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जल्द बाजार में आएगा उत्तराखंड का सेहतमंद नमक, कीमत जान उड़ जायेंगे होश, दुनियाभर में खास है बैम्बू सॉल्ट - BAMBOO SALT

बैम्बू सॉल्ट जिसे कोरियन नमक के नाम से भी जाना जाता है, वो उत्तराखंड में तैयार किया जा रहा है.

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बैम्बू सॉल्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 14, 2025, 10:02 PM IST

देहरादून (नवीन उनियाल): उत्तराखंड जल्द ही बाजार में अपना सेहतमंद नमक उतारने जा रहा है. ये नमक न केवल तमाम पौष्टिक तत्वों से भरपूर होगा बल्कि सामान्य नमक में मौजूद हानिकारक सोडियम के खतरे से भी राहत दिलाएगा. खास बात यह है कि उत्तराखंड काफी हद तक इस पर अपना ट्रायल पूरा कर चुका है और अब कमर्शियल रूप में इसे बाजार में इंटरड्यूज करने की तैयारी कर रहा है. जानिए बैम्बू सॉल्ट क्यों खास है और क्यों ये दुनिया का सबसे महंगा नमक हैं?

बाजार में यूं तो कई तरह के नमक मौजूद हैं, लेकिन उत्तराखंड अब एक ऐसे नमक को लोगों के लिए उपलब्ध कराने जा रहा है, जो लोगों की सेहत को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है. फिलहाल उत्तराखंड वन विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड बांस एवं फाइबर विकास बोर्ड (Uttarakhand Bamboo & Fiber Development Board) इसके लिए विशेष प्रयास में जुटा हुआ है. खास बात यह है कि बैम्बू सॉल्ट को तैयार करने के लिए काफी हद तक ट्रायल भी पूरा हो चुका है और अब इसे कमर्शियल रूप में बाजार तक पहुंचाने की तैयारी है.

उत्तराखंड में तैयार किया जा रहा दुनिया का सबसे महंगा नमक. (ETV Bharat)

जानिए क्या है बैंबू सॉल्ट: बैम्बू सॉल्ट जिसे दुनिया भर में कोरियन नकम के नाम से भी जाना जाता है, ये एक ऐसा नमक है, जिसे सबसे पहले कोरिया में पहचान मिली और धीरे धीरे इस नमक की पूरी दुनियां में डिमांड होने लगी. बैंबू की मदद से स्पेशल ट्रीटमेंट के बाद तैयार होने के चलते इसे बैम्बू सॉल्ट का नाम दिया गया. इस नमक को काफी कठिन और लंबी प्रक्रिया के बाद तैयार किया जाता है. इसकी सबसे खास बात इसका विभिन्न महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्वों से भरपूर होना है.

ट्रायल के बाद बाजार में उतारा जाएगा ये नमक: पूरी दुनिया में सबसे महंगे नमक के रूप में पहचाने जाने वाले बैम्बू सॉल्ट को उत्तराखंड तैयार कर रहा है. फिलहाल बांस एवं फाइबर विकास बोर्ड ने इस नमक का ट्रायल काफी हद तक पूरा कर लिया है. इसके लिए सबसे पहले बैम्बू नमक को उत्तराखंड में तैयार करने के लिए अध्ययन किया गया. इसके बाद पूरी स्टडी होने पर नमक बनाने के लिए ट्रायल के काम को शुरू किया गया.

कोरियन नमक 9 बार रोस्ट होने के बाद सबसे बेहतर परिणाम तक पहुंचता है. फिलहाल उत्तराखंड में इसे 6 बार रोस्ट किए जाने का ट्रायल हो चुका है और अब तीन बार रोस्ट किया जाना बाकी है. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद उत्तराखंड इस खास नमक को कमर्शियल रूप में बाजार में उतारेगा. बड़ी बात यह है कि उत्तराखंड अंतरराष्ट्रीय बाजार में मौजूद इसकी कीमत से काफी कम दामों पर इसे बाजार में उपलब्ध कराने की सोच रहा है.

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उत्तराखंड में बांस की मदद से तैयार किया जा रहा कोरियन सॉल्ट. (ETV Bharat)

कोरियन सॉल्ट को बनाने की प्रक्रिया: कोरियन सॉल्ट की प्रक्रिया काफी लंबी और कठिन है. इस नमक को सामान्य समुद्री नमक से ही तैयार किया जाता है. इसके लिए विशेष बांस के खोखले तने में समुद्री नमक को भरकर रखा जाता है और इसके बाद तने के दोनों छोर को मिट्टी के लेप से बंद कर दिया जाता है, ताकि नमक बाहर न निकले. इसके बाद इस तने को विशेष तौर पर तैयार की गई भट्टी में पकाया जाता है. करीब 300 से 400 डिग्री सेल्सियस की गर्मी में तपकर ये नमक ठोस रूप ले लेता है. इसके बाद इसे बाहर निकाल कर फिर पाउडर की शक्ल दी जाती है. इसी तरह इस प्रक्रिया को 9 बार किया जाता है और इसके बाद जाकर यह नमक बैम्बू साल्टके रूप में पहचाना जाता है.

हालांकि बाजार में उपलब्ध बैम्बू सॉल्ट या इससे कुछ ज्यादा बार पकाकर भी तैयार हो रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा कीमत 9 बार पकाकर तैयार किए गए नमक की ही होती है. नमक को बांस के खोखे में जितनी ज्यादा बार पकाया जाता है, ये नमक उतना ही ठोस हो जाता है.. और बांस के पोषक तत्व भी इस नमक में उतने ही ज्यादा घुल जाते हैं.

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एक किलो बैम्बू साल्ट बनाने में 20 दिन लगते है. (ETV Bharat)

दुनिया में कोरियन नमक की डिमांड और कीमत: पूरी दुनिया में बैम्बू सॉल्ट की डिमांड बेहद ज्यादा है. हालांकि इसकी कीमत बेहद ज्यादा होने के कारण एक खास वर्ग ही इसे खरीद पाता है. माना जाता है कि इस नमक का पूरी दुनिया में करीब दो लाख 40 हजार करोड़ का बाजार है. प्रक्रिया लंबी है इसलिए इस नमक का उत्पादन सीमित मात्रा में ही हो पता है. आकलन के अनुसार सामान्य नमक का इस प्रक्रिया में जितना इस्तेमाल किया जाता है उसे 10 गुना कम नमक बैम्बू साल्टके रूप में तैयार होता है.

20 दिन में तैयार होता है एक किलो नमक: अच्छी बात यह है कि भारत में नमक की कीमत काफी कम है. ऐसे में इस प्रक्रिया के जरिए न केवल बड़ी मात्रा में बंबू साल्ट तैयार किया जा सकता है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में मौजूद कीमत से कम कीमत में भी उपलब्ध कराया जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 20000 से 30000 रुपए किलो में यह नमक बेचा जा रहा है. बैम्बूसॉल्ट के तैयार होने में लंबा वक्त लगता है. एक किलो बंबू सॉल्ट करीब 20 दिन में तैयार होता है. जिसमें कई तरह के पोशक तत्व मौजूद होते हैं. वैसे तो भारत में पंजाब समेत कुछ दूसरे राज्यों में भी इस नमक को तैयार किया जा रहा है, लेकिन उत्तराखंड इसके सबसे बेहतरीन स्वरूप पर काम कर रहा है यानी उत्तराखंड 9 बार रोस्ट करने के बाद ही इस नमक को बाजार में उतारेगा वो भी काफी कम कीमत पर.

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कोरियन साल्ट को बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल है. (ETV Bharat)

सेहत के लिए बेहतरीन क्यों है? दुनिया भर में बंबू सॉल्ट सबसे महंगे नमक के रूप में जाना जाता है. इसका कारण इस नमक के अंदर मौजूद पौष्टिक तत्व होते हैं. अपनी इसी खासियत के कारण इसकी डिमांड भी काफी ज्यादा होती है और लोग इसकी कई गुना ज्यादा कीमत देने के लिए भी तैयार रहते हैं. बंबू साल्ट में करीब 73 मिनरल मिलते हैं. इस तरह इस नमक का सेवन करने वाले लोगों में शारीरिक रूप से कई तरह के मिनरल की पूर्ति होती है. कैल्शियम, मैगनीशियम, आयरन, कॉपर, बेरियम, जिंक जैसे कई तत्व इसमें मौजूद होते हैं.

चिकित्सकों की राय: बंबू साल्ट को लेकर आयुर्वेद चिकित्सक इसके फायदे गिनाते है तो इससे कई तरह के फायदे दिखाई देते हैं. बीएएमएस डॉ सुशांत मिश्र कहते हैं कि बंबू सॉल्ट पाचन के लिए बेहद फायदेमंद होता है और इससे एसिडिटी और यूरिक एसिड जैसी समस्या भी खत्म हो सकती है.

डॉ सुशांत मिश्र कहते हैं कि इस नमक की मेडिसिनल क्वालिटी इसकी खासियत होती है, जहां एक तरफ सामान्य नमक में सोडियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जिससे ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और स्क्रीन के अलावा सफेद बाल, आंखों की कमजोरी जैसी समस्या हो सकती है, तो वही बांस में मौजूद पोषक तत्वों वाले नमक से शरीर को कई मिनरल मिलते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं.

उत्तराखंड में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के बाद न केवल राज्य को इससे राजस्व की प्राप्ति होगी, बल्कि आम लोगों को भी इससे रोजगार मिल सकेगा. बैंबू बोर्ड इस प्रोजेक्ट के जरिए आम लोगों को भी जोड़ने का प्रयास कर रहा है, ताकि यह योजना रोजगार की दृष्टिकोण से भी अहम हो सके. साथ ही जो लोग बेहद अधिक दाम होने के कारण इस नमक को नहीं खरीद पाए, उन्हें कम दामों में इस सेहतमंद नमक की उपलब्धता कराई जा सके. माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों में बाकी बची प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद बेहतर मार्केटिंग के माध्यम से इसे बाजार में उतरने के प्रयास भी शुरू कर दिए जाएंगे.

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देहरादून (नवीन उनियाल): उत्तराखंड जल्द ही बाजार में अपना सेहतमंद नमक उतारने जा रहा है. ये नमक न केवल तमाम पौष्टिक तत्वों से भरपूर होगा बल्कि सामान्य नमक में मौजूद हानिकारक सोडियम के खतरे से भी राहत दिलाएगा. खास बात यह है कि उत्तराखंड काफी हद तक इस पर अपना ट्रायल पूरा कर चुका है और अब कमर्शियल रूप में इसे बाजार में इंटरड्यूज करने की तैयारी कर रहा है. जानिए बैम्बू सॉल्ट क्यों खास है और क्यों ये दुनिया का सबसे महंगा नमक हैं?

बाजार में यूं तो कई तरह के नमक मौजूद हैं, लेकिन उत्तराखंड अब एक ऐसे नमक को लोगों के लिए उपलब्ध कराने जा रहा है, जो लोगों की सेहत को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है. फिलहाल उत्तराखंड वन विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड बांस एवं फाइबर विकास बोर्ड (Uttarakhand Bamboo & Fiber Development Board) इसके लिए विशेष प्रयास में जुटा हुआ है. खास बात यह है कि बैम्बू सॉल्ट को तैयार करने के लिए काफी हद तक ट्रायल भी पूरा हो चुका है और अब इसे कमर्शियल रूप में बाजार तक पहुंचाने की तैयारी है.

उत्तराखंड में तैयार किया जा रहा दुनिया का सबसे महंगा नमक. (ETV Bharat)

जानिए क्या है बैंबू सॉल्ट: बैम्बू सॉल्ट जिसे दुनिया भर में कोरियन नकम के नाम से भी जाना जाता है, ये एक ऐसा नमक है, जिसे सबसे पहले कोरिया में पहचान मिली और धीरे धीरे इस नमक की पूरी दुनियां में डिमांड होने लगी. बैंबू की मदद से स्पेशल ट्रीटमेंट के बाद तैयार होने के चलते इसे बैम्बू सॉल्ट का नाम दिया गया. इस नमक को काफी कठिन और लंबी प्रक्रिया के बाद तैयार किया जाता है. इसकी सबसे खास बात इसका विभिन्न महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्वों से भरपूर होना है.

ट्रायल के बाद बाजार में उतारा जाएगा ये नमक: पूरी दुनिया में सबसे महंगे नमक के रूप में पहचाने जाने वाले बैम्बू सॉल्ट को उत्तराखंड तैयार कर रहा है. फिलहाल बांस एवं फाइबर विकास बोर्ड ने इस नमक का ट्रायल काफी हद तक पूरा कर लिया है. इसके लिए सबसे पहले बैम्बू नमक को उत्तराखंड में तैयार करने के लिए अध्ययन किया गया. इसके बाद पूरी स्टडी होने पर नमक बनाने के लिए ट्रायल के काम को शुरू किया गया.

कोरियन नमक 9 बार रोस्ट होने के बाद सबसे बेहतर परिणाम तक पहुंचता है. फिलहाल उत्तराखंड में इसे 6 बार रोस्ट किए जाने का ट्रायल हो चुका है और अब तीन बार रोस्ट किया जाना बाकी है. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद उत्तराखंड इस खास नमक को कमर्शियल रूप में बाजार में उतारेगा. बड़ी बात यह है कि उत्तराखंड अंतरराष्ट्रीय बाजार में मौजूद इसकी कीमत से काफी कम दामों पर इसे बाजार में उपलब्ध कराने की सोच रहा है.

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उत्तराखंड में बांस की मदद से तैयार किया जा रहा कोरियन सॉल्ट. (ETV Bharat)

कोरियन सॉल्ट को बनाने की प्रक्रिया: कोरियन सॉल्ट की प्रक्रिया काफी लंबी और कठिन है. इस नमक को सामान्य समुद्री नमक से ही तैयार किया जाता है. इसके लिए विशेष बांस के खोखले तने में समुद्री नमक को भरकर रखा जाता है और इसके बाद तने के दोनों छोर को मिट्टी के लेप से बंद कर दिया जाता है, ताकि नमक बाहर न निकले. इसके बाद इस तने को विशेष तौर पर तैयार की गई भट्टी में पकाया जाता है. करीब 300 से 400 डिग्री सेल्सियस की गर्मी में तपकर ये नमक ठोस रूप ले लेता है. इसके बाद इसे बाहर निकाल कर फिर पाउडर की शक्ल दी जाती है. इसी तरह इस प्रक्रिया को 9 बार किया जाता है और इसके बाद जाकर यह नमक बैम्बू साल्टके रूप में पहचाना जाता है.

हालांकि बाजार में उपलब्ध बैम्बू सॉल्ट या इससे कुछ ज्यादा बार पकाकर भी तैयार हो रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा कीमत 9 बार पकाकर तैयार किए गए नमक की ही होती है. नमक को बांस के खोखे में जितनी ज्यादा बार पकाया जाता है, ये नमक उतना ही ठोस हो जाता है.. और बांस के पोषक तत्व भी इस नमक में उतने ही ज्यादा घुल जाते हैं.

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एक किलो बैम्बू साल्ट बनाने में 20 दिन लगते है. (ETV Bharat)

दुनिया में कोरियन नमक की डिमांड और कीमत: पूरी दुनिया में बैम्बू सॉल्ट की डिमांड बेहद ज्यादा है. हालांकि इसकी कीमत बेहद ज्यादा होने के कारण एक खास वर्ग ही इसे खरीद पाता है. माना जाता है कि इस नमक का पूरी दुनिया में करीब दो लाख 40 हजार करोड़ का बाजार है. प्रक्रिया लंबी है इसलिए इस नमक का उत्पादन सीमित मात्रा में ही हो पता है. आकलन के अनुसार सामान्य नमक का इस प्रक्रिया में जितना इस्तेमाल किया जाता है उसे 10 गुना कम नमक बैम्बू साल्टके रूप में तैयार होता है.

20 दिन में तैयार होता है एक किलो नमक: अच्छी बात यह है कि भारत में नमक की कीमत काफी कम है. ऐसे में इस प्रक्रिया के जरिए न केवल बड़ी मात्रा में बंबू साल्ट तैयार किया जा सकता है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में मौजूद कीमत से कम कीमत में भी उपलब्ध कराया जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 20000 से 30000 रुपए किलो में यह नमक बेचा जा रहा है. बैम्बूसॉल्ट के तैयार होने में लंबा वक्त लगता है. एक किलो बंबू सॉल्ट करीब 20 दिन में तैयार होता है. जिसमें कई तरह के पोशक तत्व मौजूद होते हैं. वैसे तो भारत में पंजाब समेत कुछ दूसरे राज्यों में भी इस नमक को तैयार किया जा रहा है, लेकिन उत्तराखंड इसके सबसे बेहतरीन स्वरूप पर काम कर रहा है यानी उत्तराखंड 9 बार रोस्ट करने के बाद ही इस नमक को बाजार में उतारेगा वो भी काफी कम कीमत पर.

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कोरियन साल्ट को बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल है. (ETV Bharat)

सेहत के लिए बेहतरीन क्यों है? दुनिया भर में बंबू सॉल्ट सबसे महंगे नमक के रूप में जाना जाता है. इसका कारण इस नमक के अंदर मौजूद पौष्टिक तत्व होते हैं. अपनी इसी खासियत के कारण इसकी डिमांड भी काफी ज्यादा होती है और लोग इसकी कई गुना ज्यादा कीमत देने के लिए भी तैयार रहते हैं. बंबू साल्ट में करीब 73 मिनरल मिलते हैं. इस तरह इस नमक का सेवन करने वाले लोगों में शारीरिक रूप से कई तरह के मिनरल की पूर्ति होती है. कैल्शियम, मैगनीशियम, आयरन, कॉपर, बेरियम, जिंक जैसे कई तत्व इसमें मौजूद होते हैं.

चिकित्सकों की राय: बंबू साल्ट को लेकर आयुर्वेद चिकित्सक इसके फायदे गिनाते है तो इससे कई तरह के फायदे दिखाई देते हैं. बीएएमएस डॉ सुशांत मिश्र कहते हैं कि बंबू सॉल्ट पाचन के लिए बेहद फायदेमंद होता है और इससे एसिडिटी और यूरिक एसिड जैसी समस्या भी खत्म हो सकती है.

डॉ सुशांत मिश्र कहते हैं कि इस नमक की मेडिसिनल क्वालिटी इसकी खासियत होती है, जहां एक तरफ सामान्य नमक में सोडियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जिससे ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और स्क्रीन के अलावा सफेद बाल, आंखों की कमजोरी जैसी समस्या हो सकती है, तो वही बांस में मौजूद पोषक तत्वों वाले नमक से शरीर को कई मिनरल मिलते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं.

उत्तराखंड में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के बाद न केवल राज्य को इससे राजस्व की प्राप्ति होगी, बल्कि आम लोगों को भी इससे रोजगार मिल सकेगा. बैंबू बोर्ड इस प्रोजेक्ट के जरिए आम लोगों को भी जोड़ने का प्रयास कर रहा है, ताकि यह योजना रोजगार की दृष्टिकोण से भी अहम हो सके. साथ ही जो लोग बेहद अधिक दाम होने के कारण इस नमक को नहीं खरीद पाए, उन्हें कम दामों में इस सेहतमंद नमक की उपलब्धता कराई जा सके. माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों में बाकी बची प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद बेहतर मार्केटिंग के माध्यम से इसे बाजार में उतरने के प्रयास भी शुरू कर दिए जाएंगे.

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