राहुल गांधी, नेता प्रतिपक्ष (लोकसभा) (ETV Bharat Kota) कोटा.नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की आयोजित नीट यूजी परीक्षा को सड़क से लेकर सदन तक हंगामा बरपा हुआ है. विपक्ष नीट यूजी परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हो रहा है. सदन में भी मौका मिलने पर विपक्ष नीट यूजी का मुद्दा उठा रहा है. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नीट यूजी को लेकर सोमवार को हमला बोला और नीट यूजी परीक्षा को प्रोफेशनल एग्जाम की जगह कमर्शियल एग्जाम बता दिया. साथ ही कोटा पर भी निशाना साधा.
राहुल गांधी ने सदन में कहा कि प्रोफेशनल एग्जाम को कमर्शियल एग्जाम में बदल दिया गया है. अब नीट प्रोफेशनल एग्जाम नहीं रहा है. इसमें एक स्टूडेंट टॉपर हो सकता है और एक्सीलेंट स्टूडेंट हो सकता है, लेकिन उसके पास पैसा नहीं है तो वह मेडिकल कॉलेज में नहीं जा सकता. नीट यूजी का पासिंग मार्क्स 20 से 25 फीसदी है. यह पूरा एग्जाम अमीर बच्चों के लिए बनाया गया है.
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देश में मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस में सफलता दिलाने वाली कोटा कोचिंग इंडस्ट्री पर भी उन्होंने हमला बोला.। राहुल गांधी ने कहा कि कोटा में पूरे के पूरे एग्जाम को सेंट्रलाइज किया गया है. हजारों करोड़ रुपये बनाए जा रहे हैं. यह नीट यूजी कॉमर्शियल पेपर इन्होंने बना रखे हैं, जबकि केंद्र सरकार की भाजपा व एनडीए सरकार के कार्यकाल के दौरान 7 साल में 70 बार पेपर लीक हुआ है.
राहुल गांधी के बयान पर कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन का कहना है कि कोटा कोचिंग के मामले में सिरमौर यहां से सफल हुए बच्चों के नाम पर हुआ है. यहां के कोचिंग संस्थानों ने जीरो से शुरुआत की और एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट कतारों में लगते थे. कोटा में बच्चों को पढ़ाकर सफल बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है. कोटा का नाम कभी न तो पेपर लीक से जुड़ा है, न ही किसी गलत तरीके से सफलता अर्जित करने वालों में यहां के लोगों का नाम आया है. देश में नीट को लेकर जो कुछ चल रहा है, उससे कोटा का नाम जोड़कर राहुल गांधी बदनाम कर रहे हैं. यह स्वीकार योग्य नहीं है. राहुल गांधी और कांग्रेस के नेताओं को इस पर ध्यान रखना होगा.