कॉलेज प्रशासन दोषियों पर करेगा कार्रवाई (वीडियो ईटीवी भारत कोटा) झालावाड़. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की आयोजित नीट यूजी परीक्षा में फर्जीवाड़ा में देशभर पर में कई जगह पर मुकदमे दर्ज हुए हैं. जिन पर अलग-अलग राज्यों की पुलिस कार्रवाई कर रही है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है. इसके बाद लगातार कार्रवाई भी पूरे देश भर में हो रही है. इसमें अब तक सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी है. वहीं एक दर्जन के आसपास मुकदमे भी दर्ज किया जा चुके हैं. अब देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी के तार झालावाड़ मेडिकल कॉलेज से जुड़े है. झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के 10 मेडिकोज को दिल्ली और मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच उठाकर लेकर गई है.
झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. सुभाष चंद्र जैन का कहना है कि बीते दिनों दिल्ली और मुंबई की पुलिस झालावाड़ आई थी. नीट यूजी परीक्षा के संबंध में गड़बड़झाले के संबंध में वे दोनों ही जांच कर रही हैं. दोनों ही जगह पर जांच पड़ताल पुलिस कर रही है, इस संबंध में झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे कुछ एमबीबीएस के मेडिकोज स्टूडेंट के नाम भी उनके सामने आए थे, जिन्हें भी वहां की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इन मेडिकोज स्टूडेंट की संख्या 10 है. इनमें से आठ मेडिकोज स्टूडेंट को जमानत भी मिल चुकी है. वर्तमान में दो मेडिकोज अभी भी पुलिस की कस्टडी में है.
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कॉलेज प्रशासन दोषियों पर करेगा कार्रवाई: डिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर सुभाष चन्द्र जैन ने कहा कि नीट एग्जाम के बाद दिल्ली पुलिस की एक टीम झालावाड़ पहुंची थी. जहां उन्होंने झालावाड़ मेडिकल कॉलेज 8 छात्रों की जानकारी चाही थी. पुलिस के अनुसार सभी 8 छात्र नीट परीक्षा में डमी कैंडिडेट के रूप में बैठने को लेकर संदेह के घेरे में थे. उसके कुछ दिनों बाद मुंबई पुलिस की एक टीम झालावाड़ पहुंची और मेडिकल कॉलेज के दो छात्रों को अपने साथ लेकर मुंबई पहुंची. फिलहाल दोनों छात्रों के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. सुभाष जैन ने कहा कि इस घटना को लेकर फिलहाल छात्रों से लगातार उनकी बातचीत जारी है लेकिन छात्र फिलहाल इसको लेकर डरे हुए हैं. उन्होंने बताया कि यदि इस प्रकरण मैं कोई छात्र दोषी पाया जाता है तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर उच्च अधिकारियों की राय लेकर उस पर कार्रवाई करेगा.
बताया जा रहा है कि इस मामले में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों के साथ छात्राएं भी शामिल है, जिसमें लाखों रुपए लेकर डमी कैंडिडेट के रूप में इन्होंने परीक्षा दी थी. आपको बता दें कि इससे पहले भी राजस्थान के अन्य मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले मेडिकोज के इस तरह से डमी कैंडिडेट के रूप में नीट परीक्षा देने के मामले सामने आते रहे हैं.