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प्रकृति पर्व सरहुल की शोभा यात्रा आज, केकड़ा और मछली पकड़ने की विधि हुई पूरी - Sarhul 2024 - SARHUL 2024

Sarhul in Jharkhand. आदिवासी प्रकृति प्रेमी होते हैं. प्रकृति के प्रति अपनी आस्‍था और प्रेम प्रदर्शित करने के लिए झारखंड की आदिवासी जनजातियां सरहुल का त्‍योहार मनाते हैं. जानिए, इसकी महत्ता और मान्यता.

Nature festival of tribals Sarhul in Jharkhand today
झारखंड में सरहुल पूजा को लेकर मछली और केकड़ा पकड़ने की विधि संपन्न होने के बाद निकलेगी शोभा यात्रा

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 11, 2024, 9:17 AM IST

Updated : Apr 11, 2024, 10:29 AM IST

रांचीः आदिवासियों का प्रकृति पर्व सरहुल को लेकर झारखंड में उत्साह है. चार दिन से इस पर्व में उपवास, जल रखाई के साथ वर्षा की भविष्यवाणी समेत मछली और केकड़ा पकड़ने की रस्म निभाई गयी. इसके बाद दोपहर को सरहुल पूजा के बाद भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी.

आदिवासी समुदाय का सबसे बड़ा पर्व सरहुल में हर वर्ष भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है. इस वर्ष भी रांची में रांची में शोभा यात्रा निकाली जाएगी. इससे पहले सरहुल पूजा की शुरुआत केकड़ा और मछली पकड़ने से की गई.

केकड़ा और मछली पकड़ा गया

रांची के सभी सरना स्थल पर पारंपरिक विधि विधान से पूजा पाठ किया जा रहा है. इस दौरान सभी मौजा के युवाओं ने केकड़ा और मछली पकड़ा और जल रखाई की पूजा की गई. पाहन जगलाल के अनुसार महाप्रलय के समय धर्मेश और सरना मां ने दो लोगों को केकड़ा के बिल में छुपाया था. जिससे सृष्टि दोबारा शुरू हो सके, केकड़ा पकड़ने का विधि तभी से चली आ रहा है. बुधवार को सरहुल को लेकर कई अनुष्ठान हुए. बुधवार को वाहनों के द्वारा दो घड़ों में पानी रखकर जल रखाई पूजा हुई. इसके जरिये बारिश की भविष्यवाणी की जाती है.

सरहुल में केकड़ा पकड़ने की रस्म

चार दिनों का होता है सरहुल पर्व

सरहुल पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है. सरहुल के पहले दिन मछली के अभिषेक किए हुए जल को घर में छिड़का जाता है. दूसरे दिन उपवास रखा जाता है और गांव के पुजारी गांव की हर घर की छत पर साल के फूल रखते हैं. वहीं तीसरे दिन गांव के पहान सरना स्थल पर सरई के फूलों से पूजा करते हैं और इसी दिन पाहन उपवास रखते हैं. इसके साथ ही पाहन के द्वारा मुर्गे की बलि दी जाती है. पूजा के चौथे दिन सरहुल फूल का विसर्जन किया जाता है, जिसमें भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है.

पारंपरिक परिधान के साथ सरहुल के जुलूस की तैयारी

दो बजे से निकलेगा जुलूस

गुरुवार को दोपहर 2 बजे के बाद राजधानी रांची में सरहुल को लेकर भव्य शोभा यात्राएं निकाली जाएंगी. इस शोभायात्रा में पारंपरिक वेशभूषा में हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे. पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप पर लोक गीतों पर झूमते-नाचते लोग इस यात्रा.

पारंपरिक वाद्य यंत्र और लोक गीतों पर नृत्य करतीं युवतियां

एक बजे से भारी वाहनों का प्रवेश बंद

राजधानी रांची में सरहुल की शोभा यात्रा 11 अप्रैल यानी आज निकाली जाएगी. इसको लेकर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किया गया है. इसके तहत गुरुवार को दिन के एक बजे से शोभा यात्रा की समाप्ति तक मेन रोड में सामान्य वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. ट्रैफिक एसपी राजकुमार मेहता की ओर से इससे संबंधित रूट चार्ट जारी किया गया है. इस आदेश के तहत शहर में गुरुवार सुबह 6 से रात 12.30 बजे तक भारी और मालवाहक वाहनों का प्रवेश वर्जित किया गया है. भारी वाहन रिंग रोड होते हुए अपने गंतव्य तक जाएंगे.

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Last Updated : Apr 11, 2024, 10:29 AM IST

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