दी है. रोजाना 15 से 20 गाड़ियों की बुकिंग कैंसिल हो रही है. इस सीजन में केदारनाथ यात्रा सही तरीके से चलेगी भी या नहीं, इसको लेकर वो कुछ नहीं कह सकते है.
पांच दिनों से बंद था बदरीनाथ मार्ग:सुमित श्री कुंज ने ये जरूर बताया कि लोग केदारनाथ की बुकिंग कैंसिल करवा कर बदरीनाथ जा रहे हैं, लेकिन बदरीनाथ का रास्ता भी पांच दिनों से बंद था. इससे भी उन्हें काफी नुकसान हुआ है. साल 2013 की आपदा के बाद से भक्तों का ट्रेंड केदारनाथ धाम की तरफ सबसे ज्यादा देखा गया. हर उम्र के भक्त बड़ी संख्या में केदारनाथ पहुंचे रहे है.
केदार घाटी आपदा के बाद सड़कों का हाल. (ETV Bharat) अजय कोठियाल को दी गई जिम्मेदारी: राज्य सरकार ने एक बार फिर से केदारनाथ धाम पैदल मार्ग से यात्रा सुचारू कराने की जिम्मेदारी रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल को दी है. अजय कोठियाल ने पैदल यात्रा मार्ग का जायया भी लिया है. अजय कोठियाल ने कहा कि सात सितंबर से पहले पैदल यात्रा मार्ग को बनाने की पूरी कोशिश की जाएगी. ताकि भक्त सुरक्षित पैदल बाबा केदार के धाम तक जा सकें. काफी हद तक मार्ग को बना भी दिया गया है, जिससे कुछ भक्त जा भी रहे है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्द ही पूरा मार्ग बनकर तैयार हो जाएगी.
क्या कहते हैं अधिकारी: रुद्रप्रयाग जिले के अधिशासी अभियंता विनय झिंकवाड की माने तो हम इस बार मार्ग को और अधिक चौड़ा बनाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए अलग-अलग जगह पर पुश्ते लगाए जा रहे हैं. फिलहाल जो मार्ग खुला है, उसमें थोड़ी सी कठिनाई आ रही है. मार्ग जल्द बने इसके लिए 300 कर्मचारी और लगभग उनके ऊपर 10 अधिकारी काम कर रहे है.
शासन स्तर से हो रही काम का मॉनिटरिंग: शासन से सचिव स्तर के अधिकारी पूरा मांग की खुद मॉनिटरिंग कर रहे है. सरकार का पूरा प्रयास है कि जल्द से जल्द यात्रा मार्ग को दुरुस्त कर लिया जाए. प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार 27 अगस्त को केदारनाथ यात्रा पर मात्र 482 श्रद्धालु पहुंचे हैं. इनमें हेलीकॉप्टर और पैदल मार्ग से पहुंचाने वालों की संख्या है. हालांकि 27 अगस्त के दिन लगभग 400 श्रद्धालुओं को पैदल मार्ग से भेजा गया था, जो धीरे-धीरे केदारनाथ धाम पहुंचे. इसी तरह से बदरीनाथ में भी 27 अगस्त को मात्र 1700 लोगों ने दर्शन किए. केदारनाथ के साथ-साथ बद्रीनाथ धाम मार्ग भी पिछले 5 दिनों से बंद पड़ा था.
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