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रैवासा धाम पहुंच पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने दी महंत राघवाचार्य जी महाराज को श्रद्धांजलि, कही ये बड़ी बात - Tribute To Mahant Raghavacharya

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 12, 2024, 6:41 PM IST

Tribute To Mahant Raghavacharya, बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और योग गुरु बाबा रामदेव गुरुवार को सीकर स्थित रैवासा धाम पहुंचे, जहां दोनों ने रैवासा धाम के देवलोक गमन हुए पीठाधीश्वर महंत राघवाचार्य महाराज को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान मौके पर राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी व भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य भी मौजूद रहे.

Tribute To Mahant Raghavacharya
महंत राघवाचार्य जी महाराज को दी श्रद्धांजलि (ETV BHARAT Sikar)

पंडित धीरेंद्र शास्त्री और बाबा रामदेव ने दी महंत राघवाचार्य जी महाराज को श्रद्धांजलि (ETV BHARAT Sikar)

सीकर :बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री गुरुवार को जिले के रैवासा धाम पहुंचे, जहां उन्होंने रैवासा धाम के देवलोक गमन हुए पीठाधीश्वर महंत राघवाचार्य महाराज को श्रद्धांजलि दी. वहीं, महंत राघवाचार्य महाराज के निधन पर शोक जताते हुए उन्होंने कहा कि रैवासा धाम के पूजे संत पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 राघवाचार्य जी महाराज का देवलोक गमन सनातन धर्मावलंबियों के लिए एक अपूर्ण क्षति है.

हालांकि, पंडित धीरेंद्र शास्त्री का पहले चार्टर प्लेन से सुबह 9:30 बजे तारपुरा हवाई पट्टी पर उतरने का कार्यक्रम था, लेकिन किन्हीं कारणों से वो बाद में जयपुर से सड़क मार्ग से होते हुए दांतारामगढ़ स्थित रैवासा धाम पहुंचे. वहीं, मौके पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री को देखने के लिए भारी संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ी थी. ऐसे में पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा इंतजाम के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी. वहीं, मौके पर योग गुरु बाबा रामदेव, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य समेत अन्य गणमान्यजन मौजूद रहे.

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स्वर्गीय महंत राघवाचार्य जी महाराज सीकर स्थित भगवान राम के सबसे पुराने जानकीनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर थे. यह मंदिर 1570 में बना था और ये प्राचीन पीठ माना जाता है. बता दें कि राघवाचार्य जी वेदांत विषय में पीएचडी थे. इसके अलावा राजस्थान संस्कृत अकादमी के अध्यक्ष भी रहे. इस दौरान उन्होंने राजस्थान में वेद आश्रमों की स्थापना की. रैवासा वेद विद्यालय में वेदों की शिक्षा लेने वाले स्टूडेंट इंडियन आर्मी से लेकर कई बड़े संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

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